सास बिना ससुराल – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

नीलम एक सुंदर,प्यारी सी लडकी थी | पिता श्यामसुंदर एक बिजनेस मैन थे और माँ एक कुशल गृहणी | दो बडे भाईयों की इकलौती छोटी बहन थी वह | दोनों भाईयों की अभी शादी नहीं हुई थी |  ग्रेजुएशन पूरा करते ही उसके पिता उसकी शादी की चर्चा करने लगे | नीरज एक स्मार्ट, पढा-लिखा … Read more

घडियाली आंसू बहाना – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

लता के पति की मृत्यु करीब बारह साल पहले हो चुकी थी | उसकी दो बेटियां थी | जब उसके पति की मृत्यु हुई थी तब उसकी बड़ी बेटी रमा तेरह साल और छोटी बेटी जया दस साल की थी | उसके पति एक कंपनी में काम करते थे | पति की मृत्यु पर परिवार … Read more

अभागन तू नहीं मैं हूँ – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

रश्मि अपने पति शिवम के साथ गाड़ी से अपने मायके जा रही थी | गाड़ी तेजी से आगे जा रही थी और रश्मि का मन उतनी ही तेजी से पीछे भाग रहा था | उसे अपने बीते दिनों की बातें याद आ रही थी |                   शिवम … Read more

सपना का पश्चाताप – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

  सपना का रो रो कर बुरा हाल था | वह अस्पताल में बैठी भगवान् को याद कर रही थी | उसके पति  की गाड़ी को आफिस से घर आते हुए एक दूसरी गाड़ी ने टक्कर मार दिया था और वे धायल हो गये थे | कुछ लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचा दिया था और उनके … Read more

सच्चा हमसफर- सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

शिवम  एक सताईस वर्षीय लंबा ,स्मार्ट, हैंडसम नौजवान था | वह शिक्षा और संस्कार में भी बहुत अच्छा था | उसने बहुत मेहनत से अपनी पढ़ाई की थी और अब वह एक अच्छी कंपनी में बहुत अच्छे पद पर कार्यरत था | एक अच्छी कंपनी में वह इंजीनियर था | उसकी शादी के लिए बहुत … Read more

बहू का अनर्थ- सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

” अरी ओ बहू, ये  क्या अनर्थ कर दिया तुमने |” सास शोभा जोर से  चिल्लाकर बोली  |       ” क्या हुआ मम्मी? क्या किया मैनें |” बहू  नीता पास आते हुए हडबडाकर बोली |        ” ये मैंने तुम्हें पूजा के लिए प्रसाद बनाने को कहा था |  प्रसाद बनाकर  पूजा के लिए रखना था ना … Read more

छोटा मुॅंह बड़ी बात – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

शाम का समय था | दिप्ती अपने लिए चाय बनाने जा रही थी, तभी उसे सब्जी वाले की आवाज सुनाई दी ” सब्जी ले लो, सब्जी ले लो “| दिप्ती तुरंत बाहर आई | सब्जी वाला अपना सब्जी का ठेला लेकर अक्सर आता था | उसकी सब्जियां ताजी होती थी और वह दाम भी ठीक … Read more

पुष्पा का तनाव – सुभद्रा प्रसाद : Moral stories in hindi

 छह महीने से शुभम घर नहीं आया था | माँ पुष्पा देवी बहुत तनाव में  थी | शुभम उनकी इकलौती संतान था | बहुत ही होनहार, आज्ञाकारी और संस्कारी था | पढाई में तेज होने के साथ-साथ संस्कार और व्यवहार में भी अच्छा था | सभी के साथ उचित व्यवहार करता था | अपनी पढाई … Read more

धिक्कार है धिक्कार – सुभद्रा प्रसाद : Moral stories in hindi

रात के दो बजकर दस मिनट हो चुके   थे |प्रियंका स्टेशन के प्लेटफार्म  पर शाल ओढ़े चुपचाप बैठी थी | उसे समझ नहीं आ रहा था,  वह क्या करे? रात दो बजे वाली ट्रेन आकर आगे जा चुकी थी और उसका मन तेजी से पीछे की ओर भाग रहा था |       … Read more

दायित्व अपना-अपना – सुभद्रा प्रसाद: Moral stories in hindi

आदित्य ने आफिस से आकर अपना बैग टेबल पर रखा तो उसकी निगाह फिर उस लिफाफे पर पड़ गई, जो उसे परसों मिला था  | यह लिफाफा उसके पिता ने उसे भेजा था और आदित्य ने उसे बिना खोले ही रख दिया था | वही, पिताजी ने उसे भारत आने के लिए लिखा होगा ,उसने … Read more

error: Content is Copyright protected !!