पापा आप कैसे अपनी माँ की बुराई सुनते हैं -संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

वाह क्या सब्जी बनी है…. आज माँ की याद आ गई…. परवल की सब्जी भी इतनी शानदार बन सकती है… ये तो मुझे माँ के हाथों से बनी परवल की सब्जी खा कर ही पता चला था….!! वरना मुझे तो परवल बिल्कुल भी पसंद नहीं थी….। अनजाने में ही सब्जी की तारीफ करते करते नकुल … Read more

कलावती -संध्या त्रिपाठी Moral stories in hindi

देख कलावती…. गुच्छे में आम लगा है…. ध्यान रखना कोई तोड़ ना पाए… तृषा के इस वाक्य से कलावती खुश नहीं थी… वो शायद भाँप गई थी कहीं ना कहीं अप्रत्यक्ष रूप से मालकिन मुझे ही आम ना तोड़ने की सख्त हिदायत दी हैं….!       बड़बोली , अल्हड़ , बेबाक कलावती ने उस वक्त इतना ही … Read more

एक विधवा जो हजारों दुल्हन सजाती है – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

  देखो पंछी मैं बता देती हूं .. पूर्वी ना , तनु की शादी में हर मांगलिक कार्य में  आगे आगे नहीं रहेगी….      माना वो तेरी बहुत अच्छी सहेली है पर है तो विधवा ना…. और पंछी तू भी तो नहीं चाहेगी ना कि तनु की शादी में कुछ ऊँच-नीच हो… आखिर तनु बेटी है तेरी…. … Read more

साॅरी मम्मी जी – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

बाप रे…. शादी के बाद कितनी फॉर्मेलिटीज निभानी पड़ती है ….मायके आने के बाद भी चैन नहीं…  समय-समय पर सासू माँ को फोन करो , हालचाल लो…. पतिदेव को तो गुड मॉर्निंग से लेकर गुड नाईट तक का खबर लेना देना ही होता है….        चांदनी ने मोबाइल पर मैसेज भेजने के बाद मन ही मन … Read more

ढूंढती आंखें – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

का हो जिज्जी…..आधी रात में बारात लगी का ….?? 8:00 बज गएल…. अभी तक इमली ना घुटाइल गएल…! कब बारात लगी… कब द्वार पूजा होई ….??  कौनो टाइम बा…की नाहीं…. गांव से आई देवरानी ने जेठानी महिमा से कहा… !    हां हां देवरानी जी …. बस अब चलते हैं इमली घुटाई की रस्म भी कर … Read more

कलंकित बहू – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

  आकर्षक व्यक्तित्व की स्वामिनी मोहिनी देवी एक सशक्त महिला होने के साथ साथ घर की मुखिया का किरदार भी बखूबी निभा रही थीं…I दो बेटों और पोते पोतीयो से भरा पूरा परिवार को उस दिन ग्रहण लग गया जब एक कार दुर्घटना में मोहिनी देवी के पति और छोटे बेटे अमन की आकस्मिक मौत हो … Read more

कविता की प्रस्तुति – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

    दीपू …कल सेकंड सैटरडे है ना तेरी छुट्टी होगी और परसों संडे… वाह….. तो देख बेटा मुझे दो जगह महिला दिवस पर अपनी कविता प्रस्तुत करने का आमंत्रण मिला है…दोनों जगह दूर है…..और पापा की छुट्टी नहीं है मुझे ले जाने वाला कोई नहीं है….. तो प्लीज दीपू ….तू मुझे ले जाएगा …..?? प्लीज बेटा….. … Read more

सास से माँ तक के सफर में गजरों का योगदान !! – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

 देखिए पापा…. मम्मी कैसे बेला के फूलों के क्यारियों के बीच बैठ कर मुस्कुरा रही हैं…. जैसे किसी पुरानी यादों में खोई हो….! रिमझिम ने मुकुल जी से कहा …। मुकुल जी भी पत्नी नैना को यादों में खोए और फूलों को प्यार से सहलाते हुए देखकर मजाकिये लहजे में पूछा…. अरे नैना जी …किसकी … Read more

दुखवा मैं कासे कहूं – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

क्या तुम मेरी मदद कर सकते हो सिद्धांत….?? क्या बात है समीक्षा…. फिर तुम कहीं वही घिसे पीटे राग तो नहीं अलाप रही हो ना …..मम्मी जी ये …मम्मी जी वो ….. तो मैं  साफ साफ बता दूं …इस मामले में मैं तुम्हारी कोई मदद नहीं कर सकता ….तुम्हें खुद सामने आकर अपनी समस्याओं को … Read more

माँ तो माँ ही होती है बेटा या बेटी की नहीं – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

 शादी की शॉपिंग हो गई दीदी….. वर्तिका (देवरानी) ने अहिल्या (जेठानी) से पूछा…..! पहले तो ये बताइए आपने अपने लिए कैसी साड़ी ली है….?? लड़के की शादी है इस बार तो हमें भी आपके तरफ से महंगी और सुंदर साड़ी चाहिए …..बहू के घर से आएगी… वो अलग…. पूरे हक और अपनेपन से वर्तिका ने … Read more

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