तुम पराई नहीं हो .!!- अंजना ठाकुर  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : राधिका की शादी पक्की हो गई थी घर मैं सब खुश थे दो भाई मैं राधिका सबसे बड़ी थी पर जबसे राधिका की शादी पक्की हुई तब से ही वो उदास रहने लगी थी। मां  (मालती जी) ने पूछा क्या हुआ राधिका तुम खुश नही हो क्या? लड़का तो तुम्हे … Read more

वो बहू है ..कोई जादूगर नहीं!! : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आज निधि की ताई सास आई हुई थी कुछ परेशानी थी तो डॉक्टर के दिखाना था कुछ दिन अपने देवरानी के घर रुकने वाली थी । निधि को घबराहट हो रही थी उसे पता था ताइजी  बहुत कड़क स्वभाव की है जरा सी बात का बतंगड़ बना देती है ।शादी … Read more

मैं ससुराल से नहीं जाऊंगी!! – अंजना ठाकुर : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : तू अभी इसी वक्त निकल यहां से आज से तेरा कोई रिश्ता नहीं है हमारे से !विकास के पापा जोरदार आवाज मैं बोले उनकी आवाज सुनकर रुचि अंदर तक कांप गई । विकास ने अपने परिवार के खिलाफ जाकर एक गैर जाति की लड़की रुचि से शादी करी थी ।रुचि … Read more

रस्म का अधिकार!!- अंजना ठाकुर : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : दरवाजे पर ढोल की आवाज सुनकर सुषमा जल्दी से अपने कमरे मै चली गई वो नई बहू का स्वागत नही कर सकती थी उसकी सास ने साफ कहा था शुभ काम से दूर रहना और अपने बच्चो का बुरा कौन सोच सकता है पूरी शादी मैं वो रस्म से दूर ही … Read more

आखिर मिल ही गया मां का अधिकार.!! – अंजना ठाकुर : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आज जब सोनू की नानी ने सोनू को सविता को सौंपा और सोनू जब मां बोलकर सबिता के गले लगा तो आज सबिता को महसूस हुआ की आज वो सच मैं मां बनी है क्योंकि अभी तक मां होने का कर्तव्य तो निभा रही थी पर अधिकार आज मिला है. … Read more

उपेक्षित पड़ाव जिंदगी का .! – अंजना ठाकुर : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : अनु बेचैनी से बार बार  दरवाजे की और देख रही थी उसकी बेटी पांच बजे तक कोचिंग से आ जाती है अभी छे बज रहे थे फोन भी नही उठा रही थी तब शिवी आते दिखी अंदर आते ही अनु बोली कहां रह गई थी शिवी और फोन भी नही … Read more

उपेक्षा का हर्जाना ..!! – अंजना ठाकुर  : Short Moral Stories in Hindi

Short Moral Stories in Hindi : रितु अपनी शादी से खुश नही थी  उसने एक सपनों के राजकुमार के सपने सजाए थे जो दिखने मै राजकुमार हो और पैसों की भी उस पर कोई कमी नही हो और सजाती क्यों न ,खुद ने  बचपन से अपनी हर इच्छा को पूरी होते देखा है अमीर माता … Read more

खुद पर बीती तब जाना उपेक्षित होने का दर्द.!! : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आरती और मधुर भाई बहन कम दोस्त जैसे ज्यादा रहते थे ऐसी शायद ही कोई बात हो जो दोनो एक दुसरे को बताते नही हो आरती मधुर से तीन साल बड़ी भी थी तो मधुर को कोई सलाह भी चाहिए हो तो मां से न बोलकर  आरती से ही लेता … Read more

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