दर्द जो कोई नहीं बांट सकता –  सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  ” बधाई हो भाभी, बेटा अफसर बन गया है और बहू भी अफसर ही आई है |दोनों तुम्हारी इज्जत करते हैं, बात मानते हैं और अब तो तुम्हें अपने साथ घूमने ले जा रहे हैं |बेटा -बहू तो बहुतों के है, पर कोई अपनी माँ के लिए इतना नहीं  करता … Read more

चहकता घर-आंगन- सुभद्रा प्रसाद : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : नयना बहुत परेशान थी |उसे समझ नहीं आ रहा था, वह कैसे संभाले, सबकुछ | घर, आफिस, बच्चे और  उपर से प्रशांत की यह हालत |सबकुछ तो ठीक ही जा रहा था|  प्रशांत  और वह दोनों मिलकर सब संभाल ही रहे थे, पर प्रशांत के इस एक्सीडेंट ने तो सबकुछ … Read more

एक ससुराल ऐसा भी – सुभद्रा प्रसाद: hindi Stories

hindi Stories : रमा बहुत परेशान थी | आज राखी का त्यौहार है  |हर साल राखी में उसकी ननद अपने भाई को राखी बांधने आती थी|  ननद उसके शहर में ही रहती थी और कभी-कभी आते रहती थी, पर राखी के दिन तो जरूर आती थी |रमा को उसके आने से कुछ परेशानी न थी … Read more

नाम डुबो दिया – सुभद्रा प्रसाद : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “अरे कहाँ है गिरधारी, क्या कर रहा है? ” बिहारी बाबू घर में घुसते हुए जोर से बोले |        “मैं तो घर में ही ं हूँ भैया | प्रणाम करता हूँ|आइये बैठिए |” गिरधारी बाबू  अपने कमरे से बाहर आते हुए बोले |           ” खुश रहो , पर ये तो … Read more

दुख का रिश्ता – सुभद्रा प्रसाद : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : रोहित आज बहुत खुश था |वह जल्द से जल्द अपनी माँ के पास पहुंच जाना चाह रहा था |जितनी तेजी से वह घर की ओर जा रहा था, उसका मन उतनी तेजी से पीछे की ओर भाग रहा था |          वह अपने माता- पिता की इकलौती संतान था |पिता एक … Read more

घमंड चकनाचूर हुआ – सुभद्रा प्रसाद

श्यामा आज बहुत खुश थी |आज उसके पोते हर्ष का  जन्मदिन था  |वह अपने बेटे सूरज, बहू रचना, पांच वर्षिय पोते हर्ष और दो साल की पोती हर्षिता के साथ मंदिर आई थी |पोते और पोती के जन्मदिन पर वह  सपरिवार सुबह मंदिर आती थी | पूजा करती और उनके हाथों से  मंदिर के बाहर … Read more

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