लड़के वाले सीजन -3 (भाग – 19) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि उमेश और शुभ्रा के घर में रिश्तेदारों का आना शुरू हो गया हैँ…उमेश का प्रमोशन नायब सूबेदार की पोस्ट पर हो गया हैँ… सभी दोस्तों ने इसी ख़ुशी में शाम को पार्टी रखती हैँ…. उमेश अपने प्रमोशन की बात अपने माँ पिताजी को बताता हैँ फिर वो शुभ्रा को फ़ोन लगाता हैँ कि तभी उसे एक मेसेज दिखता हैँ ज़िसमें लिखा होता हैँ…

मुबारक हो तुमको ये शादी तुम्हारी ,,

सदा खुश रहो ये दुआ हैँ मेरी ….

तुम्हारी ना हो सकी….

ज़िसे देख उमेश शांत पड़ जाता हैँ….

अब आगे…

उमेश का मन बेचैन हैँ… वो अपने अतीत के गुजरे पलों के बारें में  सोचने लगता हैँ कि बचपन से साथ में पढ़ी मधु पता नहीं कब मुझसे एक तरफा प्यार करने लगी थी…. उमेश बचपन की दोस्त के नाते उससे बातें कर लेता था….. मजाक कर लेता था… जब उमेश का चयन सेना में हो गया तो कैसे बिलख कर रो पड़ी थी मधु …. दौड़ती हुई उमेश के पास आयी थी… उसके सीने पर हाथ मार मारकर रो रही थी… मुझे छोड़कर कैसे जा सकते हो…. जानते नहीं हो क्या कि तुम्हारे सिवा मेरे जीवन का कोई छोर नहीं हैँ… यहीं तो बोला था ना मधु ने …. बिन माँ बाप की मधु को उसके चाचा चाची ने पाला था… मधु का एक पैर उसके घर होता… तो एक पैर उमेश के… जब उमेश की दीदी का विवाह हो गया तो चाचा चाची ने उमेश के घर जाने की मनाही कर दी…. कि अब तू छोटी नहीं रही… सयानी हो गयी हैँ… ऐसे जवान छोरो के बीच उठना बैठना सही नहीं… मधु का मन बेचैंन रहता… फिर भी वो बहाना बनाकर आ ही ज़ाती…..माँ से बात करते हुए बस उमेश को ही ढूंढ़ती ….

उस दिन उमेश आश्चर्य में पड़ गया… उसने मधु  से कहा …मधु हम दोनों तो अच्छे दोस्त हैँ ना …मैने कभी तुम्हे प्रेमिका की नजरों से नहीं देखा…. तुम बहुत प्यारी लड़की हो… पर मेरे दिल में तुम्हारे लिए वो फीलिंग नहीं… सोरी मधु …. मैने तुम्हे ठेस पहुँचायी हो तो… तुम्हे एक अच्छा जीवन साथी मिले यहीं चाहता हूँ…

उमेश तुम मेरे क्यूँ नहीं हो सकते… क्या कमी है मुझमें…. उस दिन बहुत रोयी थी मधु ….

उमेश अपनी कर्मभूमि आ गया…जब भी उमेश कोई  फोटो डालता यूनीफोर्म पहने तो सबसे पहला कमेंट मधु का ही होता… एक अच्छी दोस्त होने के नाते उमेश ने कभी मधु का नंबर ब्लॉक नहीं किया … उसी का नतीजा हैँ कि उमेश की शादी की खबर मिलने पर मधु का मेसेज आया…. उमेश मधु को समझाने के लिए फ़ोन लगाता हैँ कि कहीं वो कुछ उल्टा सीधा ना कर ले अपने साथ… अभी तक कई रिश्ते देखें उसके चाचा चाची ने पर  हर बार वो मना कर देती कि शायद कभी उमेश के मन में उसके लिए प्यार आ जायें वो उससे शादी कर लें …

उमेश मधु को फ़ोन लगाता हैँ…

उमेश का फ़ोन देख मधु की ख़ुशी का ठिकाना नहीं हैँ…

मुझे पता था उमेश कि तुम मुझे भूल नहीं सकते…. कैसे हो??

मैं अच्छा हूँ मधु … तुम कैसी हो और क्या कर रही हो आजकल….

