निर्णय (भाग 30) – रश्मि सक्सैना : Moral Stories in Hindi

रोहित रात में ही चला जाता है । उसका बिज़नेस आगे पीछे होता रहता है, तो अंजलि इतना ज्यादा चिंता नहीं करती और अब तो उसके पास दो दो बच्चों की जिम्मेदारी है ,रोहित के चले जाने के बाद वह नेहा से कहती है यह हमेशा ऐसे ही उठ के जाते हैं समझ में ही नहीं आता कि अचानक क्या हो जाता है ,पर मैं तो यह सब बहुत साल से देख रही हूं चलो छोड़ो और दोनों मिलकर बातें करती हुई उन तीनों बच्चों के साथ मस्त हो जाती हैं ,लेकिन नेहा उसको बहुत खुश नहीं लग रही थी तो वह बार-बार कहती है नेहा कोई प्रॉब्लम है तुम्हें तुम पहले जितनी खुश क्यों नहीं रहती हो ,नेहा हंसकर कहती है ऐसा कुछ नहीं है दीदी मैं हमेशा खुश रहती हूं ।

दूसरे दिन जाने की जिद करती है लेकिन अंजलि अबकी बार उसे बिल्कुल नहीं जाने देती और स्पष्ट कह देती है कि जब तक रोहित घर नहीं आ जाता मैं तुम्हें यहां से नहीं जाने दूंगी और बार-बार मुझसे कहना भी मत ,नेहा बहुतकहती है कि दीदी प्लीज मुझे जाने दो मुझे बहुत जरूरी काम है लेकिन अंजलि इस बार अपनी बात पर अड़ जाती है और  बिल्कुल नहीं जाने देती नेहा मानसिक रूप से बहुत परेशान होती है ,लेकिन अंजलि के आगे वह चुप हो जाती है ।

 1 दिन बाद अंजलि के पास रोहित का फोन आता है ,और वह कहता है कि तुम नेहा के पास दोनों बच्चों को छोड़कर रोजी को लेकर इस एड्रेस पर आ सकती हो , अंजलि हैरान हो जाती है और वह कहती है कि मैं नेहा को ही भेज देती हूं ना ,लेकिन रोहित अंजलि से कहता है क्या तुम्हें अब नेहा के ऊपर भरोसा नहीं रहा या रोजी तुम्हारी बेटी नहीं रही क्या समय के अनुसार तुम्हारी मन की भावनाएं बदल गई । अंजल रोहित की बात सुनकर हैरान हो जाती है वह कहती है दोनों ही बातें गलत है तुम्हारी, बताओ कहां आना है मैं आ जाती हूं ,रोहित कहता है अंजली तुम रोजी को यहां ला रही हो इस बात का पता मत चलने देना ,कि तुम्हारी और मेरी बात हुई है तुम्हें रोजीको किसी बहाने से यहां लाना है उसे बता कर नहीं लाना अंजलि मान जाती है , आज शाम को 4:00 बजे पहुंचने का उसी एड्रेस पर बोल देती है ।

अंजली कुछ अनबन सी लेटी हुई थी नेहा उसके पास जाकर कहती है क्या हुआ दीदी आप की तबीयत ठीक नहीं है तो अंजलि बनावट गुस्से से कहती है 3 महीने हो गए मैं एक बार भी रोजी के साथ शॉपिंग करने नहीं गई ,मेरा तो बाहर जाना भी बंद हो गया , इन बच्चों को पूरे टाइम रखो और मैं और रोजी शॉपिंग के लिए जाएंगे नेहा यह बात सुनकर हंसने लगती है ,और कहती है इतनी सी बात है ठीक है बाबा मैं रख लूंगी आप मां बेटी शॉपिंग के लिए जाइये ,और दोनों हंसने लगती हैं शाम के समय रोजीको अंजलि तैयार करके और खुद भी तैयार होकर चली जाती है ,पर वह पूरे रास्ते सोचती रहती है कि आखिर ऐसा क्या हुआ जो सिर्फ रोजी को मेरे साथ बुलाया , रोहित में और वह भी एक ही जगह पर किसी दूसरे एड्रेस पर वह सोच सोच कर परेशान हो जाती है ,लेकिन उसके समझ में कुछ नहीं आता उस एड्रेस पर पहुंचने की बाद देखती है वहां तो रोहित भी है और यह तो खुशी का क्लीनिक है रोहित बड़ी बेसब्री से बाहर ही अंजलि का इंतजार कर रहा था, जैसे ही वह देखता है जल्दी रोजी को गोद में ले लेता है और अंदर की तरफ बहुत तेज कदमों से चला जाता है अंजली रोहित को हैरानी से देखती रह जाती है क्या हो रहा है अरे! मेरी तो कोई यहां उपस्थिति ही ना हो वह भी रोहित के पीछे-पीछे तेज कदमों से अंदर जाने लगती है जब तक रोहित एक रूम में जा चुका था ,वह गेट पर ही खड़ी हो जाती है कुछ बड़ी सी मशीन में रोजी का एक्सरा लिया जा रहा है वह कुछ समझ ही नहीं पाती, रोहित बाहर आकर अंजलि को देखता है और उसके दोनों हाथ अपने हाथ में ले लेता है अंजलि उसको देखते हुए पूछती है यह सब क्या हो रहा है रोहित मुझे भी तो कुछ बताओ ।

