मैं लौट आया वापस – मंगला श्रीवास्तव
रोज की तरह ही शाम को दरवाजे पर खड़ी सुनयना सागर का इंतजार कर रही थी।हालांकि वह जानती थी उसका इंतजार व्यर्थ ही है। क्योंकि सागर आजकल कभी कभी हफ़्तों तक नही आता था, या बहुत देर रात को नशे में धुत होकर आता था l परंतु सुनयना फिर भी हर शाम को सात बजे … Read more