सोने का पिंजरा – सुधा जैन : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अंजलि बहुत सुंदर सुशील समझदार और प्यारी लड़की है। जब उसके मम्मी पापा उसके लिए लड़के देख रहे थे तब उनकी चाहत यही थी कि लड़की ऐसे घर में दे ,..जहां पर सब साधन सुविधा हो ,.. ताकि लड़की खुश रहे और उसे आर्थिक ,मानसिक संकट ना हो …क्योंकि उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। अंजलि के सभी गुणों को देखकर एक बड़े परिवार से उसका रिश्ता आया। 

अंजलि के मम्मी पापा सोचा… अच्छा घर है ..परिवार है लड़का भी अच्छा है ..आर्थिक रूप से संपन्न है ..अच्छा बंगला गाड़ी सब है …अपनी बिटिया आराम से रहेगी। अंजलि ने भी अपनी सहमति दे दी क्योंकि हर लड़की का एक सपना होता है… और उसे लगता है कि यही मेरे सपनों का राजकुमार है। धूमधाम से उसकी शादी हो गई ।शादी में ससुराल से बहुत सारे गहने उसके लिए आए थे… सुंदर सा लेहेंगा.. भारी भारी साड़ियां… बड़ा सा रिसेप्शन …सब कुछ सपनों जैसा लग रहा था।

 शादी हो कर कुछ दिन तक तो सब कुछ बहुत अच्छा चला ।लेकिन धीरे-धीरे सभी के रंग दिखने लगी… सासू जी बाहर कुछ और थी …अंदर कुछ और थी… जहां कहीं भी अपना प्रभाव जमाना होता… वहीं पर खर्च करती थी। घर में तो छोटी-छोटी बातों के लिए कंजूसी दिखाई देती ।काम वालों से भी व्यवहार बिल्कुल अच्छा नहीं था… 



वह अपने मायके वालों के लिए कुछ भी नहीं कर सकती थी…. ससुर जी जी हर जगह अपनी बात को मनवाने वाले थे… पति जरूर अच्छे थे ,पर उनका स्वयं का अपना कोई व्यापार नहीं था ।अपने पिताजी के साथ व्यापार करते थे। इसलिए किसी भी प्रकार का स्वतंत्र निर्णय लेने में सक्षम नहीं थे। उसे हर छोटी-छोटी बातों के लिए अपनी सासू मां का मुंह देखना पड़ता था।

 वे दोनों अकेले कहीं घूमने नहीं जा सकते… कुछ खरीदारी नहीं कर सकते… घर पर भी कुछ ना कुछ काम चलता रहता… अंजलि सोचती ,बस मेरे कुछ ही दिन अच्छे बीते चार दिन की चांदनी थी ।अब तो यह मेरा ससुराल नहीं “सोने का पिंजरा* है जहां पर मैं आभूषण पहन सकती हूं …पर बाजार जाकर कुछ खा नहीं सकती…

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 बाहर के लोगों को दिखाने के लिए सारी सुख सुविधा है.. पर अंदर क्या है? यह वही जानती है। अंजलि को लगता है एक लड़की को आत्मनिर्भर होना जरूरी है …नहीं तो बस खुशियां चार दिन की चांदनी बनकर आएगी। मन ही मन सोचा  और निर्णय लिया कि मुझे जीवन में अपने सपनों को पूरा करने के लिए कुछ न कुछ अवश्य करना है, ताकि सोने से पिंजरे से निकलकर अपने जीवन को हमेशा के लिए सुहानी चांदनी बना ले।

मौलिक रचना

सुधा जैन

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