अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 23) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“भरवां करेला, दम आलू, आह हा, मजा आ गया मामी। आपने याद रखा था मामी।” संभव डाइनिंग टेबल पर सजे हुए डोंगे में अपनी पसंद के व्यंजनों को देखते ही खुश हो गया था। “बच्चों की पसंद कोई भूलता है भला।” बोलती हुई अंजना एक नजर मनीष पर डालती है। अंजना की बातों में एक … Read more

गँवार – डाॅ संजु झा  : Moral Stories in Hindi

अमेरिका में बसे हुए अक्षय जैसे ही दफ्तर से घर आता है,वैसे ही उसके फोन की घंटी बज उठती है।फोन पर चाचा का नाम देखते ही उसका मूड खराब हो जाता है,फिर भी अनमने ढंग से फोन उठाता है।चाचा रमेश जी कहते हैं -” बेटा!तुम्हारी माँ इस दुनियाँ में नहीं रहीं,तुम पिता की मृत्यु समय … Read more

पछतावा – पुष्पा जोशी  : Moral Stories in Hindi

  ‘कौन आया है। और तुम्हारे हाथों में यह किसकी चिट्ठी है।’ वसुधा ने उत्सुकता से पूछा। जतिन बाबू ने कहा-‘ अरे कुछ नहीं तुम्हारें काम का नहीं है, रोहन सी.ए. बन गया है, कल  उसका सम्मान समारोह है। तुम्हारी गंवार बहू को भी आमंत्रित किया है, उसका भी सम्मान किया जाएगा।’ जतिन बाबू के कथन … Read more

पिछले जनम का नाता –  विभा गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

” आरती…तुझसे कितनी बार कहा है कि मेरे कमरे न आया करो…जब देखो..लंगड़ाती हुई चली आती है..।” आकाश ज़ोर-से चीखा तो आरती सहम गई। “भ..ई..या…वो…मैं..” वो हकलाने लगी, तभी बेटे की आवाज़ सुनकर सुनंदा बेटे के कमरे में आई।     ” क्या बात है आकाश…तू आरती पर क्यों चिल्ला रहा है?”     ” माँ…मैंने इससे कितनी बार … Read more

वो फिर समझ गए – ऋतु गर्ग  : Moral Stories in Hindi

अरे राधिका तुम कैसी गंवार बहु ले कर आ गई,अपने पढ़े लिखे लड़के के लिए । पडोसन ने घर में घुसते हुए जैसे ही कहा तो राधिका चौंक गई। अरे आओ बैठो रितिका, तुमने कुछ कहा क्या राधिका ने अनजान बनते हुए कहा।  रीतिका  ने बात पलटते हुए कहा,  तुम सुनाओ, बहु कैसी है । … Read more

अनूठा प्रेम -रीमा महेन्द्र ठाकुर  : Moral Stories in Hindi

वो सून्दर सी पालकी “गुलाब के  फूलो से सजी हुई थी।उन फूलो की खूश्बू से पूरा वातावरण सुगान्धित था।हवा के झोकेअपने होने का अहसास दिला रहे थे। रुपमती का यौवन उसकी स्वरलहरियो” जैसा परिपूर्ण था। उसकी लटे उसकी  खूबसूरती कोऔर भी ज्यादा निखार रही थी।पालकी को कहारो ने महल के प्रागंण मे उतारा “बहुत सारी … Read more

गंवार कौन? – गीता वाधवानी  : Moral Stories in Hindi

शिल्पी की शादी माता-पिता ने उसकी मर्जी से मोहक से करवाई थी। शिल्पी एक बहुत ही पढ़ी लिखी और हाई सोसाइटी से संपर्क रखने वाली लड़की थी। उसे शुरू शुरू में साधारण दिखने वाला मोहक बहुत पसंद आया था लेकिन अब शादी के बाद उसे ऐसा लग रहा उसने मोहक से शादी करके गलती कर … Read more

अतीत की परछाई – (अंतिम भाग ) – संगीता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

” स्मृति अवंति को तैयार रखना लड़के वाले कभी भी आते होंगे !” अगली सुबह अवधेश पत्नी से बोला। स्मृति ने बिना बेटी से निगाह मिलाये उसे तैयार किया अवंति भी एक चाभी भरने वाली गुड़िया की तरह चलती जा रही थी मानो उसने खुद को परिस्थितियों के हवाले कर दिया था। अब तो दोनो … Read more

अतीत की परछाई – (भाग 4) – संगीता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

अब घर मे अजीब मोहोल था अवधेश पर बस एक धुन सवार थी कि जल्द से जल्द अवंति की शादी करनी है। स्मृति खुद को बेटी का कसूरवार समझ रही थी ना वो उस वक़्त ऐसे शादी करती ना उसकी बेटी को आज ये सब झेलना पड़ता। पर क्या कुसूर केवल स्मृति का था ? … Read more

अतीत की परछाई – (भाग 3) – संगीता अग्रवाल  : Moral Stories in Hindi

“अवधेश देखो जो अतीत मे हुआ वो गलत था पर तब हमें नही पता था ये सब होगा । वैसे भी तब हमारे माता पिता हमारे साथ नही थे पर हम ऐसी सूरत मे अपनी बेटी का साथ देंगे उसकी पसंद को नकारेंगे नही ओर फिर ये जरूरी तो नही अवंति लव मैरिज ही करे … Read more

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