गुड़ गोबर करना – डाॅक्टर संजु झा : Moral Stories in Hindi

भारत में क्रिकेट अत्यंत लोकप्रिय खेल है।क्रिकेट  भारत में धर्म की तरह है।लोग यहाँ इस खेल के दीवाने हैं।इस खेल ने लाखों भारतीयों के दिलों पर कब्जा कर लिया है।यह सिर्फ एक खेल नहीं,बल्कि राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक  बन गया है। प्रत्येक चार साल पर क्रिकेट वर्ल्ड कप का आयोजन होता है।वर्ल्ड कप जीतने का … Read more

लो सखि – पूर्णिमा सोनी : Moral Stories in Hindi

 आज फिर तुमसे, अपने दिल की बात करने बैठी हूं  अब ये दुनिया दारी और घर गृहस्थी के चक्कर में, दिल- विल जैसा तो कुछ रह  नहीं गया है  भले ही चले… अरे वेलेंटाइन वीक…. हमें क्या?  हम दिमाग़ लगाए के अपनी घर गृहस्थी संभाले या  दिल?  सैंया जी अपने काम धंधे में खटे और … Read more

संस्कार – नीलम सौरभ

बड़ी हवेली में काम करने वाली राधा, आज जल्दी काम निबटाने की गरज से अपने साथ बिटिया रेवती को भी लेती आयी थी। आते ही दोनों, फैले-बिखरे घर को समेटने और धो-पोंछ कर चमकाने में जुट गयीं।                   गृहस्वामिनी शोभना जी देख रही थीं कि छोटी सी लड़की किस फुर्ती और सफाई से माँ के कामों … Read more

मतलब_परस्त_लोग – प्राची_लेखिका : Moral Stories in Hindi

 संडे को क्रिकेट वर्ल्ड कप फाइनल था। शुभ्रा,राहुल और बच्चे उत्साहित थे भारत की जीत को लेकर। अचानक से राहुल के किसी मित्र का अपनी पत्नी के साथ आने का प्रोग्राम बन जाता है। शुभ्रा सुबह से ही काम में लगी हुई थी अचानक से आने वाले मेहमानों के आगमन की तैयारी में। सारी साफ … Read more

झूठी शान में कैसा मान ? – तृप्ति देव : Moral Stories in Hindi

जितनी बड़ी चादर हो, उतने ही पैर फैलाना बुद्धिमानी है।बहु ! हा मां! लेकिन लड़केवाले तो अमीर हैं। तो क्या हुआ? बहु! जो सच है, जो सहज-सरल और वही वास्तविक है, वही बयान करना चाहिएं। कल पूरा परिवार अपने यहां आने वाले है। मां! ठीक है । हा !है जैसे वैसे रहेगें।   बेटी के संस्कार … Read more

मुझे अपनों के बीच जाना है। –   अर्चना खंडेलवाल

पिंकी की हल्दी की रस्म चल रही थी, सभी रिश्तेदार आये हुए थे, हंसी-खुशी और ठहाके घर में लग रहे थे, सुनिधि ये सब वीडियो कॉल में देख रही थी, उसका भी मन था वो भी अपनी चचेरी बहन की शादी में शामिल होती पर उसके मायके और अमेरिका में बहुत दूरी थी। हर बार … Read more

मीरा कभी ना होगी मोहन की … – अर्चना खंडेलवाल

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मीरा के जीवन के उतार-चढ़ाव  ने उसे रिश्तों का अच्छा पारखी बना दिया था। समझदार होते ही वह अपना खर्चा निकालने लगी थी। मौहल्ले के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर उसने अच्छी-खासी रकम जमा कर ली थी। पढ़ाने के दौरान ही उसने एक प्राइवेट स्कूल में टीचर की नौकरी कर ली।मां खुश नहीं थी, उन्हें लगता … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 6 ) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

विनया के परांठा बनाते हाथ यथाशीघ्र चल रहे थे और उसकी उत्सुक ऑंखें किचन से बाहर अंजना के कमरे की ओर भी उठ जा रही थी। वो चाहती तो थी कि अंजना के कमरे में जाकर थोड़ी देर उसका इंतजार करने कहे। लेकिन छह महीने का संकोच आड़े आ जा रहा था। अंजना के रूखे … Read more

बूढ़े है!!लाचार नहीं  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : आज मां का फोन आया फिर बही बात सुनकर कुणाल झल्ला कर बोला क्या मां एक ही बात करती रहती हो यहां आ कर रहना है अब मैं आपको देखूंगा या अपने काम को  यहां बड़े शहर मै रहने की आदत है नही आपको कुछ भी होगा तो मुझे ही … Read more

छोटी सोच –  सविता गोयल  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : राधीका कोई पंद्रह साल की थी जब उसके पिता जी परिवार सहित गाँव छोड़ कर शहर में आ बसे थे। उसकी शादी भी शहर में ही एक बडे़ घराने में हो गई। लेकिन आज भी वो खुद को गाँव से जुड़ा हुआ महसूस करती थी। जब दस साल बाद राधिका … Read more

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