घर- गीता चौबे गूँज : hindi stories with moral

hindi stories with moral : माँ की मृत्यु के 4 वर्षों के बाद आज रमेश गाँव जा रहा था। ट्रेन के चलते ही उसकी यादों का कारवां भी चल पड़ा…       आँगन में बिछी खाट पर लेटी बीमार माँ के आखिरी शब्द उसके कानों में गूँज रहे थे – “दोनों बहुएँ इतनी लड़ती हैं कि मुझे … Read more

अपना घर- शिव कुमारी शुक्ला  : hindi stories with moral

hindi stories with moral : अरुण जी और सोनाली जी अपने तीन छोटे-छोटे बच्चों के साथ सुखी थे। परेशानी थी तो एक की उनका  अपना घर  नहीं था किराये के मकान में दो कमरे किचन में नीचे रहते थे ।ऊपर वाले पोर्शन में मकान मालिक खुद रहते थे। वे छोटी  -छोटी बातों पर उन्हें टोकते … Read more

कहाँ है मेरा घर – कामिनी मिश्रा कनक : hindi stories with moral

hindi stories with moral : वृद्धाश्रम कि सीढ़ी पर बैठी 65, 66 बर्षिय गिरजा जी  आँखों में आज भी किसी का इंतज़ार लेकर हाथों में एक तस्वीर लेकर ,जिसे बार बार देखती रहती है  ……मानो वो उस तस्वीर से कुछ कह रही है …….  मैं बहुत  कोशिश करता हूँ , कि  उनके दर्द को बाँट … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 17) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“चाय कैसी बनी थी माॅं।” अंजना चाय का खाली प्याला ट्रे में रख रही थी तो विनया अंजना की ओर देखती हुई पूछती है। “अच्छी बनी थी, वैसे कैसे कर लेती हो ये सब।” अंजना के आवाज में फिर से तल्खी उभर आई थी। “क्या माॅं?” विनया के चेहरे पर असमंजस का भाव आ गया … Read more

जीवन शैली में बदलाव – पुष्पा जोशी : hindi stories with moral

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hindi stories with moral : विवेक आज पूरे बारह वर्षों के बाद अपने पैतृक गाँव में वापस आया। स्टेशन पर पैर रखते ही एक अजीब सी मिठास उसके मन में समाहित हो गई, उसे आनन्द की अनुभूति हो रही थी ।वह सोच रहा था कि इतने वर्षों के बाद, वह अपने दोस्तों से मिल कर … Read more

बच्चो और परिवार के पीछे वह खुद को भूल गई – पूजा मिश्रा : hindi stories with moral

hindi stories with moral : यार सुमी तुम समय से तैयार भी नही हो पाई जब मैने कहा था मैं पांच बजे आ जाऊंगा ,   क्या करू समय ही नहीं मिलातुम ऐसा क्या कर रही थी अब तक ?गोलू की वेन वाले ने आज आने को मना कर दिया उसे लेने जाना पड़ा ,शाम … Read more

वैदेही निकुंज – वीणा सिंह : hindi stories with moral

hindi stories with moral : बचपन में जब भी ननिहाल जाती वैदेही निकुंज और ठीक उसके सामने सड़क के उस पार आशुतोष निवास मेरे लिए आकर्षण का केंद्र होता…                           बड़े मामा के दोस्त थे डॉक्टर आशुतोष .. सदर अस्पताल में जेनरल फिजिशियन थे..              वैदेही निकुंज की मालकिन भी डॉक्टर हीं थी…                  दोनो घरों की डिजाईन … Read more

संस्कारहीन – पूजा शर्मा  : hindi stories with moral

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hindi stories with moral : प्रिया ओ प्रिया !अपना नाम सुनकर प्रिया नेजैसे ही पीछे मुड़कर देखा साधना खड़ी थी और उसी की ओर दौड़ी चली आ रही थी ,तू यहां कैसे?ऐसे गायब हो गई जैसे ईद का चांद ,फोन नंबर भी बदल दिया पिछले 2 साल से कोई खैरखबर नहीं है तेरी ? एक … Read more

भाभी आपसे ही संस्कार सीखें हैं – बालेश्वर गुप्ता

 ए जी सुनो, अपनी संगीता विवाह योग्य हो गयी है. उसके लिये योग्य वर की तलाश करनी चाहिए. अपने अंतिम समय पर अम्मा हमारे हाथ में ही तो संगीता का हाथ दे गयी थी. सुन रहे हो ना?      हाँ – हाँ भागवान सब सुन भी रहा हूँ और सोच भी रहा हूँ. संगीता तब 10 … Read more

बालिका बधू-जयसिंह भारद्वाज

जब जब भी ज्योति अपने अतीत में झाँकती तब तब उसे अपने घरवालों से घृणा होने लगती और जब वह अपने भविष्य को देखती तो समाज और विशेषकर महिला समाज से वितृष्णा होने लगती। आइये! हम भी ज्योति सिंह कछवाह के भूतकाल में कुछ चहलकदमी कर लेते हैं। आज से लगभग बीस वर्ष पहले उसके … Read more

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