रोक लो न मुझे – माधुरी गुप्ता : Moral stories in hindi

अनुराग २ महीने बाद सिविल सर्विस की ट्रेनिंग से लौटा था,अभी सिर्फ सुबह के सात ही बजे थे और सूरज ने जैसे आग उगलना शुरू कर दिया था,लगता है इस बार सर्दी की तरह गर्मी भी जम कर पड़ने बाली हैं। मार्च की गर्मी का ताप असहनीय सा लग रहा था और मैं अपने घर … Read more

कसक – डाॅ उर्मिला सिन्हा : Moral stories in hindi

   नीम की सूखी पत्तियां  आंगन में  चारों ओर फैली हुई थी। कई दिनों तक भागदौड़ के पश्चात नीम की छाँव में बैठते ही पारो  की आंखें लग गयी। शीतल मंद बयार…।   अपने इकलौते बेटेबहू को आज ही बहू के मायके पग फेरे के लिये भेजा है। अकेली जान हजारों काम। नैहर ससुराल… अडो़सी पडो़सी …सभी … Read more

बिखरा घर – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

“देख लिया अपनी माँ को कितना अकड़ था उन्हें अपने ऊपर ….कैसे कहा करती थी ,मुझे किसी सहारे की ज़रूरत नहीं है, आज क्या हुआ पड़ गई सहारे की ज़रूरत…. क्यों जा बैठी है वो मेरे ही बेटे के घर में !” रत्ना पति से ग़ुस्से में बोले जा रही थी  “ बस करो रत्ना…. … Read more

पहला प्यार – हेमलता गुप्ता : Moral stories in hindi

“क्यों दिल बेकाबू हुआ जाता है,  कौन है जो दिल में फिर से दस्तक देकर जाता है”     श्वेता ने जब से उनको अपने पति की मीटिंग में देखा था, घर पर आने के बाद उनका चेहरा आंखों से हट ही  नहीं रहा! समय चक्र क्या इस तरह उसके सामने आकर खड़ा होगा, वह समझ नहीं … Read more

बच्चे तो शैतानी करेंगे ही – संगीता अग्रवाल : Moral stories in hindi

” अरे अरे क्यो मार रही हो बच्चे को ऐसे ?” अंकिता अपने पड़ोस मे रहने वाली नीमा को अपने चार साल के बेटे को मारते देख बोली। ” भाभी इसकी शैतानियां दिन ब दिन बढ़ती जा रही है ऊपर से ज़िद्दी इतना हो रहा है मेरी कुछ नही सुनता !” नीमा बेटे को मारना … Read more

समयचक्र – हिमांशु जैन : Moral stories in hindi

अरे सीमा, ये क्या कर रही हो? आज ऑफिस नहीं जाना है क्या? सासू मां ने सीमा को देर तक लेटे हुए देखा तो पूछने लगीं। जी मां.. आज तबियत कुछ ठीक नहीं लग रही थी तो सोचा घर पर ही थोड़ा आराम करती हूं। अच्छा, ठीक है। तुम कुछ देर सो लो, तब तक … Read more

समयचक्र – पूजा शर्मा  : Moral stories in hindi

अरे बहु मानसी बहुत खांसी उठ रही है जरा सा गर्म पानी दे दो निर्मला जी लगातार खास रही थी और अपनी बहू मानसी को आवाज़ लगाए जा रही थी जो बरामदे में बैठी अपने फोन पर कानों में लीड लगाए गाने सुन रही थी। इतनी देर में उनके पति राकेश जी पानी गर्म करके … Read more

समय का पहिया कब , कैसे , घूम जाए कोई नहीं जान सकता !! – स्वाती जैंन : Moral stories in hindi

संजना बहुत सारी शापिंग करके बाजार से खुशी खुशी लौट ही रही थी कि , रिक्शा से बाहर उसकी नजर एक आदमी पर पड़ी , जिसे देख वह चौंक गई और उसने रिक्शा वाले से कहा – भैया !! ऑटो रोकना जरा !! रिक्शा वाला ऑटो रोकता उससे पहले ही एक कार आई और वह … Read more

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