अनूठी पहल – निभा राजीव “निर्वी” : Moral stories in hindi
“-तुम ऐसा सोच भी कैसे सकती हो मीरा! गलती से भी दोबारा ऐसी बात अपनी जुबान पर मत लाना! और माँ को भी पता नहीं क्या सूझी.. कम से कम उन्हें तो सोचना चाहिए था कि…” “बस करो विवेक! माँ को कुछ मत कहना… यह निर्णय माँ का नहीं बल्कि मेरा है…” मीरा का स्वर … Read more