आत्म-सम्मान की सीमा – पूजा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

रचना के जीवन में यह घटना एक ऐसे अंधेरे पलों में आई, जिसे वह कभी भूल नहीं सकती। कोचिंग से लौटने के बाद जब वह अपने कमरे में गई, तो गुस्से और दुःख से भर गई थी। उसने अपना बैग मेज पर फेंका और कुर्सी पर थक कर बैठ गई। उसकी आंखों में अपार गुस्सा … Read more

सिंदूर – पूजा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

आज फिर गंवार की तरह मांग भर सिंदूर लगा कर चल दी ,कितनी बार कहा है मुझे तुम्हारा इस तरह तैयार होना अच्छा नहीं लगता ।  अरे प्रवेश सुहागिन को सिंदूर लगाना चाहिए इसीलिए लगाती हूं  अच्छा अगर नही लगाओगी तो सुहागन नही हो ,तुम मेरी पत्नी हो ये सब जानते है पर इस तरह … Read more

घर वापसी – पूजा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

डैड मुझे मास्टर्स तो यू बी सी ( ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी ) से ही करना है ,कंप्यूटर साइंस में ,दो सितंबर से पहले मुझे जाकर ज्वाइन करना है । आप चलोगे अपने वैंकुवर शहर को देखने रियान ने पूछा   “क्यों नहीं माय सन  ,जरूर चलूंगा कितने साल बिताए है वहा मैंने सच मोस्ट ब्यूटीफुल प्लेस … Read more

आत्मसम्मान – पूजा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

 शुभी आज मैं बहुत खुश हूं  पता है मेरी जॉब कॉग्निजेंट में लग  गई और वह भी  बढ़े हुए पेकेज में ,मेरा इंटरव्यू इतना अच्छा था की उन्होंने मेरी शर्त भी मान ली है की हम पूना वाले ऑफिस में ही काम करेंगे ।    चलो मंदिर चलते है अपने हनुमान जी को आभार प्रकट करने … Read more

दो पल के गुस्से से प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता है -पूजा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

माही अपने भाइयों की लाड़ली बहिन जो दोनो से छोटी थी और भाईयो पर पूरा हक जमाए रखती , भाई भी बहिन की  सब फरमाइश पूरी करते ।नितिन और जतिन दोनो भाई पढ़ लिखकर अच्छे पदों पर नौकरी करने लगे ।    माही को तो सब कुछ घर में मिलता था उसे कोई चिंता नहीं थी … Read more

हमसफर – पूजा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

आज फिर घर से निकलते निकलते काव्या से झगड़ा हो गया मुझे क्यों गुस्सा आता है अब उसकी लापरवाही पर ? कितना मेरी सब जरूरतो का ध्यान रखती थी अब जब से गोलू पैदा हुआ है उसे मेरी कोई फिकर ही  नही आज फिर देर हो गई, नाश्ता तो बना नही था खुद तो मेटरनिटी … Read more

अटूट बंधन – पूजा मिश्रा : Moral stories in hindi

सभी के जीवन में कुछ रिश्ते प्रेम और भावनात्मक तरीके से इतने जुड़ जाते हैं की उनको भूलना संभव नहीं होता उनके साथ नही होने पर भी उस #अटूट बंधन #में बंधे रहते हैं , येसा अटूट बंधन हम दोनों बहनों के बीच था और आज भी है ।   बचपन में जब से होश संभाला … Read more

खिलाफ़ – पूजा मिश्रा  : Moral stories in hindi

 मुझे घर जाते हुए डर लग रहा था पता नही मेरा ये फैसला घर वालों को मंजूर होगा या नही , मां को तो समझा लूंगा पर पापा और चाचा को समझाना मेरे वश का नही है।    जिसको जिंदगी में आना होता है वह आ ही जाता है,मैं और अंशुमान साथ टू बी एच के … Read more

अहमियत – पूजा मिश्रा  : Moral stories in hindi

जयराम आश्रम में गंगा के किनारे सीढ़ियां पर बैठी अमृता गंगा की लहरों को अपलक देख रही थी मन में विचारों का झंझावात चल रहा  था । मेरी जिंदगी इन लहरों की तरह क्यों नही थी ये तो अपनी मर्ज़ी से आगे बहती जा रही हैं  मै अपनी मर्जी का जीवन क्यों नहीं जी पाई … Read more

गिन गिन कर पैर रखना – पूजा मिश्रा : Moral Stories in Hindi

बहुत मुश्किल से पापा ने आज मुझे आगे की पढ़ाई के लिए शहर भेजने की बात को मान लिया ,अम्मा आज मैं बहुत खुश हूं प्यारी अम्मा कहकर मैं गले में लग गई।      कमला भी चाहती थी की बेटी पढ़ लिखकर अपने पैरो पर खड़ी हो तभी उसका विवाह करेंगे ,लेकिन पढ़ाई के लिए शहर … Read more

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