रोहित अंजलि से कहता है कुछ देर रुको तुम्हें मैं सब कुछ बताता हूं और वह अंदर चला जाता है गेट बंद हो जाता है लेकिन अंजलि उस गेट पर सट कर खड़ी होकर अंदर की कुछ बात को सुनने का प्रयास करती है लेकिन आपस में सभी के डिस्कशन होने के कारण वह कुछ समझ नहीं पाती और वह सोचती है ऐसा आखिर क्या हुआ अंदर क्या हो रहा है रोजी को अंदर क्यों लिए गए ,रोहित इतना परेशान क्यों है उसके मन में जो ढेर सारे सवाल उमड़ घुमड़ कर बार-बार आ रहे हैं लेकिन इन सब का आंसर तो सिर्फ और सिर्फ रोहित ही दे सकता है ।

काफी देर बाद रोहित रूबी को गोद में लेकर बाहर आता है ,और एक कुर्सी पर बैठकर रोने सा लगता है अंजलि घबरा जाती है और रोहित के पास पहुंचती है रोहित मुझे बताओ क्या हुआ है तुम मुझे कुछ बता क्यों नहीं रही हो और तुम क्यों रो रहे हो, इतने में सामने से डॉक्टर रोहित के पास आते हैं और उससे कहते है हमें उम्मीद की किरण नजर आ रही है आप बिल्कुल परेशान ना हो सिर्फ 10 परसेंट ही तो नेगेटिव चांसेस है लेकिन हम उस 90 परसेंट पॉजिटिविटी को क्यों नहीं देख रहे अगर आप पिता होकर इतना ज्यादा हताश हो जाएंगे ,तो आप इसकी मां को कैसे संभालेंगे और वह रोहित के कंधे पर हाथ रखकर जाते जाते अंजली से कहते हैं कि आप रोहित को समझाइए कि वह जल्दी ही कोई निर्णय करें ।

