एक आवारा ऐसा भी –  बालेश्वर गुप्ता  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : और किसी का नही तो कम से कम अपने परिवार की इज्जत का तो ख्याल रख ले,समझ नही आता समाज मे क्या कहे? ऐसा आवारा हमारे भाग्य में ही लिखा था।सुना है नशा भी करने लगे हो?         कुछ इसी प्रकार की बात लगभग रोज ही होती।पर दूसरी ओर से कोई … Read more

उसमें जरा भी संस्कार नहीं है…-रश्मि प्रकाश  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : ‘‘पृथा मुझे दो दिनों के लिए कलकता जाना है….ऑफिस की एक मीटिंग अटेंड करने….सोच रहा था तुम लोगों को भी लेता चलूँ…..तुम्हारे बड़े भाई साहब भी बार बार बुलाते रहते हैं तुम लोगों को ….तो चलो इस बार घूम ही लो।” कार्तिक ने कहा ‘‘ सच्ची!! वाह मैं कभी कलकत्ता … Read more

छोटी बहु की मां ने उसे कुछ संस्कार नहीं दिए !! (भाग 2)- स्वाति जैन : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : शिप्रा और रीत एक दूसरे के सामने देखकर मुंह बिगाड़ने लगी , शिप्रा रीत को धीरे से बोली इसको तो कोई लाज शर्म भी नहीं हैं देखोना , वर्ना इतनी सीरीयस बात पर भी इसको सब्जी कौन सी बनी हैं इसकी पडी हैं !! रीत बोली भाभी , यह जान … Read more

छोटी बहु की मां ने उसे कुछ संस्कार नहीं दिए !! (भाग 1) – स्वाति जैन : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : आ गई महारानी नौकरी करके , नौकरी करके चार पैसे क्या कमाती हैं ?? रसोई में देरी से आती हैं , हम दोनों हैं ना इसकी नौकरानी जो इसको गर्म गर्म खाना बनाकर देंगी , इसने तो हम लोगों को नौकरानी ही समझ कर रखा हैं तभी तो आकर अपने … Read more

‘जीवनधारा में बदलाव – पुष्पा जोशी : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  : जिन चिमनलालजी के ओहदे और रूतबे की धाक पूरी कॉलोनी में थी, तथा जिस धन और ऐश्वर्य के नशे में चूर होकर वे इन्सान को इन्सान नहीं समझते थे, वे ही आज किसी से नजर नहीं मिला पा रहै थे। बिल्कुल अकेले रह गए थे। चिमनलालजी फुड ऑफीसर थे। खूब … Read more

‘मैं सिर्फ आपकी पत्नी नहीं किसी की बेटी भी हूंँ’ – मनीषा गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi  :संगीता संयुक्त परिवार की लाडली बेटी थी, मम्मी पापा ताऊ ताई चाचा चाची सभी परिवार में थे, कुल मिलाकर संगीता हर पांच भाई बहन थे, परिवार के सभी बच्चों में बहुत प्रेम था। यह पता लगाना बहुत मुश्किल था कि कौन किसकी संतान है। परिवार के सभी सदस्य दूसरे से बहुत … Read more

पूत कपूत तो क्या धन संचै?,पूत सपूत तो क्या धन संचै! –  पूर्णिमा सोनी: Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “विमला काम पूरा हो गया हो तो,चल चाय बना लो, यहीं बाहर लेकर आ जाना ”  सुशीला जी ने आवाज देते हुए विमला से कहा। # बस लाई दीदी”, दरअसल चाय तो उसने आंगन की धुलाई करते समय ही धीमी आंच पर चढ़ा दिया था। ये रोज का ही काम … Read more

आख़िरी इच्छा : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “ बाबूजी ये दवाई खा लीजिए…आराम मिल जाएगा ।” काँपते हाथों से कनक अपने ससुर को दवा पकड़ाते हुए बोली दीनानाथ जी बहू के हाथ से दवाई ले कर खाने को हुए तो एक पल को रूके फिर जल्दी से दवाई गटक ली कनक दवा देकर कमरे से जाने को … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 7 ) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

“घर में बहू का पदार्पण होते ही सास और बहू दोनों ही घर वालों के लिए एक बाॅंध की तरह बन जाती हैं। बहू के आते ही अपनी ढलती आयु में भी सास एक जिजीविषा महसूस करती है क्योंकि उन्हें इस घर के रीति रिवाज, रस्मों की जानकारी बहू को देनी होती है। लेकिन हाय … Read more

शर्मिंदा – महजबीं : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : ” ये कैसे पुराने फैशन के सिंपल कपड़े पहनती है।। इसका तो हेयरकट भी नहीं है, लंबी सी  चोटी बना कर आ जाती है। मिडिल क्लास लगती है, बहन जी टाइप।  सस्ती सी कार से आती है। अपने आप को पता नहीं क्या समझती है।” नव्या के कानों में ये … Read more

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