परिचित – सुनीता परसाई : Moral stories in hindi

सुबह का नजारा बड़ा लुभावना था।शुभी को लग रहा था, जैसे आकाश एकदम स्वच्छ है। सूरज का रूप आज ज्यादा सुनहरा हो गया है। कल ही समीर से मुलाकात हुई थी। समीर ने अस्पताल के दरवाजे पर मिलने पर हाथ जोड़कर “नमस्ते” कहा,शुभि ने जवाब नहीं दिया आगे बढ़ने लगी, समीर की पत्नी रूही बोली … Read more

सबक – डॉ संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

हुर्रे!हम पिकनिक पर जा रहे हैं..खुशी से उछलते हुए शिवम ने कहा तो उसकी बहन रिदिमा चौंक गई। “क्या सच में?”पापा तो कह रहे थे कि ये उनकी ऑफिस ट्रिप है वो हमें साथ नहीं ले जा सकते? नहीं..दीदी!मैंने रिक्वेस्ट की तो पापा को मानना पड़ा।शिवम खुश होता बोला। चल पगले!ऐसे भी कहीं होता है, … Read more

समयच्रक – रोनिता कुंडु : Moral stories in hindi

मम्मी जी.. मैं अपने मायके जा रही हूं… मम्मी की तबीयत अचानक ज्यादा खराब हो गई है… भैया उन्हें अस्पताल भी लेकर गए थे और अभी-अभी उन्हें घर लेकर वापस आए, मुझे तो पहले कुछ बताया ही नहीं… अभी भैया की भी खबर लूंगी इतना कुछ हो गया और मुझे बताना जरूरी नहीं समझा भैया … Read more

सास का रवैया – अमिता कुचया : Moral stories in hindi

आज नीलम घर लौट रही थी।उसे लग रहा था। समय चक्र भी इतिहास दोहराता है उसे सब एक- एक करके बातें याद आ रही थी जो उसने कल और आज देखा न जाने आने वाला कल क्या दिखाए•••• नीलम वो यादों में खो गई।जब उसकी शादी हुई तो उसे सिर ढकने कहा जाता था। एक … Read more

समयचक्र – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

गिरधारीलाल जब से गांव से शहर आगरा आए थे उनकी किस्मत चमकने लगी थी।गांव में खेती बाड़ी करके घर का गुज़ारा होता था।जब तक उनके पिताजी थे तब तक तो ठीक था।कयोंकि खेती में मेहनत तो पूरी करनी पड़ती थी परन्तु नफा उतना नहीं मिलपाता था ।फिर कभी बारिश कम होने से सूखा या बारिश … Read more

समयचक्र – आरती झा आद्या : Moral stories in hindi

“ई फोन भी ना, बजता है तो बजता ही चला जाता है। कोनो बच्चा भी घर में नहीं है, ई संजना भी ना जब आएगी कोनो ना कोनो नया चीज पकड़ा कर चल जाएगी।” अपनी बड़ी सी कोठी के आकार के घर के ओसारे पर सूप में चावल लिए बीनती विमला बड़बड़ा रही थी। “जी … Read more

समयचक्र यही है…रश्मि झा मिश्रा : Moral stories in hindi

आज से कोई चालीस पचास साल पहले तक… शादियां घर के बड़े ही पूरी तरह तय करते थे… लड़के लड़कियों को बस तैयार होकर मंडप में बैठना होता था… खासकर बड़े घरानों में तो शादी से पहले एक दूसरे को देखना… नाक कटाने वाली बात होती थी…और यदि किसी तरह देख भी लिया… तो उसे … Read more

कुछ उनकी सुनें, कुछ अपनी कहें – प्रियंका सक्सेना : Moral stories in hindi

“तुम बिन मैं कुछ नहीं, राधा ना जाओ मुझे छोड़कर| ” राघव बिलख बिलख कर राधा के निर्जीव शरीर से लिपट कर कह रहे थे| आरती और प्रकाश भी फफक फफक कर रो रहे थे|  अपने पिता को राधा से अलग करते हुए प्रकाश रोते रोते बोला, “पापा, मम्मी चली गई हैं हमेशा के लिए … Read more

समय का फेर  : Moral stories in hindi

सुबह -सुबह फोन की घंटी बजी, उमा जी घबरा गई, इस समय किसका फोन आ सकता हैं, अभी तो पांच ही बजे हैं। फोन पर सना की आवाज सुन उमा और घबरा गई “सब ठीक हैं सना,उधर से सना की रूहासी आवाज उनको विचलित कर दे रही थी      “क्या, तेरे सास -ससुर हमेशा के लिये … Read more

समय का बदलाव – मंजू ओमर : Moral stories in hindi

ये समय चक्र है हमेशा एक सा नहीं रहता कभी किसी का पलड़ा भारी तो कभी किसी का। लक्ष्मी आंटी का बड़ा रूतबा था अपने घर पर , अपने बहुओं पर , रिश्तेदारों में , मुहल्ले पड़ोस में।हर समय बस वो अपनी अपनी ही कहती रहती है घर के बाहर थोड़ी देर को खड़ी हो … Read more

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