ख़िलाफ़ – संध्या सिन्हा : Moral stories in hindi
माँ सब पैकिंग कर ली ना! कल रात की फ़्लाइट है।” “हाँ बेटा तुम्हारी सारी पैकिंग कर दी मैंने।” “पर अपनी?????” “मैं नहीं जा रही तुम्हारे साथ।” “इतने बड़े घर में पापा के बिना कैसे रहेंगी माँ आप???” “पहले की बात और थी माँ।पापा थे आपके साथ और अभी उनके रिटायरमेंट में भी दो साल … Read more