मैं किसी के पचड़े में नहीं पड़ती –  करुणा मलिक : Moral stories in hindi

भाभी, प्लीज़ माँ से बात करो ना कुमुद के बारे में ।  तुम तो जानते ही हो माँ का स्वभाव समीर …. एक तो अनाथ  ऊपर से गरीब , …. माँ बिल्कुल भी नहीं मानेंगी ।  भाभी, आपका ही सहारा है…. करो ना कुछ । भैया को तो बताओ….. फिर माँ से भी बात करने … Read more

बाबू का फैसला –  बालेश्वर गुप्ता : Moral stories in hindi

   बाबू गर ये चार महीने की बच्ची न होती ना,कसम भगवान की आज तुम मुझे जिंदा न देखते।वैसे भी मैं तो अंदर से मर ही गयी हूँ।       ऐसा क्यों बोल रही हो शब्बो?बताओ तो हुआ क्या है? किसी ने कुछ कहा है?          खेती मजदूर बाबू अपनी पत्नी शब्बो और पिता धीरू के साथ मुजफ्फरनगर के … Read more

धिक्कार है तुम्हें…. – विभा गुप्ता: Moral stories in hindi

” नंदू..अब तू मुझे पकड़….।” ” नहीं..नंदू…पहले मुझे..।”          ‘आनंदी विला ‘ के हाॅल में दीवार से लगे दीवान पर पारसनाथ बैठे अखबार पढ़ रहें थें।पास बैठा हरिया उनके पैर दबा रहा था। बगीचे में अपने बेटों रवि-प्रकाश के साथ हरिया के बेटे नंदू को खेलते देख पारसनाथ बोले,” हरिया…तू नंदू की तनिक भी फ़िक्र न करना..रवि-प्रकाश … Read more

जिंदगी हसीन है – कविता भड़ाना : Moral stories in hindi

“जिंदगी की यही रीत है हार के बाद ही जीत है” दूर कहीं बज रहे इस गाने के बोल मानो राजीव की ही दास्तां बयां कर रहे थे।…आज एक अरसे बाद सुबह की लालिमा, नीला आसमां और पक्षियों की कूक से राजीव के दिल में एक हूक सी उठी और उसने अपना चेहरा सामने लगे … Read more

थोपे हुए सपने – शुभ्रा बैनर्जी : Moral stories in hindi

बारहवीं की परीक्षा समाप्त हो चुकी है। उफ्फ़ आजकल की बोर्ड परीक्षा और परीक्षा देने वाले बच्चे।ये बोर्ड परीक्षा ना हुई, कर्फ्यू लग गया हो।जोर से हंसना मना,बोलना मना,सीरियल बंद,घूमना बंद।हमने भी कभी दी थी बोर्ड की परीक्षा,तब ये ताम झाम बिल्कुल नहीं थे। स्कूल से आते ही घर के कामों में अपनी मां का … Read more

धिक्कारिए नही …स्वीकारिए !!- लतिका श्रीवास्तव : Moral stories in hindi

एक डर था जो धीरे धीरे आकार ले रहा था मेरे अंदर जो अचानक  नहीं हुआ था नवागंतुक नहीं था यह शायद यह तभी मेरे अंदर प्रस्फुटित हो गया था जब मेरी मां मुझे एक पुत्री को जन्म देने वाली थी वो भी उस समय जबकि पूरा खानदान घर के चिराग की एक अदद पुत्र … Read more

धिक्कार है – प्रेमलता माथनकर: Moral stories in hindi

निशिता का ऑपरेशन हुआ था।वो अस्पताल में थी।साथ में थे पति(तन्मय),बड़ी ननद और बच्चे। ननद बच्चों को संभालने के लिए आई हुई थी,,क्योंकि बेटी 3 ही महीने की थी।उसे किसी के पास छोड़ने का निशिता सोच भी नहीं सकती थी। ननद ने अचानक उससे कहा_”जरा अपना फोन देना एक कॉल कर लूं,मेरे फोन में रिचार्ज … Read more

वीरान होते गांव , शहर – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

” ये क्या अजय मोहल्ले मे इतनी वीरानी सी क्यो छाई है ?” पायल जो अपने पति अजय के साथ कई सालों बाद विदेश से लौटी थी बोली। ” पता नही पायल ये सब क्या है …देखो वो चमन काका कितने बूढ़े और अशक्त नज़र आ रहे है !” अजय आस पास निगाह दौड़ता हुआ … Read more

धिक्कार है – गीता वाधवानी   : Moral stories in hindi

कहतेहैं कि जब किसी व्यक्ति का अंतिम समय निकटहोता है तो ईश्वर उसे उसके जीवन की पूरी घटनाएं एक पिक्चर की तरह दिखातेहैं। ऐसी ही मरणासन्न स्थिति में अस्पताल के बिस्तर पर पड़े थे मदनलाल और उनकी आंखों में घूम रहा था उनका जीवन।  माता-पिता की इकलौती संतान मदन। दादा दादी का लाडला और चाचा … Read more

धिक्कार – संगीता त्रिपाठी   : Moral stories in hindi

माता -पिता के जीवन में बच्चे हिस्सा नहीं बल्कि जीवन होते है लेकिन बच्चों के जीवन में माता -पिता हिस्सा होते है।राम बाबू और यशोदा जी को एक बेटा और दो बेटियाँ थी। बेटा कैलाश छोटा था, दोनों लड़कियों की समयनुसार शादी कर राम बाबू और यशोदा जी गंगा नहा लिये। बेटा कैलाश पढ़ रहा … Read more

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