संस्कार पिलाए नहीं जाते…! – वर्षा गर्ग
ऑटो से उतरते ही हलचल का अंदाज़ हो चुका था। दोपहर के वक्त शांत रहने वाली हमारी हाउसिंग सोसाइटी में चहल पहल थी। मैन गेट से आगे आई तो एक एंबुलेंस नजर आई। हे ईश्वर!सबकी रक्षा करना। मन ही मन भगवान का नाम लेते हुए आगे बढ़ी मैं। लिफ्ट के पास कुछ परिचित चेहरे नजर … Read more