अमरजीत के पांच रुपए- नेकराम: Moral Stories in Hindi

अमरजीत अपने परिवार के साथ शहर में रहता है पिता रिक्शा चलाते हैं किराए का एक छोटा सा कमरा है अमरजीत 12 वीं कक्षा पास कर चुका था ,,,, आगे की पढ़ाई के लिए वह पिता पर अधिक बोंझ नहीं डालना चाहता था इसलिए उसने शहर में नौकरी करने का मन बना लिया था — … Read more

आ अब लौट चलें- नरेश वर्मा : Moral Stories in Hindi

  ट्रेन किसी पुल से गुजर रही थी।खिड़की के बाहर नदी के नाम पर दूर तक एक रेतीला मैदान भर था।पटरियों से गूंजते खट-पट के स्वरों के मध्य पुल के गुजरते खंबे ही अहसास करा रहे थे कि ट्रेन किसी नदी से गुजर रही है ।पिछली बार जब वह घर से विद्रोह करके गई थी तब … Read more

बस यही एक पल है – कल किसने देखा है – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

हर साल गर्मी की छुट्टियों में हम बच्चों के साथ कहीं ना कहीं घूमने जाते थे और इस बार  हमने शिमला जाने का प्लान बनाया।  शिमला का नाम आते ही मुझे याद आया कि वहां मेरी कॉलेज की बेस्ट फ्रेंड सुहानी भी रहती है।  मैंने अपने पति से कहा,  “हम शिमला जाएंगे तो  तो मैं … Read more

गैरों पे रहम-अपनों पे सितम – कुमुद मोहन : Moral Stories in Hindi

“अम्मा! क्या हुआ क्यों मुँह फुलाए बैठी हो? संजय ने ऑफिस से आकर शीला जी से पूछा!  “कुछ नहीं बस सब ठीक है” अम्मा ने बेटे के सामने बेबस सा होने का दिखावा किया!  संजय”कुछ तो है मुझे तो बताओ ना! मधु ने कुछ कहा है क्या?” अम्मा ने साड़ी का पल्ला मुँह पर रख … Read more

निर्णय (भाग 33) अंतिम भाग – रश्मि सक्सैना : Moral Stories in Hindi

कहानी निर्णय आप बताइए क्या इस कहानी को यहां खत्म कर देना चाहिए अंजलि और नेहा के कार्यक्रम के बाद रोहित की मां फिर नेहा को टॉर्चर करने लगती है, लेकिन नेहा उनका टॉर्चर सिर्फ बच्चों के कारण बर्दाश्त कर रही है उन्हें छोड़कर जा भी नहीं सकती । लेकिन नेहा का हमेशा वहां रहना … Read more

निर्णय (भाग 32) – रश्मि सक्सैना : Moral Stories in Hindi

कभी नेहा रोजी को लेकर चली जाती थी ,और कभी अंजलि नेहा के पास आ जाती थी, धीरे-धीरे रोजी बिल्कुल स्वस्थ हो जाती है , नेहा भी नई  फैक्ट्री में रम जाती है, और बहुत जल्दी ही रोहित के बिजनेस को  समझ कर और मेहनत करके बहुत ऊंचाइयों तक ले जाने की कोशिश करने लगती … Read more

निर्णय (भाग 31) – रश्मि सक्सैना : Moral Stories in Hindi

नींद तो नहीं आ रही थी, नेहा को ,वह भी जाग रही थी, और किसी अजीब थी आशंका के मारे परेशान थी ,उसे समझ में नहीं आ रहा था रात के 3:00 बज गए हैं और अभी तक अंजली और रोजी नहीं आए इतने में उसे रोहित की गाड़ी की आवाज सुनाई देती है, तो … Read more

निर्णय (भाग 30) – रश्मि सक्सैना : Moral Stories in Hindi

रोहित रात में ही चला जाता है । उसका बिज़नेस आगे पीछे होता रहता है, तो अंजलि इतना ज्यादा चिंता नहीं करती और अब तो उसके पास दो दो बच्चों की जिम्मेदारी है ,रोहित के चले जाने के बाद वह नेहा से कहती है यह हमेशा ऐसे ही उठ के जाते हैं समझ में ही … Read more

निर्णय (भाग 29) – रश्मि सक्सैना : Moral Stories in Hindi

गतांक से आगे दूसरे दिन रोहित नेहा के घर जाता है , उसकी आवाज सुनने पर रोज़ीदौड़कर आ जाती है, रोहित उसको गोद में ले लेता है ,नेहा से कहता है चलो जल्दी से रेडी हो जाओ अंजलि ने तुम्हें घर बुलाया है।  नेहा कुछ नहीं कहती ,रोहित नेहा के पास जाकर उसको एक हाथ … Read more

निर्णय (भाग 28) – रश्मि सक्सैना : Moral Stories in Hindi

गतांक से आगे नेहा जब अपने घर आ जाती है तो वह थोड़ी उन बच्चों से दूर होकर उदास हो जाती है। क्योंकि वह बच्चे हैं तो उसके अपने लेकिन धीरे-धीरे अपना दिमाग वहां से हटाने लगती है और रोजी के संग अपना समय व्यतीत करने लगती है। उसको लगा था ,कि अपनी रोजी के … Read more

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