अब तो अंजलि तेजी से रोने लगती है रोहित से कहती है रोहित प्लीज तुम मुझे बताओ रोहित अंजलि से कहता है कि तुम्हें पता है रोजी के दिल में छेद है और यह बात हमें कभी नहीं बताई। यह बात मैंने नेहा की डायरी में पढ़ कर जाना और यह उसको 5 महीने से है अगर उसका ऑपरेशन बहुत जल्दी नहीं कराया तो शायद आगे बोलने से पहले अंजली रोहित के मुंह पर हाथ रख देती है और कहती है कि आप ऑपरेशन कराओ इसका। डॉक्टर ने कहा है ना उस 90% पॉजिटिविटी को देखो और वह रोजी को गोद में लेकर रोहित को बहुत समझाती है फिर दोनों वापस डॉक्टर के पास जाते हैं ,और उनसे बात करते हैं , डॉक्टर कहता है ऑपरेशन थोड़ा महंगा पड़ेगा अंजलि और रोहित कहते हैं आप ऑपरेशन करिए, डॉक्टर रोहित से कहता है अभी हमारे यहां अमेरिका के डॉक्टर आए हुए हैं आज रात में 11:00 बजे फ्री है लेकिन कल से उनकी अपॉइंटमेंट है अगर आप अभी ऑपरेशन कराने से रह जाती हैं तो आपको नेक्स्ट मंथ इसी तारीख पर अपॉइंटमेंट मिलेगी अंजलि कहती आप आज रात 11:00 बजे ऑपरेशन करिए और आप पैसों की चिंता बिल्कुल मत कीजिए ,  रोहित से doctor काउंटर पर 2000000 रुपए जमा कराने की कहता है , और कुछ जरूरी सामान लाने के लिए उसको एक स्लिप दे देता है, रोजी को अंजलि वही रखती है और पास में ही मॉल से उसके लिए चॉकलेट और कपड़े लेकर आ जाती है धीरे-धीरे इस तरह से वह टाइम भी आ जाता है जब रोजी को ऑपरेशन थिएटर में ले जाया जाता है ,लेकिन शाम को 8:00 बजे के बाद से नेहा बहुत परेशान हो रही है और वह बार-बार अंजलि को फोन लगा रही है लेकिन अंजली का फोन लग नहीं रहा उसेसमझ नहीं आता कि आखिर क्या हो गया ,और वह बहुत परेशान होती है लेकिन इन दोनों बच्चों को छोड़कर वह कहीं नहीं जा सकती इसलिए वह कहीं जा भी नहीं पा रही वह रोहित का फोन भी बराबर ट्राई कर रही है रोहित का फोन तो लग रहा है लेकिन वह रिसीव नहीं कर रहा अब और ज्यादा घबरा जाती है दोनों ऑपरेशन थिएटर में रूबी को भेजने के पहले मंदिर में जाकर प्रसाद चढ़ाते हैं और प्रार्थना करते हैं उसके बाद वह हॉस्पिटल में रोजी को लाती है बाहर बिल्कुल उदासीन रोहित और अंजलि बैठे हैं रोहित फोन देखता है अंजलि से कहता है नेहा के 10 मिस कॉल है क्या जवाब दूं अंजलि कहती है जो कहना है वह कह दो , रोहित फोन लगाकर नेहा से पूछता है क्या हुआ जो इतनी मिस कॉल है तुम्हारी ,नेहा कहती है काफी समय हो गया अंजली दीदी और रोजी बाहर गए हैं अभी तक वापस नहीं आए तब रोहित कहता है मेरी उससे बात हो गई थी उसने बताया चाचा-चाची जी मिल गई थी तो उसे अपने घर ले गई तुम चिंता मत करो बस बच्चों का ख्याल रखना ,और खुद का ख्याल रखना रोजी और अंजलि दोनों आ जाएंगे , नेहा को थोड़ी तसल्ली होती है और वह नॉर्मल हो जाती है इसलिए नहीं घबराती जब वह बीमार थी तो 15 दिन अंजलि ने ही उसकी रोजी को रखा था ।

