घोंसला –   : Moral Stories in Hindi

“आखिर प्रॉब्लम क्या है तेरी सुनीता, इतना बड़ा घर, दौलत का ढेर, चार चार नौकर, आखिर एक लड़की को और क्या चाहिए शादी के बाद अपनी ज़िंदगी में..?” काफी अरसे के बाद मिली सुनीता की सहेली आशा ने सुनीता को उदास देखकर उससे सवाल किया। “आशा तू कह रही थी कि पिछले हफ़्ते तेरी बीमारी … Read more

पैसों से खुशियां नहीं खरीदी जा सकती – हेमलता गुप्ता : Moral Stories in Hindi

अंजलि… चलो यहां से, मैं नहीं चाहता सेठ दामोदर प्रसाद की इकलौती बेटी इन फटेहलो के यहां पर अपनी जिंदगी बर्बाद करें। मैंने तुमसे पहले भी कहा था की प्रणय तुम्हें वह सारी सुख सुविधा नहीं दे सकता जो तुम्हें अपने पापा के घर में मिली है और ऐसा कहकर दामोदर जी अपनी बेटी को … Read more

आशीर्वाद की लाज..!! – लतिका श्रीवास्तव  : Moral Stories in Hindi

दादी आज मेरा फाइनल मैच है… सर पर कैप लगाए और हाथों में क्रिकेट का बेट लिए हुए शानू ने पैर छूते हुए कहा …जोरदार वाला आशीर्वाद  दीजिएगा दादी प्लीज इस बार ट्रॉफी लेकर आना है…” अरे बेटा दादी के आशीर्वाद से नहीं तेरे जोरदार खेलने से ही ट्रॉफी मिलेगी….सुधीर जी ने हंसते हुए कहा। … Read more

आशीर्वाद – कामिनी मिश्रा कनक : Moral Stories in Hindi

आज सुबह से ही पूरे गाऊँ को सजाने में लगे थे  , कोई इधर से सामान ला रहा है तो कोई उधर से , हो भी क्यू ना  यसोधरा जी कि एकलौति पोती कि जो शादी है ….. सारा सामान शहर से आया है  । यशोधरा जी  पैसे पानी कि तरह बहा रही थी  । … Read more

लौट आओ अपराजिता (भाग 2) – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

जैसा कि आप लोगों ने प्रथम भाग में पढ़ा अपराजिता जो कि जिलाधीश है,प्रदेश में चुनाव के चलते सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह सुदृढ़ बनाए रखने के लिए काफ़ी व्यस्त चल रही थी पर चुनाव के अच्छे ढंग से निबटने के बाद उसको बहुत दिनों के बाद अवकाश मिलता है। जिसमें वो किसी अज्ञात लेखक … Read more

लौट आओ अपराजिता (भाग 1) – डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

प्रदेश में होने वाले चुनावों की वजह से शांति व्यवस्था बनाए रखनी की सारी जिम्मेदारी शहर की जिलाधीश अपराजिता के कंधों पर थी। आज चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न हो गए थे। अभी परिणाम आने में थोड़ा समय था। इतने दिन से शांति व्यवस्था सफलतापूर्वक बनाए रखने के लिए वो और उसकी टीम दिन रात एक किए … Read more

“बंजर होते मन” – कविता भड़ाना : Moral Stories in Hindi

“कैसी बात कर रही है भाभी आप” भईया को गए अभी दो महीने भी नही हुए और आप ने अपनी ननद के लिए इतना घटिया सोच लिया। हम बहन, बेटियों के लिए हमारा मायका सलामत रहें, हमारी बस यहीं चाह होती है एक बात और बता दूं भाभी की आपके प्यार ओर सम्मान के अलावा … Read more

प्यार पर दाँव – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi: “ना मुझे आपके पैसे चाहिए ना आपकी संपत्ति… क्या समझते है आप लोग….. मैं आपके पैसे के बल पर ही कुछ कर सकता हूँ….मैं जा रहा हूँ घर छोड़कर….जो करना है अब अपने दम पर ही करूँगा।” ग़ुस्से में काव्य अपने माता-पिता गौरव और धारा से बोले जा रहा था  माता-पिता … Read more

उदारता – बालेश्वर गुप्ता : hindi stories with moral

hindi stories with moral : मनीष दो वर्ष तुम्हारी पत्नी रही हूँ, पत्नी होने का स्थान तो तुम छीन ही रहे हो,अब कम से कम मेरे आत्म सम्मान, मेरी खुद्दारी पर तो चोट मत करो।प्लीज।        अरे माधुरी मेरा ऐसा कोई इरादा नही था।देखो हम सहमति से अलग हो रहे हैं तो मेरा भी तो कुछ … Read more

सबक – शिप्पी नारंग: Moral Stories in Hindi

“पापा जी जैसे कल बात हुई थी, पेपर तैयार हो गए हैं आप साइन अभी करेंगे या फिर बाद में ” शुभ्रा ने अपने ससुर सूरज जी से पूछा जो नाश्ते के लिए डाइनिंग टेबल पर बैठे थे साथ में शुभ्रा के पति मोहित और सासू मां वेदिका सरीन भी बैठी थी । “अच्छा तैयार … Read more

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