मैं लौट आया वापस – मंगला श्रीवास्तव

रोज की तरह ही शाम को दरवाजे पर खड़ी सुनयना सागर का इंतजार कर रही थी।हालांकि वह जानती थी उसका इंतजार व्यर्थ ही है। क्योंकि सागर आजकल कभी कभी हफ़्तों तक नही आता था, या बहुत देर रात को नशे में धुत होकर आता था l परंतु सुनयना फिर भी हर शाम को सात बजे … Read more

मान अपमान – ज्योति अप्रतिम

“अब आ रहीं  हैं आप !जब सब काम हो चुका है। “ आफिस में आज नए डी जी एम के स्वागत में होने वाले कार्यक्रम की व्यवस्थापिका ने दहाड़ लगाई । जी ,जी वो …… प्रीतिका नई आई हुई क्लर्क ने धीरे से अपना पक्ष रखना चाहा लेकिन डर के बारे शब्द नहीं मिल पाए। … Read more

 बेटा हमारे साथ धोखा हुआ है..…  – भाविनी केतन उपाध्याय

“माँ. इस एफ. डी. में आप के हस्ताक्षर कर दीजिए, मुझे अभी पैसों की जरूरत है ” नविन ने अपनी माँ रमा जी से कहा। पर बेटा, ये पैसे तो समीर के बेटे की कॉलेज फीस के है, मैं तुम्हें कैसे दे सकती हूँ? और फिर तुम्हें तुम्हारे हक के पैसे तो दे दिया है … Read more

मुझे मेरे बेटे पर पूरा विश्वास है। – नीरू जैन

कहते हैं ना खुशियां जब भी आती है चारों और से आती है शायद दुख भी ऐसे ही आता है। चारों तरफ पूरी दुनिया में हाहाकार मच रहा है। पिछले साल अक्टूबर 2020 में पूरी दिल्ली में कोरोना की लहर थी। उसमें मेरे घर में और अधिकतर सभी रिश्तेदारों के यहां कोरोना हो रहा था। … Read more

क्या मिला तुम्हें मेरे पापा का भरोसा तोड़कर अनजान लड़की? – मीनू झा 

सुनो ना एक बात कहनी थी आपसे… पापाजी को देखा है आजकल फोन पर कितने व्यस्त रहने लगे हैं??? हां…देखता तो हूं..कभी न्यूज़ सुनते हैं कभी गाने सुनते हैं,कभी वीडियोज़ देखकर हंसते रहते हैं…. अच्छा ही है ना मां के जाने के इतने सालों बाद कहीं मन तो लगाने की कोशिश कर रहे हैं ना,वरना … Read more

भाई – सुधा शर्मा

रात में कोई दरवाजा खटखटा रहा था। देखा छोटा खड़ा था। भडभडाते हुए अन्दर आकर बरस पड़ा,’ये क्या भाई  , मुझे इतना पराया कर दिया? खबर नहीं कर सकते थे? इतनी परेशानी मे हो और मुझे खबर नहीं  ?मुझे दूसरों से पता चला।” फूट फूट कर रोने लगा वह।  मैने उसे गले लगा लिया ।’मै … Read more

“भाई-भाभी और भरोसा” – कुमुद मोहन

“हलो! जीजी हो सके तो इस संडे आ जाना” रीमा के भाई विनय ने सुबह सुबह फोन पर कहा! रीमा–पर तेरे जीजा जी तो टूर पर गए हैं फिर कभी रख लें?” विनय—नहीं! संडे ही आ जाओ सीमा जीजी भी आ रही हैं! सीमा एक साल पहले विधवा हो गई थी अपने बेटे के साथ … Read more

भरोसा माॅ॑ का! – प्रियंका सक्सेना

“तुम्हें कुछ खबर भी है, कहां जाता है तुम्हारा बेटा?” रामेश्वर जी ने शांता जी से कहा ” अरे,आप क्यों परेशान हो रहे हैं। आता ही होगा। गया होगा किसी दोस्त से मिलने। अरे हाॅ॑! याद आया ग्रुप प्रोजेक्ट कर रहें हैं साथ में बच्चे।” शांता जी बोली ” समझा करो शांता। रोहन बड़ा हो … Read more

भरोसे लायक बहू – भगवती सक्सेना गौड़

पढ़ी लिखी इंजीनियर बहू आरती आयी थी, घर मे, सासु पूजा देवी, ठहरी गांव की दसवीं किसी तरह पास करी हुई। जब से शादी तय हुई, मन ही मन बहुत परेशान थी, अभी तो घर मे सिर्फ बेटा अक्षय और उसके बाबूजी ही अनादर करते थे। कुछ बात चल रही हो और अगर पूछ लें … Read more

 विश्वास की डोर –   बालेश्वर गुप्ता

  देखो,तुम्हारे भरोसे,तुमसे प्यार करके ही मैंने अपने परिवार से विद्रोह किया है।परिवार का एक सदस्य भी तो मेरे पक्ष में नहीं।रिश्तेदार तक यही समझाते हैं कि पगली प्रेम विवाह क्या कभी सफल हुए हैं?देख लेना कुछ ही दिनों में तू कहीं की नही रहेगी। अब तुम्ही बताओ इतनी बड़ी बड़ी बातें भला मैं क्या समझूँ?तुम्हीं … Read more

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