बुढ़ापे में एक कमरा भी अपना नहीं – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

आज शांता सदन में खुशी का माहौल है।  रमाकांत जी और सुधा जी के बड़े बेटे राहुल की शादी है।  शांता सदन फूल-मालाओं और बिजली की लड़ियों से जगमगा रहा है। रमाकांत जी बैंक में मैनेजर हैं। रिटायरमेंट में छह साल बाकी हैं। मध्यमवर्गीय परिवार है। रहने लायक अपना घर बना लिया है। जिसमें तीन … Read more

एक नई पहल – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय  : Moral stories in hindi

“आ गए आप… क्या कहा लड़के वालों ने?” “ उन लोगों ने सब ठीक है…!”ठंडी सांस लेते हुए प्रमोद बाबू ने कहा। “ जरा एक कप चाय पिला दो।थोड़ी थकान उतार लूं।” “अभी लाई।” यह कहकर उनकी पत्नी मानसी देवी चाय बनाने चली गई।  चाय बनाते हुए उनकी आंखों से आंसू निकल आए। कितना मुश्किल … Read more

सुख-दुःख के रंग अपनो के संग – स्नेह ज्योति : Moral stories in hindi

भोर होते ही दरवाज़े की घंटी बजने लगी । दरवाज़ा खोलने में देर होने पर बार बार बजने लगी । तभी प्रतिभा उठी…..रुक जाओ भाई कौन है जो इतनी सुबह-सुबह शोर मचा रहा है । दरवाज़ा खोलते ही अपने बेटे को सामने देख प्रतिभा ख़ुशी से फूली नही समा रही थी । विप्लव तुम आ … Read more

मै अपनी मम्मी के साथ रहूंगा – अर्चना खंडेलवाल  : Moral stories in hindi

“मम्मी, हम आज फिर कहां जा रहे हैं? जो आप जल्दी -जल्दी होमवर्क करने को कह रहे हो?  राहुल ने पूछा। “राहुल, आज मीना मौसी की शादी की सालगिरह है, बस हमें भी वहीं जाना है, वहां तेरे  नाना, नानी सब लोग आयेंगे, बहुत अच्छा लगेगा, खुश होते हुए  वीणा ने कहा। “क्या, मम्मी अभी … Read more

माता-पिता के चरणों में स्वर्ग है – पूजा शर्मा  : Moral stories in hindi

बेटा 2 साल हो गए तुझे देखे हुए कब आएगा आंखें तरस गई हैं परदेस जा के ऐसा बैठ गया की मां-बाप की सुध भी नहीं रही तुझे, तेरी मां भी हर समय तुझे याद किया करती है हमारा इकलौता सहारा है तू जीने का। अरे यहां दिल्ली में दो-दो मकान है हमारे । मेरी … Read more

हैप्पी होली जीजी – शुभ्रा बैनर्जी : Moral stories in hindi

सावन में भाई के ना आने से मुंह फुलाकर बैठी थी सुमन।ससुराल में बहू की इज्जत तभी होती है,जब मायके में उसकी पूछ परख हो।कितने चाव से भाई -भाभी के लिए कपड़े खरीदकर लाई थी। सास-ससुर के बगल वाले कमरे की सफाई भी कर रखी थी,उनके ठहरने के लिए।मां के जाने के बाद पहली बार … Read more

दूरदर्शिता – निभा राजीव “निर्वी”  : Moral stories in hindi

“-अरी बहू! अगर तुम दोनों मां बेटी की गुटर गूं खत्म हो गई हो तो अब जाकर उसे स्कूल के लिए बस स्टॉप पर छोड़कर आओ…वापस आकर आगे भी कुछ काम करने हैं या नहीं। तुम्हारा आधा समय तो इसे पहुंचाने और लाने में ही बीत जाता है…. और फिर हड़बड़ी में जैसा तैसा काम … Read more

धिक्कार – हिमांशु जैन मीत : Moral stories in hindi

जीवन विविधताओं में ढला हुआ एक ताना बाना है जिसमें नफ़रत और प्यार जैसी भावनाएं कदम कदम पर आपके इम्तहान लेती रहतीं हैं…. अक्सर बेदखल जैसे शब्द को सुनकर माता पिता द्वारा अपनी संतान को बेदखल करने की तस्वीर ही ज़हन में उभरती है…… लेकिन यह कहानी ठीक इसके विपरीत है.. जी हाँ,ये कहानी है … Read more

शीतल छाया – करुणा मलिक : Moral stories in hindi

पम्मी, कुछ दिनों के लिए इंडिया जाना चाहती हूँ । मेरी टिकट बुक करवा दे पुत्तर । मम्मा, अभी तो मुझे छुट्टी नहीं मिल सकती । फिर बच्चों के पेपर आ जाएँगे । अभी कैसे…… मैं अकेले चली जाऊँगी । कुछ दिन आराम से रहना चाहती हूँ । जल्दी-जल्दी में जाना – आना , मन … Read more

धिक्कार है धिक्कार – सुभद्रा प्रसाद : Moral stories in hindi

रात के दो बजकर दस मिनट हो चुके   थे |प्रियंका स्टेशन के प्लेटफार्म  पर शाल ओढ़े चुपचाप बैठी थी | उसे समझ नहीं आ रहा था,  वह क्या करे? रात दो बजे वाली ट्रेन आकर आगे जा चुकी थी और उसका मन तेजी से पीछे की ओर भाग रहा था |       … Read more

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