पति वनाम हमसफर- माधुरी गुप्ता : Moral Stories in Hindi

पच्चीस तीस की उम्र होते होते लड़के पति तो बन ही जाते हैं ,लेकिन कुछेक बिरले ही इनमें से हमसफर बन पाते है। अधिकांश लोग तो ताउम्र अपने पति पने का ही रॉब जमाते रहते हैं। शायद ये पति यह भूल जाते हैं कि सिर्फ पति ही न बने रह कर हमसफर बन कर लाइफ … Read more

बेटा है तो क्या हुआ…- विभा गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 ” अरी जन्मजली…ये क्या अनर्थ कर दिया तुमने! अपने ही कोख जाये को सज़ा दिलवाते हुए तेरी जीभ नहीं जल गई…।” कोर्ट से बाहर निकलते हुए रामरति देवी ने अपनी बहू कलावती को दुत्कारा पर वह चुपचाप सुनती रही।वह तो एक ज़िन्दा लाश बन चुकी थी।यंत्रवत चलते हुए सबके साथ वह गाड़ी में बैठ गई।गाड़ी … Read more

माँ क्या सास अच्छी नहीं होती??-रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

अच्छा सोचेंगे तो अच्छा ही होगा सुमन तू क्यों ये सब बोल रही है। ये बातें मीनू ने सुमन से तब कहीं जब वो उसकी बेटी की शादी तय होने पर बधाई देने आई। “बधाई हो मीनू , बेटी की शादी तय हो गई। तेरी दीक्षा का बहुत जल्दी रिश्ता हो गया। अब तो बेटी … Read more

हमसफ़र-उमा वर्मा : Moral Stories in Hindi

शोभा आज बहुत थक गई है ।अब शरीर नहीं चलता है क्या करे वह ।शरीर चलाना पड़ता है ।वह चाहती भी नहीं है कि किसी पर बोझ बने और हर जरूरत के लिए किसी पर आश्रित हो जाए।बेटा बहू दिल्ली में है अपनी नौकरी पर ।बहुत कहा उनहोंने “अम्मा, अब अकेले मत रहो,हमारे साथ चलो, … Read more

सह यात्री -बालेश्वर गुप्ता : Moral Stories in Hindi

   पापा-पापा, आप कहाँ हो?पंडित जी आने ही वाले हैं।आप नहाकर तैयार हो जाओ।आप हो कहाँ?     बोलते बोलते रोहन पापा के कमरे की ओर बढ़ गया,देखा पापा तो मम्मी की तस्वीर के सामने खड़े है,एकटक उधर ही देखते हुए,कुछ बुदबुदाते हुए।पापा अक्सर ही ऐसे ही मम्मी के फोटो के सामने घंटो बैठे रहते,सबकुछ भूलकर।ऐसे में रोहन … Read more

ईर्ष्या का अंजाम हमेशा बुरा ही होता हैं -स्वाती जैन : Moral Stories in Hindi

बहु , नाश्ता बना या नहीं ?? तुम्हारे पापाजी और कुंदन को ऑफिस जाने लेट हो रहा हैं कविता जी अपने कमरे से गुस्से में बोली !! जी मम्मी जी बन गया हैं बस गर्म गर्म नाश्ता ही परोस रही हुं , राही अपने ससुर जी और पति कुंदन को नाश्ता परोसते हुए बोली !! … Read more

पापा आप कैसे अपनी माँ की बुराई सुनते हैं -संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

वाह क्या सब्जी बनी है…. आज माँ की याद आ गई…. परवल की सब्जी भी इतनी शानदार बन सकती है… ये तो मुझे माँ के हाथों से बनी परवल की सब्जी खा कर ही पता चला था….!! वरना मुझे तो परवल बिल्कुल भी पसंद नहीं थी….। अनजाने में ही सब्जी की तारीफ करते करते नकुल … Read more

अब तो अनर्थ नहीं होगा-हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

मम्मी जी… मैं मेरी सहेलियों के साथ किटी पार्टी में जा रही हूं, आप अंदर से दरवाजे बंद कर लीजिए, मुझे आने में तीन-चार घंटे लग जाएंगे आप तब तक आराम कीजिए! मैं आने के बाद सारा काम कर लूंगी! ठीक है बहु…. 1 मिनट… हे राम… “यह क्या अनर्थ कर दिया तुमने”! क्या हुआ … Read more

कमीशन-लतिका श्रीवास्तव : Moral Stories in Hindi

बात तो तीन सौ रुपया एक दिन की हुई रही उस हिसाब से तो हमार एक हफ्ते की पगार इक्कीस सौ होती है पर आप तो हमें चौदह सौ दे रहे हैं ।और इस रामू को तो पूरे इक्कीस सौ ही मिले है कमर में डेढ़ साल की बिटिया को चिपकाए माथे से बहते पसीने … Read more

ये क्या अनर्थ कर दिया -करुणा मलिक : Moral Stories in Hindi

हैलो मम्मी… कैसी हो, कुछ काम कर रही थी क्या …. बहुत देर बाद फ़ोन उठाया । हूँ… हूँ…. दाँत में दर्द है …. फिर फ़ोन करूँगी…. रख दे । माँ के फ़ोन रखते ही मानसी सोचने लगी, दाँत में दर्द….. हो सकता है पर आज दाँत का दर्द…. केवल बहाना  लग रहा है….. शायद … Read more

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