बाहर अंजलि और रोहित अकेले बैठे हैं अंजली रोहित से पूछती है आपको कैसे पता लगा की रोजी के दिल में छेद है ,यह बात तो नेहा ने कभी नहीं बताई ।तब रोहित उसे बताता है यह बात उसको राजेश के मरने के बाद पता लगा और वह जब तुमने उसे सेरोगेसी मदर के लिए ऑफर किया था , तो वह मान गई थी, लेकिन उसकी मुसीबतों में जब हम काम आते रहे तो वह हम से पैसा लेने में हिचक करती रही और वैसे भी बैंक से मैंने उसका मकान और कार का पूरा लोन पटा दिया था ,उसके पास कोई आमदनी का जरिया तो था नहीं तो वह बहुत परेशान हो रही थी उसने मुझसे भी कई बार कहा कि यह मकान बेचकर और कार को बेचकर मुझे पैसा दे दीजिए ,लेकिन अभी मार्केट वैल्यू ज्यादा ना होने के कारण मैंने उससे कहा वक्त लगेगा तब हम मकान बेच देंगे काफी समय तक वह मेरे पीछे पड़ी रही ,लेकिन मैंने इस बात पर कभी ध्यान नहीं दिया तुम जब गांव गई थी तब मैं और नेहा मानसिक रूप से कितने करीब आए मुझे नहीं पता लेकिन शारीरिक रूप से जरूर एक हो गये थे । और शायद कहीं ना कहीं मैं उससे मानसिक रूप से जुड़ भी रहा था ,लेकिन नेहा मुझसे बहुत ज्यादा मानसिक रूप से नहीं जुड़ पाई थी । नेहा का जब पहली बार 3 महीने के बाद मिसकैरेज हो गया था ,तो वह बहुत हताश हो गई थी , क्योंकि उसे लग रहा था कि अगर प्रेगनेंसी सक्सेस हो जाती तो शायद वह हमसे कुछ पैसा और लेकर वह रोजी का ऑपरेशन करा सकती है लेकिन मैं पहले ही उसका मकान का लोन पटा दिया था तो वह अब और परेशान थी कि उसे अब पैसा कहां से आएगा ,और डॉक्टर सरिता से उसने पूछ लिया था डॉक्टर सरिता ने उसे बताया था इतनी जल्दी हम दोबारा ट्राई नहीं करते अब तो सिर्फ उस समय की बात अगर ओरिजिनल तरीके से कोई मां बने  तो ठीक है वरना अभी 1 साल वेट करना पड़ेगा ,लेकिन यहां के पास इतना समय नहीं था तुम्हारी जाने की बाद मुझे नहीं पता कि वह हालात पैदा किए गए या हालात पैदा हुए मैं और नेहा एक हो गए और उसके बाद वह प्रेग्नेंट हो गई अंजली गौर से सुन रही थी और कहते कहते रोहित अंजलि के दोनों हाथ पकड़ लेता है ,अंजलि उसको देख कर कुछ नहीं कहती और वह पूछती है फिर आगे, रोहित कहता है उसे ऑपरेशन 6 महीने के अंदर कराना था लेकिन 3 महीने बीत चुके हैं ,उसने और भी कहीं ट्राई किया था ,मकान को गिरवी रखकर लोन लेने के लिए लेकिन शायद मेरे बीच में पड़ने के कारण अब उसे कोई आसानी से उस मकान पर लोन नहीं दे रहा था ,और यही कारण है कि वह हमारे घर से उसके घर चली गई मैंने क ई बार उसके घर जाने की कोशिश की ,लेकिन उसका इतना रूड रवैया देखकर मुझे भी हैरानी हुई ,लेकिन रोजी से अटैचमेंट होने के कारण मैं फिर भी गया लेकिन नेहा ने मुझे कभी नही कुछ बताया । और ना ही मेरे संग ढंग से बात की ।जब तुम्हारे कहने पर नेहा को अपने घर लेने गया था ,तब रोजी किचन में जाकर छुप गई थी ,तब मैंने देखा उसकी सारे किचन के डब्बे खाली है तुमने शायद उसकी बाकी चीजों पर तो ध्यान दिया लेकिन तुम यह भूल गई ,कि वह काफी समय से हमारे साथ फार्म हाउस पर रह रही थी ,तो उसके घर में सामान तो था ही नहीं , और जो कुछ थोड़ा बहुत था वह शायद खराब हो गया था । उसके पास कोई ऐसी जाब नहीं है तब मैं उसको घर पर छोड़कर शाम को काका को लेकर बाजार गया और वहां से सारा सामान लेकर जब काका किचन में सामान भर रहे  थे , तब मैंने टेबल पर एक डायरी देखी और जब मैंने उस डायरी को देखा तो  मुझे यह सब पढ़ने को मिला ,और साथ में वह डायरी के पन्नों की फोटो दिखाता है  ,अंजलि पढ़ कर हैरान हो जाती है तब फिर , आगे रोहित कहता है उसके बाद में अपने फ्रेंड से बात की उसने मुझे बताया कि यहां एक डॉक्टर बाहर से आते  हैं पर मुझे यह नहीं पता था, कि