दो पल के गुस्से से प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता है -पूजा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

माही अपने भाइयों की लाड़ली बहिन जो दोनो से छोटी थी और भाईयो पर पूरा हक जमाए रखती , भाई भी बहिन की  सब फरमाइश पूरी करते ।नितिन और जतिन दोनो भाई पढ़ लिखकर अच्छे पदों पर नौकरी करने लगे ।

   माही को तो सब कुछ घर में मिलता था उसे कोई चिंता नहीं थी की उसे भी अपने पैरो पर खड़ा होना है ।मां जब कहती माही तुम भी कुछ करने की सोचो तो दोनो भाई बोल पड़ते उसके लिए तो मैं ऐसे लड़के से इसकी शादी करूंगा जो इसे ऐस कराएगा इसे कुछ करने की क्या जरूरत ।

    दोनो भाईयो ने माही के मन का राजकुमार देखकर उसकी शादी एक अच्छे घराने में कर दी माही जितनी खूबसूरत थी उसका पति भी उतना सुंदर और अच्छे पद पर था और माही की सभी फरमाइश पूरी करता था ,

माही की शादी के बाद नितिन की शादी हुई उसकी पत्नी दो बहिन थी उनके कोई भाई नहीं था उसकी भाभी को छोटी बहिन राखी बांधती थी और वह नितिन को भाई समझती थी । 

   रक्षाबंधन का दिन था माही भाई भाभी को राखी बांधने आई वह भाभी के लिए गिफ्ट भी लाई थी ,तभी भाभी की बहिन राशि आ गई वह भी अपनी दीदी को पहले की तरह राखी बांधने आई थी । दोनो ने खुशी खुशी राखी की रस्म की भाभी ने दोनो को एक जैसी गिफ्ट भी दी , भइया को राखी बांधकर वह बैठी थी की राशि ने भी आगे बढ़कर नितिन को राखी बांध दी  

, माही  ने बचपन से अब तक भाई की कलाई पर अपने सिवा किसी को राखी बांधने का अधिकार ही नहीं दिया था वह बर्दास्त नही कर पाई और गुस्से में बोल पड़ी बड़ी बहिन ने मेरे भाई पर अधिकार  कर रखा है अब क्या तुम भी मेरी जगह लेना चाहती हो ,अब से तुम ही राखी रोचना करना मेरे आने की कोई जरूरत नहीं ।

     खुशी का माहौल एकदम से बदल गया ,

नितिन ने कहा माही ये क्या बदतमीजी है ?

हां अब तो मेरी बात में तमीज खतम हो गई है नए रिश्ते जो आपको अच्छे लगने लगे ।

  माही रोती हुई अंदर चली गई भाई बहिन का प्यारा रिश्ता 

अब बिखर रहा था । भाभी भी उसकी बात से आहत हो गई थी । माही के दो पल के गुस्से ने रिश्तों की मिठास में खटास ला दी थी ।

      नितिन भी नही सोच पा रहा था कि बात को कैसे संभाला जाए , वह माही के प्यार को समझता था उसने बचपन से अभी तक हम भाईयो पर अपना पूरा अधिकार समझती थी बचपन में पापा तो दुनियां से चले गए थे ।

मैं उसका भाई भी हूं उसका पिता समान भाई हूं ,

      अब जब उसका घर परिवार हैं तब उसे हमारे परिवार  में अब इतना इंटरफेयर नही करना चाहिए । मैं उसका भाई हूं पर मैं अपनी पत्नी के प्रति भी समान जिम्मेदारी रखता हूं । माही को अब अपने अधिकार अपने ससुराल में ही रखने चाहिए यहां नही ,इस तरह अपने गुस्से में किसी की बेइज्जती करना ठीक नहीं ।

      माही के इस व्यवहार से उसकी भाभी और मेरा  प्यार भरा रिश्ता कहीं बिखर न जाए ।

         पूजा मिश्रा 

   कानपुर 

# दो पल के गुस्से से प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता है

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