ऐसे धब्बे की परवाह नहीं* : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : नित्या को ससुराल छोड़ आये देख दादी उस पर गुस्सा हो रही थी। बार बार कह रही थी-  “चौधरी परिवार पर धब्बा लगाएगी तलाक का। 

आज तक इस परिवार में कभी किसी ने तलाक नहीं लिया है।  सब ने चाहते न चाहते हुए एडजस्ट किया है ।

अपनी बुआ रानो को देख शराबी पति के साथ जैसे-तैसे काट रही है। २० साल पहले आयी थी वो भी, नहीं रहूंगी ऐसे  शराबी के साथ पर मैंने  उसकी एक न सुनी। उन्ही पैरो से वापिस भेज दिया और एक तुम हो १ महीने में शादी तोड़ तलाक लेना चाहती हो। 

नित्या रोये जा रही थी ।

तभी दादा जी बोले-  “नित्य क्या बात हुई बेटा …खुल कर बता।

नित्या ने दादा जी कोई अपनी पीठ और पैर  दिखा दिए जिस पर सिगरेट के जले के  निशान थे।

“दादा जी आदमी नहीं जानवर है वो ।

ड्रग्स लेता है, कई लड़कियों के साथ संबंध है उस के।

फिर दादी की तरफ देख बोली- ” झेल रही थी सब चुपचाप। 

पर आज ….

पर आज बोला ….

मेरे दोस्त के साथ … सो  ..  नहीं तो ….

यह नहीं कर सकती दादा जी मैं, भाग आयी वहां से। 

दादाजी-  “सही किया बेटा, 

मैं तेरे साथ हुं। अपनी बेटी को ऐसे दरिंदे से अपनी आजाद करवाने पे कोई धब्बा नही लगता परिवार पर। फिर दुनिया जो बोलती है बोले। मुझे उसकी कोई परवाह नहीं ।

परिवार की आन-बान-शान  परिवार की ख़ुशी से होती है झूठे खोखले रिश्तों से नहीं।

 

नित्या बेटा तू आराम कर। हम सब तेरे साथ है ।

 

काश रानो के वक़्त भी यह कदम उठा लिया होता तो वो आज यूँ घुट- घुट कर ना  जी रही होती ।

#धब्बा लगना (मुहावरा प्रतियोगिता)

 

रीतू गुप्ता 

स्वरचित 

अप्रकाशित

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!