अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 23) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi
“भरवां करेला, दम आलू, आह हा, मजा आ गया मामी। आपने याद रखा था मामी।” संभव डाइनिंग टेबल पर सजे हुए डोंगे में अपनी पसंद के व्यंजनों को देखते ही खुश हो गया था। “बच्चों की पसंद कोई भूलता है भला।” बोलती हुई अंजना एक नजर मनीष पर डालती है। अंजना की बातों में एक … Read more