हमसफ़र… तुम देना साथ मेरा… – रीतु गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

कपिल ने रिद्धि को दवाई दी और सुलाने लगा ,वो उसके सर को प्यार से सहला रहा था… कुछ ही मिंटो में रिद्धि सो गयी। कपिल रिद्धि के माथे पर किस कर.. अपनी परी के झूले के पास आ गया ।झूले मे गुड़िया सो रही थी। कपिल उसकी छोटी सी उंगुली को सहलाते हुए बोला.. … Read more

नाराजगी की सीमा – अंजना ठाकुर  : Moral Stories in Hindi

आज विधि फिर गुस्से मै घर छोड़ कर आ गई थी उसे यकीन था की राजेश उसे मनाने आयेगा और उसे और बच्चे को वापस ले जायेगा । पर इस बार उसे आए दो दिन हो गए राजेश का न कोई फोन आया ना वो खुद गुस्से मै विधि ने भी बात नहीं करी । … Read more

दो पल के गुस्से में प्यार भरा रिश्ता बिखर जाता है – वीणा सिंह : Moral Stories in Hindi

करवटें बदलते हुए आधी रात बीत चुकी है… नींद आंखों से कोसों दूर है.. किसी को कमजोरी बनाना या आदत बनाना अच्छा नहीं होता ये आज खुशी को समझ में आ रहा था…                       मनोज कितने निष्ठुर हैं… शादी के बाद नौ महीने की ट्रेनिंग पर जाते वक्त मेरे आंसू देखकर मनोज ने मुझसे वादा किया … Read more

मां की मन्नत – शुभ्रा बैनर्जी : Moral Stories in Hindi

शुभांगी की शादी के लगभग इकतीस वर्ष हो रहे थे।इतना समय बीत गया और जाते-जाते बहुत सारी यादें दे गया।अमित के साथ जब ब्याह कर आई थी,तो बाकी लड़कियों की तरह बहुत सारे सपने आंखों में लेकर नहीं आई थी।बचपन से ही थोड़े में खुश होने का हुनर था उसके पास।शादी के बाद हनीमून पर … Read more

हमसफ़र – साधना वैष्णव : Moral Stories in Hindi

सुबह राधिका देवी की हृदयाघात से मृत्यु हो गई थी । उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने सगे-संबंधी, मित्रगण और मुहल्ले वासी इकट्ठे हुए थे। उनके बेटे और बेटियों का रो-रोकर बुरा हाल था। सबकी आँखें उनके करूण-क्रन्दन से भीग चुकी थीं लेकिन ऐसे भी एक इंसान वहां मौजूद थे न तो वह रो रहे … Read more

मैने देरी कर दी बहू… – मीनाक्षी सिंह : Moral Stories in Hindi

बहु,,,,,तेरी मां कैसी है ??? सुना है कि जब से तेरे पिताजी गए हैं तब से बिल्कुल अकेली हो गई है,,,ना तो कुछ खाती है और ना ही खुद का ख्याल रखती हैं….. अभी-अभी मायके से आई बहुरानी सुरभि से सासू मां सुधाजी बोली…… अपनी तेज तर्रार सासू मां के मुंह से ऐसी बात सुन … Read more

छोटों की सीख – शिव कुमारी शुक्ला : Moral Stories in Hindi

लो अब तो आदि ने टिकट भी भेज दिए अब तो चलो बैंगलौर । ये लडका भी न, समझता ही नहीं कि मुझे कहीं  आना जाना पसन्द नहीं अब टिकट भेज दिए। कहीं और थोड़े ही चल रहे हैं बेटा-बहू है अपने ही बच्चे हैं उनके घर ही तो चलना  है फिर इतने दिनों से … Read more

जीवनसाथी साथ निभाना – ऋतु गुप्ता  : Moral Stories in Hindi

आज हमारी मां पूरे 2 महीने बाद व्हीलचेयर पर बैठकर एंबुलेंस से उतारा तो हम सभी के चेहरे पर थोड़ी मुस्कान थी। हमारा छोटा भाई और पापा सहारा देकर मां को घर के अंदर ला रहे थे तो हम दोनों बहने और हमारी प्यारी भाभी और सभी बच्चों ने चाहें  हमारे बच्चे हो या भाई … Read more

मेरे हमसफ़र – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral Stories in Hindi

तपती दोपहरी में घर से निकलना अपनेआप को लू-लहर के चपेटे में झोंक देना है। मुग्धा ने दुपट्टा खींचकर मुँह कान ढंकने का असफल प्रयास किया। न एक रिक्शा न कोई सवारी…।  वह लगभग दौड़ती हुई आगे बढी़। घर यहाँ से डेढ-दो किलोमीटर ही है लेकिन… भीषण गर्मी से सड़कें वीरान है। आज से कुछ … Read more

हमसफर ऐसा भी – रोनिता कुंडु : Moral Stories in Hindi

कुकर की सिटी की आवाज से रिचा की आंखें खुली.. बिस्तर के पास पड़ी टेबल के ऊपर रखी घड़ी पर नजर गई, तो वह एकदम से बिस्तर से उठ खड़ी हुई और कहा… हे भगवान… 7:30 बज गए..? इतनी देर हो गई और मैं सोती रही… पर मेरी अलार्म क्यों नहीं बजी..? छोड़ो यह सब … Read more

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