भारती – संध्या त्रिपाठी: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : बिटिया रानी , एक बात बोलूं ? तू मुझे कुछ अंग्रेजी के शब्द अच्छे से बोलना सिखा देगी क्या ? मुझे समझ में तो आ जाता है पर इंग्लिश में बोलना नहीं आता , मैं भी बातों के बीच में अंग्रेजी के कुछ शब्द लाना चाहती हूं पर उच्चारण ठीक … Read more

बेनाम रिश्ते – संध्या त्रिपाठी : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : काॅलबेल की आवाज सुनते ही मीता ने दुपट्टा ठीक करते हुए ..आ रही हूं कहा और दरवाजे की ओर बढ़ी… दरवाजा खोलते ही , एक लंबा चौड़ा युवक सामने मुस्कुराते हुए खड़ा था , असमंजस की स्थिति में पहचानने की कोशिश करती हुई मीता कुछ कहती इससे पहले ही युवक … Read more

झुमका – संध्या त्रिपाठी  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : क्या बात है छोटी , जब से दिल्ली से आई है खोई खोई रहती है अपने आप हँसती है , मुस्कुराती है और बार-बार ये अपने कान के झुमके को क्यों छूकर शरमा जाती है , तू तो खेलने गई थी ना दिल्ली ? कौन सा खेल , खेल के … Read more

अनोखा रिश्ता – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : आज फिर तू ड्रिंक करके आई है ? तू तो छोड़ दी थी ना पीना .. फिर.?? कितनी बार तुझे समझाया है ये सब छोड़ दे लेकिन तू है समझने का नाम ही नहीं लेती । देख कलावती , यदि तुझे काम करना है तो ठीक से कर वरना साफ-साफ … Read more

पर उपदेश कुशल बहुतेरे !!- संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: पागल हो गई है तुम्हारी बेटी….. और कुछ नहीं…. इतना अच्छा लड़का है …सरकारी नौकरी.. क्लास वन ऑफिसर ….खुद चलकर रिश्ता सामने से आया है ….तो अभी नहीं …ऐसा नहीं …वैसा नहीं….! कभी-कभी तो लगता है ना …वो पुराना जमाना ही ठीक था ….मां बाप बच्चों के लिए उपयुक्त लड़का या … Read more

समर्पण बहू का – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: देखिये – देखिये जी वो जो एक बुढ़ी औरत का हाथ पकड़ कर जा रही है….. वो लगता है वर्षा है…बिल्कुल वही चेहरा लग रहा है…… स्नेहा ने पति शिशिर से कहा……I कौन वर्षा स्नेहा ……और इतने भीड़ में तुम भी ना ….किसकी बात कर रहीं हो पता नहीं….I शिशिर ने … Read more

खुदगर्ज – संध्या त्रिपाठी: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :  क्या बात है सुनिधि जी.. कुछ परेशान लग रहीं हैं…… हाँ निखिल जी ..कल मैंने बेटे बहू की आपस की कुछ बातें सुन ली थी …… दिव्य बहू से कह रहा था.. मैंने पहले ही बोला था मां बाबूजी को साफ-साफ बता दो.. हम दूसरे शहर में शिफ्ट होंगे पर … Read more

स्टार्टअप – संध्या त्रिपाठी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : क्या ननद रानी ….क्या बोली…..? स्पा कराने गई थी ये क्या होता है….?? मैं सब कुछ भाभी (गांव की) को बता ही रही थी बीच में ही उन्होंने बात काट कर कहा… बाप रे इतना महंगा….. हमारे यहां तो ₹50 में धनेसरी पूरे शरीर का मालिश करती है । इस … Read more

” चुस्की- मुस्की ” – संध्या त्रिपाठी: Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : हैलो …..हैलो…. हां मुस्की…गरम चाय की चुस्की ….कैसी है…?? भैया आप सुबह-सुबह ….?? सब ठीक तो है ना… हां मुस्की ….वो घर में मजदूर लगे हैं ना घर की पुताई हो रही है… तो मैंने सोचा …जब दोनों बच्चे अपने अपने कमरे अपने पसंद के रंग से पुताई करा रहे … Read more

गुंजाइश – संध्या त्रिपाठी  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : सॉरी सॉरी अर्पण देर हो गई यार ….बहुत देर से इंतजार कर रहे हो क्या….?? सीढ़ी से उतरकर कार में बैठते ही अनन्या ने पूछा ….! अर्पण ने जवाब दिए बिना गाड़ी स्टार्ट कर आगे बढ़ा दी…. कुछ देर मौन के बाद अनन्या ने ही चुप्पी तोड़ी….. वो क्या है … Read more

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