तेरी औकात है क्या..! – विभा गुप्ता : Moral stories in hindi

    ” नहीं नरेश…तुम्हारे पिता हमारी शादी के लिये कतई तैयार नहीं होंगे।तुम लोग इतने पैसे वाले हो..मिल के मालिक हो…और मैं एक अनाथ…।” नरेश के हाथ से अपना हाथ छुड़ाती हुई नीलू बोली।    ” नहीं नीलू…मेरे पिता ऐसे नहीं है।हमारे घर में ऊँच-नीच का कोई भेदभाव नहीं है।हम भी तो…।” कहते- कहते नरेश रुक गया। … Read more

बेटी के घर जाकर रहने का पाप नहीं होगा – रश्मि प्रकाश: Moral stories in hindi

“ मम्मा.. ये दादी माँ अपना सामान पैक कर कहाँ जा रही हैं…?” अद्दू ने निशिता से पूछा तो वो चौंक गई. जल्दी से कलछी छोड़ सासु माँ के कमरे की ओर भागी. “ आप बिना बताए कहाँ जा रही हैं माँ…. ?” निशिता ने पूछा. “ बहू मुझे राशि के पास जाना है… अब … Read more

नई सुबह – करुणा मलिक   : Moral stories in hindi

गायत्री का मन बेचैन हो रहा था । फ़ोन रखने के बाद ग़ुस्से के साथ दुख इतना हुआ कि वे जी भर कर रोईं पर उसके बाद भी रह-रहकर आँखें छलछला उठती थी । उन्होंने अपने मन को समझाने की भरसक कोशिश की लेकिन मन मानने को तैयार ही नहीं था कि  उनका सुशांत अपनी … Read more

भविष्य के गर्भ में- शिव कुमारी शुक्ला : Moral stories in hindi

देवरानी केतकी के बोल सुन गिरिजा जी जेठानी स्तब्ध रह गई। उम्र में बेटी के बराबर केतकी किस तरह ताने मार कर गिरिजा जी का सीना छलनी कर गई। आप तो बांंझ हो  आप क्या जानो बच्चे कैसे पाले जाते हैं। बच्चे होते तो न आप बच्चों की परवरिश, उन‌की आद‌तें, उनकी अटपटी फरमाइशों के … Read more

उपकारों का बोझ – उषा सोमानी  : Moral stories in hindi

दोपहर का समय था। धीरेन ऑफिस के कार्यों में व्यस्त था, तभी उसे छाती में बहुत तेज दर्द हुआ। ऑफिस सहकर्मी उसे अस्पताल लेकर आए। डॉक्टर ने चेकअप के बाद बताया कि उसे दिल का दौरा पड़ा। दिल के दौरे के नाम से ही साथ आए सहकर्मी को पसीने छूट गए। ऑफिस सहकर्मी ने धीरेन … Read more

वह कौन थी?? – सुषमा यादव : Moral stories in hindi

मेरी दोनों बेटियां बोर्डिंग स्कूल नैनीताल में पढ़ने चली गईं थीं । बड़ी बेटी के बाद जब छोटी बेटी भी वहां पढ़ने चली गई तो  घर मानो काट खाने को दौड़ रहा हो,, मैं और ये नौकरी पर चले जाते, पर इनका अक्सर संभागीय दौरा होता था,, मैं जब स्कूल से घर आती, तो बच्चों … Read more

कहीं देर ना हो जाए… – रश्मि झा मिश्रा   : Moral stories in hindi

“कितना प्यार है तुम्हें तुम्हारी मौसी से… और वह भी तुम्हें कितना प्यार करती है… बचपन में बूआ जब घर आती थीं तो कितनी खुशी होती थी तुम्हें… आज भी जब मिलती हो तो कितनी बातें करती हो… और मामा जी… चाचा जी… सभी से प्यार है या नहीं है… उनके यहां घूमने जाने का … Read more

मुहँ ना खुलवाओ – संध्या त्रिपाठी  : Moral stories in hindi

short story in hindi

     नमस्ते आंटी….. पौधों में पानी डाल रही है…..?? हां बेटा पर तुम कब आई ससुराल से गिन्नी…..?? तुम्हारी मम्मी ने बताया नहीं कि तुम आने वाली हो…. आओ अंदर बैठते हैं…! पाइप पौधों के बीच में रखते हुए आभा ने कहा….! हां आंटी वो अचानक ही प्रोग्राम बन गया…तो बस आ गई….।      गिन्नी आभा के … Read more

फौजी बाबू – आयशा खान  : Moral stories in hindi

मुझे आज भी ‌याद है बरसात कि वो रात जब मैं अपनी फौज कि ड्यूटी खत्म कर वापस अपने गाँव लौट रहा था। एक तरफ घर जाने कि खुशी थी तो दूसरी तरफ खराब मौसम जो कि बार-बार मुझे रोकना चाह रहा था‌। लेकीन छुट्टी मिलते ही मैंने अपना सामान उठाकर गाड़ी में भरा और … Read more

औकात – माधुरी गुप्ता  : Moral stories in hindi

आरती व ऊषा दोनों पक्की सहेलियां थी,एक ही कलास में होने के कारण उन दोनों की दोस्ती दिन दूनी रात चौगुनी वढ रही थी आरती पढ़ाई में जितनी फिसड्डी थी,उमा उतनी ही मेधावी थी। आरती को एक क्लास से दूसरी क्लास में जाने में उमा का बहुत सहयोग होता,सहेली होने के कारण उमा अपने अच्छे … Read more

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