वह कौन थी?? – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

मेरी दोनों बेटियां बोर्डिंग स्कूल नैनीताल में पढ़ने चली गईं थीं । बड़ी बेटी के बाद जब छोटी बेटी भी वहां पढ़ने चली गई तो  घर मानो काट खाने को दौड़ रहा हो,, मैं और ये नौकरी पर चले जाते, पर इनका अक्सर संभागीय दौरा होता था,, मैं जब स्कूल से घर आती, तो बच्चों … Read more

पापा मुझसे नफरत करते हैं – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

बेटियां तो पापा की परी होती हैं,, ,,उनका अभिमान और गौरव होती हैं,, ,,, फिर ऐसा क्या था कि उसके पापा अपनी बेटियों को अभिशाप समझते थे,, उनसे नफ़रत करते थे,,, ,,, चलिए,,,मिलते हैं एक ऐसे ही पापा से,,, ,,, मेरी हिप रिप्लेसमेंट सर्जरी हुई थी, दिल्ली में,, मुझे लगभग छः महीने तक नीचे झुकना … Read more

“सब दिन रहत ना एक समाना” – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

समय का पहिया घूमता रहता है।समय चक्र सबको अपने लपेटे में ले लेता है। बुजुर्गों ने सही कहा है। शिवानी आज़ बहुत दिनों बाद अपने ससुराल आई,, वो खामोश बैठी घर को देख रही थी,, इतने में लेखपाल आये, और बोले, बहुत बहुत बधाई हो आप को,,आप के नाम ये पूरी प्रापर्टी हो गई है,अब … Read more

“एक नारी सब पर भारी” – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

*स्त्री चाह ले यदि तो वह क्या नहीं कर सकती।अबला ना समझो उसे शक्ति का एक रुप वह भी है। इस उक्ति को चरितार्थ करती एक ऐसी ही गांव की महिला की कहानी।* करोना के बाद मेरे एक करीबी परिचित रमेश की नौकरी छूट गई थी। अब वह अपने परिवार के साथ गांव में ही … Read more

दो कदम तुम भी चलो,दो कदम हम भी चलें। – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

केशव अपनी पत्नी रूपा की जिद पर अपनी बेटी और रूपा को उसकी सहेली के मकान में लेकर पहुंचा। जहां उसने अपनी सहेली के घर में एक कमरा किराए से ले लिया था। उसे छोड़ने के बाद केशव ने मायूस होकर कहा,रूपा, क्या तुमने मुझसे तलाक लेने का फैसला कर लिया है?  नहीं, केशव, मैं … Read more

मीरा का नहीं केवल राधा का अधिकार – सुषमा यादव Moral stories in hindi

नीरजा अपने पति धीरज के साथ जिस शहर में रहती थी,उस मोहल्ले में बहुत सारे अच्छे परिवार रहते थे। उन्हीं में से एक मिश्रा जी का परिवार भी रहता था। वो उसी गांव के पास के रहने वाले थे जहां नीरजा और धीरज का भी गांव था।  इसलिए दोनों परिवारों में बहुत आना जाना लगा … Read more

जो मेरे साथ हुआ वो तुम्हारे साथ नहीं होगा – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

अपनी बेटी भावना अब बीए पास कर चुकी है,अब इसके लिए लड़का देखना चाहिए, ताकि हम इस साल इसकी शादी कर सकें। हैं ना सुधा। सुधा के पति रमेश ने कहा।  सुधा ने कहा, अभी तो उसने बीए ही पास किया है,उसका अभी और भी पढ़ने का मन है, तो पढ़ने दीजिए, और अभी उसकी … Read more

बहू के माता-पिता की अहमियत – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

यह बहुत सालों पहले की कहानी है,जब परम्पराओं का बहुत ही कठोरता से पालन किया जाता था। बेटी के घर का पानी पीना भी पाप समझा जाता था। सब स्त्रियां कितनी भी उम्रदराज क्यों ना हों,लंबा घूंघट हर समय चेहरे पर रहता।मजाल है कोई उनका चेहरा देख ले। माधुरी की सासू मां ने एक दिन … Read more

ना जाने कैसा जमाना आ गया है -सुषमा यादव : Moral stories in hindi

हाय रमवा,ना जाने कैसन जमाना आय गवा।अब बिटिया के घर मा, बाप आके रहियैं।  ( हे राम,”ना जाने कैसा जमाना आ गया है” कि अब बेटी के घर में उसका पिता आकर रहेंगे।)  राशि के ससुर बड़बड़ा रहे थे अपने एक हमउम्र साथी से।  देखा भैया,इनका बेटवा बहू भी उसी शहर में रहता है पर … Read more

किस्मत के खेल निराले – सुषमा यादव: Moral stories in hindi

सागर की मां ने सागर के पिता जी के रिटायर्ड होने पर गांव में मानस और यज्ञ, तथा भंडारा का आयोजन किया था।  उन्होंने अपनी बेटी, दामाद और बेटे बहू को भी आग्रह पूर्वक आने का आमंत्रण दिया,, बेटी, दामाद तो पहुंच गए थे यथासमय , परंतु मां, पिता के बहुत अनुनय विनय करने पर … Read more

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