बारिश की बूँदे – किरण केशरे : Moral Stories in Hindi

अमन और सिया बारिश के सुहावने मौसम में घुमावदार पहाड़ी रास्ते से शादी के एक माह बाद गाँव जा रहे थे ; बुआ बहुत दिनों से गाँव आने का बोल रही थी ।  बुआ के तेज स्वभाव के बारे में सिया ने सुन रखा था, इसलिए वह घबरा भी रही थी गाँव जाने से पर … Read more

पालतु बहू – रोनिता कुंडु: Moral stories in hindi

पार्वती… जल्दी करो यार… कहां रह गई.. एक पेन लाने को भेजा था.. मानो पेन बना ही रही हो… पार्वती.. पार्वती… शशांक ने चिल्लाते हुए कहा  तभी अंदर कमरे से पार्वती भागती हुई पेन लाकर शशांक को जैसे ही थमाती है… चटाक की एक आवाज से वहां का माहौल गूंज उठता है.. क्योंकि शशांक का … Read more

दीदी, माँ तो तुम्हारी भी है ना – मीनाक्षी सिंह  : Moral stories in hindi

हेलो रीना दी …. हां बोल रोशन….. माँ की तबियत अचानक से फिर बिगड़ने लगी है … छोटा भाई रोशन बोला… ओह…. तो डॉक्टर को दिखाया नहीं क्या तूने?? रीना घबराती हुई बोली…. दी… होस्पिटल में ही हूँ….. डॉक्टर कह रहे है अब ऑपेरेशन ही करना पड़ेगा….. कीमो होगी फिर से माँ की…….. रोशन रोते … Read more

बदलाव – निभा राजीव “निर्वी”  : Moral stories in hindi

नई नवेली बहुरानी गरिमा सास विमला जी के लिए चाय लेकर आई ही थी कि उसे देखते ही विमला जी बिफर पड़ीं और वहीं से बैठे-बैठे बड़ी बहू नीला को आवाज देते हुए कहा, “- यह क्या है नीला बहू! तुमने मुझे कप में चाय क्यों भिजवाई? तुम्हें पता है ना कि मैं कांच के … Read more

मायका तो पराया है – अंजना ठाकुर  : Moral stories in hindi

बहू  सातवां महीना लग चुका है  तो अपने मायके मैं बोल दो तुम्हारे पापा लेने आ जाए  हमारे यहां डिलीवरी मायके मैं ही होती है । अनु बोली नहीं मम्मी मैं मायके नहीं जाऊंगी आप ही तो कह रही थी शादी के बाद लड़की के लिए मायका पराया हो जाता है फिर पराए घर में,मैं … Read more

बदसूरत कौन? – डॉ  संगीता अग्रवाल: Moral stories in hindi

क्या?तुझे घर से निकाल दिया रचित ने?वो ऐसा कैसे कर सकता है?ललित गुस्से से चिल्लाते हुए बोले। सामने उनकी बेटी श्यामा मुंह लटकाए खड़ी थी,जब से उसकी शादी रचित से हुई थी,वो दुखी ही रहती थी,कभी दहेज को लेकर,कभी फूहड़ कहकर तो कभी कोई और कमी निकाल कर वो उसे तंग ही करता रहता था … Read more

न‌ई शुरुआत – ऋतु गुप्ता: Moral stories in hindi

सब की लाड़ली दुलारी स्नेहा आज शहर से पढ़ कर वापस लौट रही थी। चार चार भाईयों के बच्चों में  अकेली बेटी थी स्नेहा। सात सात भाइयों की लाडली, घर में हर एक किसी की जान थी स्नेहा। स्नेहा  से दो भाई बड़े और पांच भाई छोटे थे ,पर हर कोई उसे पर जान छिड़कता … Read more

झूठे दिखावे से जिंदगी नहीं चलती।- अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

“अब अपनी आंखें खोलो, सौरभ ने निमिषा की आंखों से हथेली को धीरे-धीरे हटाते हुए कहा, और हाथ में दो फ्लाइट के टिकट पकड़ा दिये।” निमिषा हैरान थी, “हम कहीं जा रहे हैं क्या? सौरभ खुशी से बताने लगा, ” मुझे कंपनी की तरफ से इनसेंटिव मिला है तो मैंने गोवा जाने के टिकट बनवा … Read more

टूटने से जुड़ने तक – शिप्पी नारंग : Moral stories in hindi

“सुनो मीतू आज पैकिंग कर लेना कल सुबह निकल लेंगे। अभी मैं भैया के साथ जा रहा हूं।” ससुराल में आए आकाश ने अपनी पत्नी  स्मिता से कहा। अपने साले मुदित के साथ आकाश बाहर निकल ही रहा था कि सासू मां वीना जी की आवाज़ आई “आकाश बेटा ऐसा है तुम पहले जाकर अपने … Read more

सीख – रश्मि प्रकाश : Moral Stories in Hindi

“ तुम ये  कैसे बात कर रहे हो अंश.. यही सब सीख रहो हो स्कूल जाकर…पहले तुम कितने अच्छे बच्चे थे …अब बड़ों से बात करने की तमीज़ भी भूलते जा रहे हो… चलो सॉरी बोलो …नहीं तो आज मेरा हाथ उठ जाएगा ।” कसमसाते हुए निशिता ने बेटे से कहा आठ साल का अंश … Read more

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