मायके से पराई होकर भी ससुराल की कहांं हो पाती हैं बेटियां?? – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

“आज कितनी ठंडक है ना काकी ।,, ” हां बहुरानी, ठंड तो बहुत हो रही है आज .. अचानक से मौसम बदल गया । तूं रजाई अच्छे से ओढ़ ले और लल्ला को भी छिपा ले…. जापे के कच्चे शरीर में एक बार ठंडी हवा लग गई तो जिंदगी भर परेशान करेगी…. ,, ” हां … Read more

पटरी वाली शॉपिंग – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” बहू तुम अभी तक तैयार नहीं हुई!! जल्दी करो, बाजार में बहुत भीड़ रहती है इस समय। बहुत सी खरीदारी करनी है आज – दीये, गणेश लक्ष्मी की मूर्तियां, कपड़े,सजावट का सामान….” ” हां मम्मी जी… लेकिन आजकल बेकार में इतना घूमने की क्या जरूरत है? सबकुछ तो आनलाइन मिल जाता है आजकल.. नहीं … Read more

सास-ससुर बाट देखते होंगे – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” सुधा, मैं चलती हूं..… देर हो रही है …. ” कहते जानकी मंदिर में हो रहे सत्संग के बीच में हीं उठ कर जाने लगी। ” जानकी रूक तो… कहाँ चल दी इतनी जल्दी , अभी अभी तो तू आई थी! ” थोड़ी देर और रूक जा बस आरती होते ही प्रसाद लेकर चलते … Read more

सास ससुर की सेवा का थोड़ा पुण्य तो बेटे को भी कमाने दो मां – सविता गोयल। : Moral Stories in Hindi

” मांजी, वो कल मम्मी को चेकअप के लिए ले कर जाना है। पापा की तबियत भी ठीक नहीं है तो क्या मैं कल अपने मायके चली जाऊं??” रेणु ने अपनी सासु माँ सुभद्रा जी से इजाजत मांगते हुए कहा। रेणु की मायके जाने की बात सुनते ही सुभद्रा जी का मुंह बन गया । … Read more

सासु माँ, आप मुझमें और जेठानी जी में फर्क करती हैं… – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” हाय राम….. ये पैरों में ना जाने इतना दर्द क्यों हो रहा है?? अब तो दवा भी असर नहीं करती…. ।,, अपने पैरों को मसलते हुए दमयन्ती जी दर्द से कराह रही थी… । छोटी बहू बबिता को वैसे तो अपनी सास की कराह सुन रही थी लेकिन वो रसोई में बर्तनों को थोड़ा … Read more

साथ रहकर अलग होने से अच्छा है अलग रहकर साथ होना… – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” बड़ी भाभी सुना है आपका नया मकान बस बनने को हीं है। अब तो जब अगली बार आऊंगी तो लगता है आपके पास अलग से हीं आना पड़ेगा । बुलाएं तो गीं ना मुझे ??? ,, ममता अपनी बड़ी भाभी रीति से बोली लेकिन उनकी बोली में एक तंज था। या फिर शायद अपने … Read more

शादी की है… ना कि किसी प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” बहू.. तुमने तो नाक कटवा दी मेरी… अरे आठ दस जनों का खाना भी ढंग से तुमसे ना हो पाया। अब घर जाकर देखना वो लोग कितनी बातें बनाएंगे…. उनके यहां जब हम सब खाने पर गए थे तो उनकी बहू ने पंद्रह जनों को खाना खिलाया था और वो भी इतने सलीके से … Read more

शक की सुई हमेशा बहू पर आकर क्यों अटक जाती है!! – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” अरे लड़कियों तुम्हारा तैयार होना कब खत्म होगा ?? घुड़चढ़ी का वक्त होने को आ गया और तुम लोगों का सजना- संवरना ही पूरा नहीं होता …… केतकी बहू तुझे तो रमन को काजल लगानी है ….. जल्दी से आ जा तैयार होकर …. ,,। आज कांता जी के छोटे बेटे की शादी थी। … Read more

सीधे साधे बिटवा का मुंहफट बहुरिया – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” हे भगवान, जरा देखो तो कैसे कतर कतर जुबान चल रही है… !! हमारा बिटवा तो बिलकुल गाय है गाय.. और बहू को तो देखो । ,, लेकिन अम्मा. , गाय तो बहु बेटियों को कहते हैं.. भईया तो लड़के हैं ना !! ,, ” चुप कर निगोड़ी…. लगता है तुझपे भी इस बहु … Read more

सीखने की कोई उम्र नहीं होती…. तो क्या उम्र भर सीखती हीं रहूं !! – सविता गोयल : Moral Stories in Hindi

” कितनी सुघड़ बहू आई है शर्मा जी के यहां …. अरे अपनी शादी के सारे ब्लाउज और सूट खुद हीं सील कर लाई थी और यहां भी अपनी सास, ननद और सारे रिश्तेदारों के कपड़े सिलकर देती है । एक हमारे यहां है….. फटे में टांका लगाना भी ढंग से नहीं आता। ,, कमला … Read more

error: Content is Copyright protected !!