बड़े अच्छे लगते हैं – जयसिंह भारद्वाज
तुम कहती हो कि कुछ तुम पर लिखूँ। कितना तो लिखा है तुम पर किन्तु तुम हो कि अघाती ही नहीं अपनी कहानी पढ़ पढ़ कर… ऐ सुनो! सच्ची बात बोलूँ, मन तो मेरा भी नहीं भरता है तुम पर लिख लिख कर.. कसम से! याद करता हूँ जब हम पहली बार मिले थे फेसबुक … Read more