बेघर – सीमा प्रियदर्शिनी सहाय : hindi stories with moral

hindi stories with moral : सुबह-सुबह मैं अपने किचन गार्डन में पौधों में पानी दे रही थी तभी मोबाइल बजने लगा। मैं जल्दी से हाथ धोकर अपने रूम में आई और मोबाइल उठा लिया। शिवनाथ अंकल का फोन था। मैंने फोन उठाया  “अंकल नमस्ते ,कैसे हैं ?” “नमस्ते बेटा…!, वह बोलते हुए रुक गए। मैं … Read more

अब तो शादी हो गई – संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : ” ऐ कुत्ते चल हट हे….हे…उई !” नीमा की स्कूटी के आगे कुत्ता आ गया और लाख बचने की कोशिश करते भी उसकी स्कूटी एक पेड़ से टकरा गई। ” हे भगवान मैं जिंदा हूँ की मर गई मेरी तो अभी शादी भी नही हुई है मुझे इतनी जल्दी नही … Read more

मन की आंखें – लतिका श्रीवास्तव : hindi stories with moral

hindi stories with moral : टिप टिप गिरती बारिश की बूंदों ने सागर के बढ़ते कदमों को रोक दिया और वो शीघ्रता से विशाल आम्र वृक्ष की सघन शरण में खड़ा हो गया था….हाथ की छड़ी उसने मजबूती से पकड़ी हुई थी और एक हाथ से बजते हुए मोबाइल को जेब से निकालने की कोशिश … Read more

गंवार दीदीया – वीणा सिंह : hindi stories with moral

hindi stories with moral : निम्न मध्यम वर्गीय संयुक्त परिवार में जन्म हुआ था गंगा का.. आठ भाई बहनों में बड़ी गंगा पिता से छोटे तीन भाइयों के बच्चों से भी बड़ी थी.. इसलिए सभी छोटे भाई बहन उसे दीदीया कह के बुलाते.. उस समय के हिसाब से चौदह वर्ष की उम्र में हीं गंगा … Read more

जब जागो तभी सवेरा – हेमलता गुप्ता : hindi stories with moral

hindi stories with moral : हेलो… सुनो मोना बेटा… अभी 30 तारीख को तुम्हारे पापा का रिटायरमेंट का फंक्शन है, हालांकि अभी तो 10 दिन है पर मैं सोच रही हूं अगर तुम दो-चार दिन पहले आ जाती तो मेरी काम में मदद हो जाती, अभी घर में तुम्हारे भैया की शादी भी नहीं हुई … Read more

मेरा अपना घर – डॉ संगीता अग्रवाल : hindi stories with moral

hindi stories with moral : ये श्रेया को क्या हो गया है आजकल,बहुत उखड़ी सी रहती है..आपसे कोई बात हुई क्या भैया? विनीता ने अपने देवर रोहित से पूछा। हां…महसूस तो मैंने भी किया था पर फिर सोचा कि शायद डिपार्टमेंटल कोई टेंशन होगी उसे ..देखता हूं किसी दिन बात करूंगा। रोहित और श्रेया की … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 19) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“ये सुबह सुबह क्या मनहूसियत फैला रखी है तुमने बहू और संपदा तुम क्या इसे गले लगाए खड़ी हो। घर ना हुआ अजायबघर हो गया है।” अपने कमरे से बाहर आकर बड़ी बुआ कुर्सी खींच कर बैठती विनया और संपदा की ओर देखती हुई कहती है। “फिर से वही सब ड्रामा शुरू हो गया। हमारी … Read more

मेरा घर कहाँ – कुमुद चतुर्वेदी : hindi stories with moral

hindi stories with moral : ” यह कूँ-कूँ पिल्ले जैसी आवाज कहाँ से आ रही है री नीति ? ” कहती हुई मंदा जब आँगन में निकली तो देखा नीति एक थैला पकड़े स्टोर रूम में जा रही थी। माँ की  आवाज सुन वह डरकर वहीं रुक गई।तबतक मंदा ने पास आकर थैला पकड़ कर … Read more

“सलाह” – कनार शर्मा: hindi stories with moral

hindi stories with moral : अरे बहू कहां चली? नाश्ता कौन बनाएगा? सुबह-सुबह अपनी बहू को बैग उठाकर घर से बाहर जाता देख सास वसुंधरा जी बोली।  मांजी आप और आपके बेटे ने मुझे घर की नौकरानी समझ रखा है। मैं बहू हूं इस घर की कामवाली बाई नहीं जो दिन रात आप लोगों के … Read more

मां का जन्मदिन – शिव कुमारी शुक्ला   : hindi stories with moral

hindi stories with moral : आज उमंग का जन्मदिन था। उसकी मम्मी शची जी ने शाम को  कुछ  उसके  दोस्तों  के साथ बड़ी ही खुशी एवं मनोयोग  पूर्वक मनाया। जब सब चले गए तो तीनों बच्चे गिफ्ट खोल खोल कर देखने लगे। तभी उनकी मम्मी भी उनके पास आ बैठी  और उनकी खुशी में शामिल … Read more

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