बस तुम्हे याद करती हूँ… तुम्हारे साथ गुजारा हुआ बचपन याद करती हूँ…. क्या वो मुझसे ज्यादा सुन्दर हैँ ?? बताओ??

नहीं मधु … तुम ज्यादा सुन्दर हो…. पर इस तरह पुरानी यादों को अपने वर्तमान पर हावी करना सही बात नहीं … चाचा चाची की भी उमर हो गयी हैँ… बेचारे कब तक तुम्हारी हां का इंतजार करेंगे…. मेरी बात मानती हो ना तो शादी कर लो अब… मेरे जीवन में सिर्फ शुभ्रा हैँ और अगले सात जन्मों तक शुभ्रा ही रहेगी….और मैं  उससे बेइंतहा प्यार करता हूँ….तुम्हे मुझसे भी  अच्छा लड़का मिलेगा…. देखना तुम ….

पर तुम तो नहीं ना …. उमेश मैं उन लड़कियों के जैसी नहीं कि किसी और लड़की के प्यार को जबरदस्ती अपना बनाऊँ … पर तुम दिल में इस कदर बस गए हो कि खुद को तुमसे अलग नहीं कर पा रही…. हूँ तो इंसान हीं … ऐसा बिल्कुल नहीं हैँ कि मैं तुम्हारी शादी से खुश नहीं …. बहुत खुश हूँ मैं … ईश्वर तुम दोनों को हमेशा खुश रखे… पर इस जन्म में किसी और से शादी न कर पाऊँ  शायद…

तो तुम मेरी बात नहीं मानोगी…. तुम्हे अभी ऐसा लग रहा हैँ.. जब कोई तुम्हारे जीवन में आ जायेगा तो मैं दूर दूर तक याद नहीं आऊंगा तुम्हे … प्लीज शादी कर लो मधु …

तुम मेरी शादी में आओगे ना ??

हां क्यूँ नहीं … हम सभी आयेंगे….

ठीक हैँ…. तुम खुश रहो… अगले साल मेरी भी शादी हैँ… हां कर दूँगी चाचा चाची को आज ही…

वैरी गुड गर्ल…. अच्छा तुम भी आना … पता है न कब हैँ शादी…

हां 23 को.. हैँ ना …

हां…. और बताओ चाचा चाची ठीक हैँ…

हां सब लोग ठीक हैँ…. तुम अपने मन पर कोई बोझ मत रखना…. पूरी ख़ुशी से शादी करो … मेरी तरफ से आजाद हो…. यू विल बी आलवेज माय बेस्ट फ्रेंड …

माईन टू… ओके बाय मधु .. टेक केयर… मिलते हैँ फिर …

ओके … बाय उमेश…

उमेश ने फ़ोन रख दिया…. आज़ उमेश के मन से बहुत बड़ा बोझ उतर गया था… इधर कई बार शुभ्रा का फ़ोन आ चुका था बट उमेश का इंगेज जा रहा था …

उमेश शुभ्रा को फ़ोन लगाता हैँ….

हेलो शुभ्रा… सोरी… जरा एक दोस्त से ज़रूरी बात कर रहा था….

जी कोई बात नहीं ….मुझे लग गया था कि आप ज़रूरी बात ही कर रहे होंगे….

और बताओ कैसी हो?? तुम्हे एक गुड न्यूज देनी है ….

जी क्या ?? बताईये…

तुम्हारे उमेश का  प्रमोशन हो गया हैँ…

वाओ … बधाई हो आपको….. मैं बहुत खुश हूँ… ऐसे ही मेहनत करते रहे और आगे बढ़ते रहे आप….

थैंक यू .. अब बताओ… हनीमून पर कहां चलना हैँ….??

जी आप भी … ऐसी बातें करते हैं कि शर्म ही आ जायें …. मुझे कहीं नहीं जाना….

क्यूँ सभी ज़ाते हैँ…. बताओ ना ….

तो वैंष्णों देवी चलते हैँ जम्मू … मेरा बहुत मन हैँ माता रानी के दर्शन करने का … कभी जा ही नहीं पायी….

