क्या शादी के आगे जिंदगी ही नहीं । – सुधा जैन

25 वर्षीय अनाया अपनी जिंदगी के नए सपने देख रही है। वह आर्किटेक्ट इंजीनियर है। नए-नए प्रोजेक्ट पर काम कर रही है ।जीवन में और आगे बढ़ना भी चाह रही है। घर पर वह और उसकी मम्मी रहते हैं। इन दिनों मम्मी उसकी शादी को लेकर बहुत ही आग्रह कर रही है। “शादी कर लो … Read more

न्याय – रीटा मक्कड़

‘बहु…रागिनी बहु जरा इधर तो आना” ‘जी मम्मी जी” ‘वो कल अंजली बिटिया और दामाद जी आ रहे हैं। खाने में कुछ अच्छा सा बना लेना।तेरे पापा जी बाजार जा रहे हैं।जो चाहिए अभी से मंगा लेना उनसे” “जी मम्मी जी मैं अभी लिस्ट बना कर लाती हूँ।’ रागिनी जल्दी से ससुर जी को लिस्ट … Read more

विश्वासघात – प्रीती सक्सेना

मैं माया, छोटे से शहर की, साधारण शक्ल सूरत की,BA पास लड़की, दुबली पतली, सांवला रंग, ऐसा कुछ भी असाधारण सा नहीं था मुझमें जो कुछ अलग सा हो। पढ़ाई में खास दिलचस्पी नहीं थी, किसी तरह BA कर ही लिया, पिता अकाउंटेंट की नौकरी पर थे दो बहन एक भाई भी थे। बड़ी बहन … Read more

उलझते रिश्ते – पुजा अरोरा

आज जैसे ही विराट दफ्तर से घर में घुसा, घर में मची शांति परंतु रसोई घर मे से आती बर्तनों की उठा पटक से साफ़ पता चल रहा था कि घर पर जरूर कुछ ना कुछ हुआ है |   सच लगभग प्रत्येक पुरुष को इस दौर से एक ना एक बार अवश्य गुजरना पड़ता है … Read more

वैवाहिक स्वर्णजयंती-नीरजा कृष्णा

आज उनकी पचासवीं वैवाहिक वर्षगांठ है…. उन दोनों को बड़ा अरमान था अपने जीवन के इस विशेष दिवस को धूमधाम से मनाने का। वो अपने दोनों बच्चों, बहू दामाद, नाती पोते… सबको इस दिवस के लिए याद दिलाती रहती थी…बहू ने तो बहुत उत्साह से कहा भी था,”आप देखिएगा ना, हमलोग कितने बढ़िया से सब … Read more

 “दोहन” – रीमा ठाकुर

प्रभु लाज रखो मेरी,  हाथ जोडे निरीह आंखे बंद आंसुओं की धार  एक अबला,   कृष्ण भक्ति में लीन,  विश्वास की परकाष्ठा,, पंचाली कृष्णा, कृष्ण है, न तुम्हारा सखा “ धीरे से नयन खोलकर देखती है, अद्भुत, सामने केशव खड़े, बस उन्माद, कुछ खबर नही “! हडबडा उठ बैठी नित्या, कुछ पल इधरउधर देखती रही, … Read more

मुझे भी जीना है! – रीमा महेंद्र ठाकुर 

कार दरवाजे पर आकर खडी हो गयी थी, कला का मन बार बार उधर ही जा रहा था! नयी बहू आयी थी “ पर वो खुद को रोके हुए थी! वजह उसका विधवा होना, अंश उसका इकलौता बेटा था! नीचे बहू परछन की तैयारी हो रही थी! बड़ी ननद ने सारा जिम्मा लिया था और … Read more

चाय की अंतिम प्याली – अनिता वर्मा

ऐसा नही है कि पहली बार पत्नी “स्वाति”के बिना  अकेले सो रहा था कई बार ऑफिस के काम से बाहर जाता था पर आज पहली बार ,अपने  शयनकक्ष  मे अकेले सो रहा था रात के 2 बज गए थे पर गौरव की आँखों मे नींद का पता ही नही था । सोचता रहा ना जाने … Read more

सहारा – अनुपमा

आभा का फोन बार बार बजता ही जा रहा था , मीटिंग मे  थी और फोन साइलेंट पर , उसे कुछ पता ही नही चला । मीटिंग के बाद जैसे ही आभा ने अपना फोन चेक किया वो परेशान हो गई , इतने सारे मां के मिस कॉल आखिर क्या हो गया? मां को वापिस … Read more

अजन्मे बेटी का दर्द – रीता मिश्रा तिवारी

मेरा सिर थोड़ा भारी सा लग रहा है। थोड़ा आराम कर लेती हूं कह सुषमा बिस्तर पर लेट गई , लेटते ही उसे नींद आ गई। मां, पापा! मैं जन्म ले कर इस दुनियां में आना चाहती हूं। देखना चाहती हूं प्राकृतिक सुंदरता को। महसूस करना चाहती हूं तुम्हारे स्पर्श को। तुम्हारी गोद में सुकून … Read more

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