मां की मन्नत – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

शुभांगी की शादी के लगभग इकतीस वर्ष हो रहे थे।इतना समय बीत गया और जाते-जाते बहुत सारी यादें दे गया।अमित के साथ जब ब्याह कर आई थी,तो बाकी लड़कियों की तरह बहुत सारे सपने आंखों में लेकर नहीं आई थी।बचपन से ही थोड़े में खुश होने का हुनर था उसके पास।शादी के बाद हनीमून पर … Read more

हमसफ़र – साधना वैष्णव : Moral Stories in Hindi

सुबह राधिका देवी की हृदयाघात से मृत्यु हो गई थी । उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने सगे-संबंधी, मित्रगण और मुहल्ले वासी इकट्ठे हुए थे। उनके बेटे और बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल था। सबकी आँखें उनके करूण-क्रन्दन से भीग चुकी थीं लेकिन ऐसे भी एक इंसान वहां मौजूद थे न तो वह रो रहे … Read more

मैने देरी कर दी बहू… – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

बहु,,,,,तेरी मां कैसी है ??? सुना है कि जब से तेरे पिताजी गए हैं तब से बिल्कुल अकेली हो गई है,,,ना तो कुछ खाती है और ना ही खुद का ख्याल रखती हैं….. अभी-अभी मायके से आई बहुरानी सुरभि से सासू मां सुधाजी बोली…… अपनी तेज तर्रार सासू मां के मुंह से ऐसी बात सुन … Read more

छोटों की सीख – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

लो अब तो आदि ने टिकट भी भेज दिए अब तो चलो बैंगलौर । ये लडका भी न, समझता ही नहीं कि मुझे कहीं  आना जाना पसन्द नहीं अब टिकट भेज दिए। कहीं और थोड़े ही चल रहे हैं बेटा-बहू है अपने ही बच्चे हैं उनके घर ही तो चलना  है फिर इतने दिनों से … Read more

जीवनसाथी साथ निभाना – ऋतु गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

आज हमारी मां पूरे 2 महीने बाद व्हीलचेयर पर बैठकर एंबुलेंस से उतारा तो हम सभी के चेहरे पर थोड़ी मुस्कान थी। हमारा छोटा भाई और पापा सहारा देकर मां को घर के अंदर ला रहे थे तो हम दोनों बहने और हमारी प्यारी भाभी और सभी बच्चों ने चाहें  हमारे बच्चे हो या भाई … Read more

मेरे हमसफ़र – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

तपती दोपहरी में घर से निकलना अपनेआप को लू-लहर के चपेटे में झोंक देना है। मुग्धा ने दुपट्टा खींचकर मुँह कान ढंकने का असफल प्रयास किया। न एक रिक्शा न कोई सवारी…।  वह लगभग दौड़ती हुई आगे बढी़। घर यहाँ से डेढ-दो किलोमीटर ही है लेकिन… भीषण गर्मी से सड़कें वीरान है। आज से कुछ … Read more

हमसफर ऐसा भी – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

कुकर की सिटी की आवाज से रिचा की आंखें खुली.. बिस्तर के पास पड़ी टेबल के ऊपर रखी घड़ी पर नजर गई, तो वह एकदम से बिस्तर से उठ खड़ी हुई और कहा… हे भगवान… 7:30 बज गए..? इतनी देर हो गई और मैं सोती रही… पर मेरी अलार्म क्यों नहीं बजी..? छोड़ो यह सब … Read more

मेरे हमसफ़र – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

लंच ऑवर में शिक्षिका दीया अपना लंच खोलकर बैठी ही थी कि सासु माँ का कॉल आ गया क़ि ससुर जी के सीने में दर्द हो रहा है। दीया सासु माँ को सांत्वना देती डब्बा बंद क़र प्रधानाध्यापक को वस्तुस्थिति से अवगत कराती मौखिक छुट्टी लेकर आनन-फानन में स्कूटी स्टार्ट क़र घर की ओर दौड़ी … Read more

कोमलता की सीमा – बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   अब आये हो गोपाल,जीवन के पूरे तीन वर्ष छीनकर।क्या मिला तुम्हें?मेरा सम्मान मेरा अभिमान मेरा विश्वास सब कुछ तुमने ध्वस्त किया है।गोपाल तुम्हारे साथ चलूं भी तो क्या यह पहले वाली सीमा होगी,वो तो कभी की मर चुकी?      ऐसा मत कहो सीमा,सब मेरी ही गलती थी,आज मैं पूरी तरह स्वीकार करता हूं।मैं तुम बिन नही … Read more

अलगाव -डॉ संगीता अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

रोते रोते नन्हीं खुशी सो गई थी,उसके गोरे गाल पर आंसू सूख गए थे और निशान बना रहे थे,बीच बीच में अभी भी सुबक उठती वो,उसे देखकर आस्था की सिसकी निकल गई,बुदबुदा उठी वो,कितनी मासूम है ये,बिना बात मैंने इसे चांटा मार दिया। आस्था अपने पति रोहन से अलग रह रही थी कुछ महीनों से … Read more

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