वह अमेरिका से आते है मैं यहां आया और मैंने डॉक्टर से कंसल्ट किया ,उसके बाद हमारे पास कोई भी रोजी का कोई डाक्यूमेंट्स तो था । तुम मुझे माफ कर पाओगी ,अंजलि , कहती है  कैसी माफी रोहित गलती तो हम दोनों से ही थी, और शायद इस बात का बढ़ावा उसे मेरी ही बात से मिला होगा , मैंने सरिता से कहा था कि किसी भी तरीके से हो बस मुझे बच्चा मिल जाए वह रोहित से कहती है मुझे कोई शिकायत नहीं है तुमस,े रोहित अभी फिलहाल हमें ईश्वर से रोजी के ऑपरेशन की सफलता की कामना करना चाहिए ,और कल सुबह जब ऑपरेशन सही हो जाएगा जब मैं घर चली जाऊंगी और नेहा को यहां भेज दूंगी लेकिन नेहा को कभी इस बात की भनक मत पड़ने देना मुझे तुम दोनों का पता पड़ गया है तुम लोग जैसे रहते हो वैसे ही रहो । हमेशा कुछ ना कुछ पाने के लिए कुछ खोना पड़ता है । महाभारत देखें रामायण  या अपने आसपास की अपने बुजुर्गों से सुने उदाहरण को  देखें ,मुझे विश्वास है कि तुम मेरे साथ भी इतना कुछ अन्याय कभी नहीं करोगे और रोजी को जन्म नेहा ने दिया हो उसे में सचमुच मेरी बड़ी बेटी की तरह हमेशा मानूंगी मुझे बहुत लगाव है और सिर्फ मुझे ही नहीं, मुझे पता है कि जब ऐसा कुछ हुआ भी नहीं था शायद रोजी को इतना अपना बनाने के कारण ही ईश्वर ने इन दो बच्चों से मेरी गोद भरी नेहा ने जो खुशी हमें दी है, उस खुशी के लिए रोहित तुम्हें कभी नहीं मैं नेहा के पास जाने से रोकूंगी ।मुझे पता है कहीं ना कहीं शायद ईश्वर के साथ मेरी मर्जी भी थी ,क्या मैं नहीं जानती थी कि  जहां भेज रही हूं एक बेहद खूबसूरत और कम उम्र की लड़की है और जो हुआ वह स्वाभाविक होना ही था ,रोहित इसमें तुम कभी भी अपने आप को दोषी मत मानना कहीं ना कहीं मैं भी दोषी हूं ,और बस मैं इतना कहूंगी कि तभी नेहा से इस बात का जिक्र मत करना हम जैसे रहते आ रही है, वैसे ही रहेंगी रोहित अंजलि को गले लगा लेता है और उसने यह सब अपनी बेटी के ऑपरेशन के लिए किया हो ,मुस्कुराते हुए अंजलि कहती है शायद तुम भी दोनों के बिना नहीं रह पाओगे और मैं भी, दोनों के बिना नहीं रह पाऊंगी। इसलिए जो जैसा रह रहा है वैसा ही रहने दो ,मैं तीनों बच्चों को अच्छी तरह देखूंगी और तुम और नेहा बिजनेस को ऊंची ऊंचाइयों पर ले जाना चाहती हो ले जाना । कहते कहते रोहित के माथे पर किस कर लेती है और कहती है कि अगर तुमने मुझे सच ना बताया होता तो मुझे शायद यह सच्चाई कभी नहीं पता पड़ती ,लेकिन मुझे यह सच बता कर तुमने मुझ पर एहसान किया और अपनी प्रति मेरा विश्वास और बढ़ा दिया । इतनी भी सामने ऑपरेशन थिएटर का गेट खुलता है और डॉक्टर आते दिखते हैं दोनों दौड़ से डॉक्टर के पास आते हैं डॉक्टरकहता है बहुत-बहुत बधाई हो ऑपरेशन सफल रहा बस अब उसको वार्ड में शिफ्ट करने के बाद आप 5 घंटे उसे दूर से देख सकते हैं अभी आप अंदर नहीं जा सकते रोहित जी धन्यवाद और दोनों बाहर बने उस मंदिर की तरफ जाते हैं जहां वह दोनों पहले गए थे वह शुक्रिया अदा करते हैं भगवान का । वैसे 8:00 बजे मिलने देंगे तुम लोग यहां आ जाना और ज्यादा शायद इस समय नेहा को तुम्हारी जरूरत होगी रोहित अंजलि को देखतेरह जाता अंजलि अकेली खड़ी रह जाती है ,और मन ही मन सोचती है क्या कुछ गलत हुआ उसे लगता है मुझको भी किसी ने सहारा दिया था ,जब मैं आगे बढ़कर अपना करियर बना पाई थी ।। रोहित अंजलि से आकर कहता है डॉक्टर ने कहा है वैसे आप यहां रहेगी तो भी सिर्फ बाहर ही रहेंगे मैं और नेहा सुबह 7 बजे तक यहां आ जाएंगे ,और कहते कहते दोनों गाड़ी में जाकर बैठ जाते हैं ।

अगला भाग

निर्णय (भाग 31) – रश्मि सक्सैना : Moral Stories in Hindi

Leave a Comment

error: Content is Copyright protected !!