घर बड़ा हो न हो पर दिल ज़रूर बडा होना चाहिए – निशा जैन: hindi stories with moral

hindi stories with moral : कावेरी संयुक्त परिवार में पली बढ़ी बहुत ही सुशील और सज्जन लड़की थी। चार भाई बहनों में सबसे बड़ी थी इसलिए उम्र से  कुछ ज्यादा ही समझदार थी। अपनी हर इच्छा को हमेशा छोटे भाई बहनों के लिए भूल जाती थी। घर छोटा था और लोग ज्यादा इसलिए कावेरी को … Read more

मेरा घर कहाँ – कुमुद चतुर्वेदी : hindi stories with moral

hindi stories with moral : ” यह कूँ-कूँ पिल्ले जैसी आवाज कहाँ से आ रही है री नीति ? ” कहती हुई मंदा जब आँगन में निकली तो देखा नीति एक थैला पकड़े स्टोर रूम में जा रही थी। माँ की  आवाज सुन वह डरकर वहीं रुक गई।तबतक मंदा ने पास आकर थैला पकड़ कर … Read more

“सलाह” – कनार शर्मा: hindi stories with moral

hindi stories with moral : अरे बहू कहां चली? नाश्ता कौन बनाएगा? सुबह-सुबह अपनी बहू को बैग उठाकर घर से बाहर जाता देख सास वसुंधरा जी बोली।  मांजी आप और आपके बेटे ने मुझे घर की नौकरानी समझ रखा है। मैं बहू हूं इस घर की कामवाली बाई नहीं जो दिन रात आप लोगों के … Read more

ये वादा रहा – जगनीत टंडन : hindi stories with moral

hindi stories with moral : प्रभात, आज तुमने इक बार फिर से साबित कर दिया है कि तुम इक हृदयविहीन इंसान हो..कितनी बार..आखिर कितनी बार तुम किसी से अस्तित्व को कुचलने की चाह रख सकते हो…,क्या तुम्हारा इस जन्म में है इक मात्र उद्देश्य यही है कि कुछ खोखले..निराधार..या अकल्पनीय तर्को के साथ मुझे नीचा … Read more

मां का जन्मदिन – शिव कुमारी शुक्ला   : hindi stories with moral

hindi stories with moral : आज उमंग का जन्मदिन था। उसकी मम्मी शची जी ने शाम को  कुछ  उसके  दोस्तों  के साथ बड़ी ही खुशी एवं मनोयोग  पूर्वक मनाया। जब सब चले गए तो तीनों बच्चे गिफ्ट खोल खोल कर देखने लगे। तभी उनकी मम्मी भी उनके पास आ बैठी  और उनकी खुशी में शामिल … Read more

सफर (लिहाज से तल्ख लहजे तक का) – रचना कंडवाल   : hindi stories with moral

hindi stories with moral : रागिनी की शादी को बीस साल हो चुके हैं। बीस साल पहले जब वो इस घर में दुल्हन बन कर आई थी तो घर में उसे बहू का दर्जा नाम का मिला।असल में एक निम्न मध्यमवर्गीय बड़े परिवार परिवार की बेटी को बहू बनाने के पीछे का जो असली कारण … Read more

मना करना सीख!! – लतिका श्रीवास्तव   : hindi stories with moral

hindi stories with moral : सोमा आ तो ये मेरा सूटकेस खोल दे जरा जी मां अभी आई अरे ठीक से पकड़ ना ध्यान कहां रहता है तेरा आजकल एक काम ढंग से नहीं होता.. सोमा मेरी चाय कहां है कल सुबह मिलेगी क्या जी पिताजी अभी चाय लाई पता नही क्या करती रहती है … Read more

आख़िर किसे समझाएँ..? – रश्मि प्रकाश   : hindi stories with moral

hindi stories with moral : “जब मैंने कोई गलती नहीं की तो क्यों बर्दाश्त करूँ … जब देखो सब मुझे ही सुनाने चले आते हैं जैसे मेरी ही गलती हो।”तमतमाती हुई शानू पैर पटकती अपने कमरे में जाकर बैठ कर रोने लगी  “ बहुत सिर चढ़ा रखा है बेटी को…अरे ऐसा क्या ही कह दिया…अब … Read more

गिरवी आत्मसम्मान की  – डॉ. अनुपमा श्रीवास्तवा 

तुमको क्या लगा कि तुम्हारे साथ रहता हूँ तो मेरा कोई अस्तित्व ही नहीं है। यह सोचना तुम्हारा भूल भ्रम है। मैंने परिस्थिति वश निर्णय लिया था तुम्हारे साथ रहने का समझी।” “हिम्मत कैसे हुई तुम्हारी जुबान को ऐसी घटिया शब्द निकालने की ।” शादी के बाद  पहली बार अनुज को इस तरह आग बबूला … Read more

भाई यह मकान नहीं हमारा ‘घर’ हैं – मनीषा गुप्ता  : hindi stories with moral

hindi stories with moral : रिया बहुत खुश थी दीपावली का त्योहार बहुत ही खुशी-खुशी निकल गया था आज भैया दोज थी। रिया खुश थी कि वह अपने भाई को टीका लगाने गांव जाएगी। माता-पिता के जाने के बाद गांव जाना कम ही होता था । लेकिन जब भी जाती वह अपनी बचपन की यादों … Read more

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