मुजरिम और सज़ा – डॉ कंचन शुक्ला Moral Stories in Hindi

” उसके आंसू उसके दिल के दर्द को बंया कर रहे थे राजीव , इसलिए मैंने उसे ज्यादा कुरेदना उचित नहीं समझा” मुक्ता ने अपने पति राजीव को गम्भीरता से जवाब दिया।    ” मुक्ता तुम दिल की  अच्छी और मासूम हो सभी को अपने जैसा समझती हो यही वजह है तुम लोगों की बातों पर … Read more

बुढापा..एज इज जस्ट ए नंबर – रीतू गुप्ता Moral Stories in Hindi

राधा के घर में खूब हलचल थी, आज उसके बेटे बहु उसका ६०वां जन्मदिन धूमधाम से मना रहे थे।    राधा ने खूब मना किया कि इस बुढ़ापे में यह सब कहाँ अच्छा लगता है…  पर उनकी बहु सिया नहीं मानी।  वो बोली… माँ, दिल होना चाहिदा है जवान … उम्र च की रखिया।    राधा की … Read more

बोया पेड़ आम का***फल कैसे मीठा न होये – शिव कुमारी शुक्ला: Moral Stories in Hindi

केतकी सुबह उठकर जैसे  ही पापा जी के कमरे की और गई तो उसने देख वे कुछ असहज लग रहे थे। पापाजी कोई परेशानी है आप इतने बैचेन  कैसे हो रहे हैं। हां बेटा मुझे बाशरूम जाना है और में उठ   नहीं पा रहा। तो इसमें इतना परेशान होने की क्या बात है चलिए में … Read more

सिर्फ दूसरों के लिए जीना नहीं है।- अंजना ठाकुर: Moral Stories in Hindi

मांजी आज हम लोगो को देर हो जायेगी आने मैं.. आप अन्नू और मुन्नू को खाना खिला देना और पापाजी से कहना उनका होमवर्क करा कर उनके बैग लगा दे ।नही सुबह स्कूल को देर हो जायेगी। सरिता जी बोली ठीक है ।क्योंकि अक्सर ही उनके बेटा – बहु घूमने निकल जाते और उन पर … Read more

क्या यही होता है बुढ़ापा – मंजू ओमर: Moral Stories in Hindi

मांजी , मम्मी जी लो खाना खा लो सुमित्रा जी के सामने खाने की थाली रखते हुए ममता बोली। ममता सुमित्रा जी के घर पर आठ साल से बर्तन धोने का काम करती है ‌। सुमित्रा जी ने जैसे ही रोटी का निवाला तोड़ा आंख से आंसू आ गए ।ये क्या मांजी तुम रोओ नहीं … Read more

बिल-भगवती सक्सेना: Moral Stories in Hindi

“माधुरी, दूध का बिल इस बार इतना ज्यादा क्यो आया?”  “देखो ये ग्वाला सही बोल रहा, क्या ?” अभी पैसे दे दो, फिर तुम्हे सब समझाती हूँ।” “क्या करूँ, मैंने भी मना किया था, पर सासु जी नही मानी, स्वयं ही दूध वाले से ज्यादा ले रही हैं कि पापा जी के दांत में दर्द … Read more

लालची -आराधना सेन : Moral Stories in Hindi

सोमनाथ जी का पुरे घर मे दबदबा सा था। चार पुत्र चार बहुये, दो बेटी दामाद, नाती पोते सब बडे हो चुके थे।एक भरा पुरा परिवार था,आज भी रसोई मे खाना सोमनाथ जी से पूछकर ही बनाया जाता था,सोमनाथ जी के डर से उनकी पत्नी का भी भरपूर मान सम्मान मिलता था।  घर के सभी … Read more

जीवन का सवेरा (भाग -8 ) – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

पेड़ों से आच्छादित वादी ने मनोरम दृश्यों का आद्यतन किया था, जहाँ हर एक पेड़ और उनके पत्ते, हरियाली से भरी घास और प्राकृतिक रंगों का मेल बना रहे थे। सभी लम्बी-लम्बी साँसें लेते हुए ऐसा महसूस कर रहे थे कि वे किसी शांतिपूर्ण स्थल में खो गए हैं, जहाँ केवल खुशियों की मिठास के … Read more

सोच बदलो सासु माँ -रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“लोगों का तो काम ही होता है बातें बनाना आप किसी की बातों पर ध्यान मत दीजिएगा ताई जी…कमली के लिए आपलोग नहीं सोचेंगे तो फिर कौन सोचेगा….अभी उसकी उम्र ही क्या है? इक्कीस की ही तो हुई है…आप उसकी शादी तय करें… हम लोग एक दो दिन पहले आ जाएँगे आप किसी बात की … Read more

ताऊ बिहारी का खत-बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

शिव कुमार की आंखों के कौर से आंसू टपक रहे थे,उनके हाथ मे आज ही आया ताऊ बिहारी का खत था।अपनी घसीटे लेख में ताऊ बिहारी ने लिखा था,रे शिव मन्ने जरूर पाप करे होंगे तभी तो भगवान सजा दे रहा है।कहवै तो हैं छोरा छोरी बरोबर होवै हैं, हमने तो अपनी छोरी को छोरा … Read more

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