क्या यार… अच्छे खासे मूड का कबाड़ा कर देती हो तुम …. दर्शन के लिए तो सारा जीवन पड़ा  हैँ… अभी तो कहीं रोमैंटिक जगह चलो यार…

जी क्यूँ वहां जाने में क्या बुराई हैँ…

देवी जी ठीक हैँ… वहीं चलियेगा… ज़िसको पता चलेगा तो सब हंसेंगे कि ये लोग हनीमून पर दर्शन करने जा रहे हैँ… कुछ तो फीलिंग को समझा करों यार….

जी मैं आपको बुद्धु लगती हूँ…. ठीक हैँ मुझे नहीं करनी आपसे बात ….

अरे गुस्सा मत हो शुभ्रा… फिर बात करूँ तुमसे दोस्त बुला रहे हैँ… आज हमारी शादी की बैचलर पार्टी हैँ यहां… फिर उसके बाद हम सब घर के लिए निकलेंगे… 2 बजे की ट्रेन हैँ…

जी ठीक हैँ… अच्छे से जाईये…. मैने सुना है और देखा भी हैँ फिल्मों में कि बैचलर पार्टी में वो डांस करने वाली लड़कियां भी आती हैँ गंदी गंदी ड्रेस पहनकर…

अच्छा… हां आयेंगी तो सही… सभी उनके साथ डांस करेंगे…. उमेश शुभ्रा को चिढ़ाते हुए बोला…

तो क्या आप भी … आप मत जाईये… अगर जायें भी तो उनसे 10 फीट दूर रहियेगा… समझे….

नहीं मैं तो उनके साथ डांस करूँगा… पागल… ये फौज हैँ… यहां ऐसी पार्टी नहीं होती… ये सब फिल्मों में ही होता हैँ…. तुम्हारे उमेश को कोई लड़की नहीं छू सकती सिर्फ शुभ्रा के अलावा…

धत…. आप भी … अच्छा जाईये… बाय….

बाय शुभ्रा…. मेरी पत्नी का ख्याल रखना….

जी….

उमेश और दोस्तों की जबर्दस्त पार्टी चल रही हैँ…. राहुल का नागिन डांस चल रहा हैँ…

भाई ऐसा ही डांस तेरी शादी में करने वाला हूँ… बहुत प्रैक्टिस की हैँ… पसीने छूट गए….

हां तो फिर उमेश अंकल जी पर सपेरे की भी व्यवस्था करवा लेना… इस सांप को पकड़ने के लिए….

हां तू तो अजगर हैँ … तेरे लिए तो फोरेस्ट टीम बुलवानी पड़ेगी…

विक्रम और राहुल की मीठी नोंकझोंक चल रही हैँ…

चलो खाना पीना हो गया हो तो…. .उमेश बोला…

हां भाई निकलते हैँ स्टेशन नहीं तो लेट हो ज़ायेंगे….

सभी दोस्त पिठ्ठूँ बैग टांगते हैँ…

चल राहुल अब क्या कर रहा हैँ…

भाई ये इतनी शाही पनीर को छोड़कर जाने का मन नहीं हो रहा… थोड़ा सा  राखी लूँ बोक्स में…

तू नहीं सुधरेगा…. ठीक हैँ जल्दी कर ….

सब स्टेशन आ चुके हैँ….

ट्रेन लगी हुई थी….. सभी अपनी अपनी जगह पर बैठ ज़ाते हैँ…

ट्रेंन में राहुल की ख़ुशी का ठिकाना नहीं हैँ…. वो उठके डांस करने लगता हैँ…मेरे यार की शादी हैँ… बोल बंशी वाले की जय… सभी जोर से जयकारा लगाते हैँ….

गाड़ी  स्पीड पकड़ चुकी हैँ…

इधर शुभ्रा के घर बुआ बन्नो बेहोश हो गयी हैँ… उनके चेहरे पर पानी के छींटे मारे जा रहे हैँ…

तोये का हैँ गयो बन्नो… अभी तो अच्छी भली बैठी….

आगे की कहानी कल…. तब तक के लिए बोल बंशी वाले की जय

मीनाक्षी सिंह की कलम से

आगरा

लड़के वाले सीजन -3 (भाग -18)

 

लड़के वाले सीजन -2 (भाग -1) – मीनाक्षी सिंह

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