डायरी – बिभा गुप्ता
रामदास बाबू को हमेशा अपनी डायरी में कुछ न कुछ लिखते देख मानसी कुछ समझ नहीं पाती थी कि उसके ससुर दिनभर आखिर उस डायरी में क्या लिखते रहते हैं।बहू को आते देख जब वे डायरी को अपने तकिये के नीचे छुपा लेते तो मानसी की जिज्ञासा और बढ़ जाती।उसे यकीन हो जाता कि उसके … Read more