घुटन – नीलिमा सिंघल

निलांशा अनमने मन से काम किए जा रही थी जितनी तेजी से हाथ चल रहे थे उससे चौगुनी तेजी से दिमाग

5 साल हो गये विहान की पत्नि बने पर कुछ ऐसा हुआ ही नहीं कभी जब लगा हो विहान और उसका घर निलांशा का भी हो,

माँ पापा की सहमति से निलांशा विहान की पत्नि बनकर आयी थी उसकी खुद की इच्छा पर कभी उसका जोर नहीं चला, यहां विहान भी उससे 10 साल बड़ा था जो उस पर अपनी मन मर्जी थोपता रहता था, ये भी उस पर शादी के 20 दिन बाद ही खुल गया था क्यूंकि विवाह के समय विहान की उम्र 26 साल बतायी थी और निलांशा 23 साल की थी, इसीलिए उम्र उसको और उसके परिवार को सही लगी।

जिस दिन निलांशा पर उम्र के फर्क का भेद प्रकट हुआ उसके बाद से हर दिन कोई ना कोई राज उजागर होता रहता, निलांशा हैरान थी इतने झूठों पर उसका विवाह हुआ था, पर माँ पापा को दुख ना पहुंचे इसीलिए मन मसोस कर रह गई हमेशा,

पर जबसे निलांशा को विहान के प्रेम के बारे मे पता चला उसको किसी करवट चैन नहीं आया, विहान आज भी मीशा के प्रेम मे पागल था निलांशा से सिर्फ जिस्मानी रिश्ता था, है और रहेगा ऐसा विहान बहुत बार निलांशा को बता चुका था।


निलांशा को अपने प्यार और सेवाभाव पर भरोसा था कि कभी ना कभी वो विहान  के दिल को जीत लेगी पर आज 5 साल बाद जब ससुराल मे सब मिले और और विहान मीशा की बात चल निकली जैसा कि हर बार बार बार होता था वैसा ही इस बार भी हुआ 5 साल बाद, निलांशा को लगा विहान बात मोड़ देगा और निलांशा की तारीफ मे कुछ बोलेगा पर जब विहान ने हमेशा की तरह परिवारज़न की बात मे बात मिलाई हाँ मे हाँ मिलाई निलांशा के दिल के टुकड़े होकर बिखर गए,

आज विवाह की पांचवीं वर्षगांठ मनाते हुए निलांशा का चेहरा भाव हीन था ।

लोग शिकायत कर रहे थे पर निलांशा को कोई फर्क नहीं पड़ रहा था वो तटस्थ थी।

आखिर एक और अनामिका माँ बाप की मर्जी पर बलिदान हो गयी

इतिश्री

शुभांगी

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