अंजु बहोत ही सीधी सादी लडकी थी, उसे अपने सादे जीवन से कोई शिकायत नहीं थी, और रहती भी ऐसे थी मानो बाहरी दुनिया जैसे इसके लिए थी ही नहीं। आराम से वो अपने माता पिता और छोटे भाई के साथ रहती थी , और अचानक एक दिन उसके पापा किसी को कुछ भी बताए बिना कहीं चले गए। अचानक से घर का माहोल ही बदल गया, मां तो जेसे पागल सी, बावरी सी हो गई, अब मां को संभालना , घर चलाना ओर छोटे भाई कि पढ़ाई की सारी जिम्मेदारियां अंजु पे आ गई,जैसे – तैसे उसने दो माह घर की थोड़ी सी बचत से घर चलाया पर हालत तब भी वही के वही थे,
अब उसने घर से बाहर निकल कर काम ढूढना शुरू किया पर बीना अनुभव के कोइ काम नई मिला, तो उसने अपने अच्छी रसोई बनाने के काम को ही आजमाना चाहा, ओर आखिरकार उसे अपने आसपास के घरों में जाकर रसोई बनाने का काम मिल गया। जहां काम करती थी वहा इक घर में एक बुजुर्ग अकेले रहते थे वो अंजु से काफी खुश भी थे , अंजु हमेशा उनको जो खाना हो वो अच्छे से स्वाद से खुश हो कर बनाकर खिलाती थी।
वो बुजुर्ग ने खुश होकर अंजु के सामने शादी करने का प्रस्ताव रखा,अंजु तो बड़ी हैरत से उनको देखती रह गई और बोली में न आपके बराबर हू ना ही आप के उम्र की,तब वो बुजुर्ग ने बोला तुम मना कर सकती हो मुझे सिर्फ एक सच्चे साथी की तलाश है और कुछ नहीं चाहिए और हा अगर तुम मना भी करोगी तो भी मैं बुरा नहीं मानूंगा ओर तुम मेरे यहां काम भी चालु रखोगी।
अंजु ये सुनके विचार करने लगी और घर के हालत और खुद की उम्र भी देख कर उसने बुजुर्ग व्यक्ति से शादी बनाना उचित समझा और इसके बारे में अपनी मां से बात भी कर ली,उसकी कम उम्र की वजह से मां ने एक बार फिर सोचने और लोग क्या कहेंगे ये बातें भी बताई। आखिर अंजु ने ये कहकर मन बना ही लिया की लोगो का तो काम ही होता है बाते बनाना।
प्लीज मुझे बताए ये मेरी पहली कहानी है मुझे बताए कैसी लगी मेरी पहली कहानी।
( रिदिजा ) आर.जे भाटिया
#लोगो का तो काम ही होता है बाते बनाना
Nice 👍😊
Absolutely