छोटी छोटी खुशियाँ – आरती झा आद्या  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : शादी के दस साल होने को आए। जीवन जैसे जिम्मेदारियों को समर्पित कर दिया है हमने। प्रेम, मनुहार, तमन्ना कुछ बची ही नहीं है जैसे, दो बच्चों की माँ सुधा बैठे बैठे यही सोच रही थी। नई नई शादी हुई थी, हाथों में हाथ डाले चाँदनी रात में घूमना कितना … Read more

अलका – आरती झा आद्या   : Short Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : अलका एकदम मस्त सी तितली सी उड़ती रहती थी। बचपन से ही वो ऐसी ही थी। खिलंदड़ स्वभाव की एकदम अलमस्त, फुल ऑफ लाइफ के नाम से दोस्तों के बीच जानी जाती थी। तीन भाई बहनों में सबसे बड़ी। अब जब उसका स्नातक पूरा हो गया था तो घर वालों … Read more

जिम्मेदारी – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : विभा.. आज तुम्हारी दोस्त मीनू अपने पति के साथ बाजार में मिल गई थी.. सोमेश घर में प्रवेश करता हुआ बैग रख अपनी पत्नी से कहता है। ये तो अच्छी बात है… विभा कहती है। कल उसे और उसके परिवार को मैंने लंच के लिए निमंत्रण दिया है.. सोमेश बताता … Read more

बुरा सपना – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : नहीं नहीं ऐसा मत करो..ओह मेरा चेहरा झुलस गया। बहुत दर्द हो रहा है मुझे..मुझे ऐसी हालत में देखकर मेरे मम्मी पापा मर जाएंगे..नींद में एक अजीब सा साया मानो उसे दर्द पहुँचा रहा था। उस दर्द से छटपटाती पसीने से तर बतर सीमा की नींद खुल जाती है। खुली … Read more

वो मेरी प्रतिष्ठा मिट्टी मे मिला देगा – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “तुम्हारा लाडला तो मेरा नाम डुबोने पर लगा है, छोटा होने का लाभ लेता है” प्रशासनिक अधिकारी वीरप्रताप शाम की चाय पीते हुए अपनी अर्धांगिनी से कह रहे थे। “ऐसा क्या कर दिया वीर ने”…सुलोचना ने पूछा। “सुना नहीं तुमने, एग्रीकल्चर करेगा और गाँव जाकर लोगों को जागरूक करेगा। प्रताप … Read more

एक लंबा सफर – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आकाश.. आनंदी.. अमृत  .. छोटी सी दुनिया तीनों की… अमृत, आकाश और आनंदी का लाडला.. राजकुमार। समय कब कौन सा रंग दिखा दे.. कोई नहीं जानता… जाने कब कौन सी चूक हुई और एक पेट दर्द ने रातों रात आनंदी के प्राण हर लिए। आकाश और अमृत.. आनंदी के बगैर … Read more

मृगतृष्णा – आरती झा”आद्या”

सुहानी शाम की बयार बह रही थी और माँ का रक्तचाप और मधुमेह नियन्त्रित रहे, इसलिए सुहानी पिता को घर पर चाय बना कर देकर माँ के साथ घर के बगल वाले पार्क में टहलने जाती थी। टहलने के बाद माँ के साथ वही बेंच पर बैठ गई और पड़ोस की एक बुजुर्ग महिला के … Read more

पुत्र ऋण – आरती झा आद्या

फिर से उस घर में शहनाइयां गूंज रही थी और पांच साल का सन्नी उस गहमागहमी को टुकुर टुकुर देख रहा था। उसे तो बस इतना ही पता था कि उसकी मां जो उसे एक साल पहले छोड़कर भगवान के पास चली गई थी, वो दूसरा रूप लेकर फिर से उसके पास आ रही है … Read more

जिम्मेदारी – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : विभा.. आज तुम्हारी दोस्त मीनू अपने पति के साथ बाजार में मिल गई थी.. सोमेश घर में प्रवेश करता हुआ बैग रख अपनी पत्नी से कहता है। ये तो अच्छी बात है… विभा कहती है। कल उसे और उसके परिवार को मैंने लंच के लिए निमंत्रण दिया है.. सोमेश बताता … Read more

मृगमरीचिगा – आरती झा आद्या

तू क्यूं नहीं समझ रही है रक्षा, शादीशुदा है वो। जिंदगी बर्बाद हो जाएगी तेरी.. रक्षा के ही दफ्तर में काम करने वाली सुरम्या उसे समझा रही थी। पता नहीं तुझे उससे क्या दिक्कत है सुरम्या। कितना तो ख्याल रखता है मेरा। जब मुझे प्रिय कहकर संबोधित करता है तो ऐसा लगता है जैसे वो … Read more

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