सुखद स्मृतियां “कार्तिक स्नान”  –  ritu gupta  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : मुझे अच्छे से याद है बचपन में जब पूरा मोहल्ला एक साथ एक ट्रैक्टर में भरकर एक साथ प्यार से गंगा स्नान को जाया करते।तब मोहल्ला मोहल्ला नहीं कहलाता था कोई पड़ोसी पड़ोसी नहीं होते थे,  (सभी एक परिवार की तरह रहते ,सबके घर आंगन एक दूसरे के लिए हमेशा … Read more

“परिपक्वता”- ऋतु गुप्ता   : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : पूरे घर में जब से पता चला है कि उनकी प्यारी श्रेया किसी अबराम फल वाले को पसंद करती है, मिलती है, अभी उम्र ही क्या है श्रेया की, अभी पिछले महीने ही तो 18 वर्ष की पूरी हुई है। हमारे प्यार, लाड दुलार का और हमारी छूट का श्रेया … Read more

प्रेम सिंधारा – ऋतु गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : मीता और मयंक की शादी को चार महीने होने को आये,दोनों का प्रेम विवाह हुआ है, मंयक के परिवार वालों ने तो इस रिश्ते को आगे बढ़कर अपनी स्वीकृति दे ही दी और स्वागत किया ।लेकिन ना जाने क्यों मीता के परिवार वाले इस रिश्ते को स्वीकृति देने में अपनी … Read more

सन्यासी कौन? – ऋतु गुप्ता : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : गुलमोहर और पारिजात के वृक्षों से छनकर आ रहा सूर्य का प्रकाश सीधे उमा के चेहरे को छू रहा था, सुरभित पवन के वेग के साथ साथ फूलों की महक भी उमा के हृदय में समा रही थी। कुछ एक फूल आते जाते लोगों के पांव तले अपने अस्तित्व को … Read more

“बातों ही बातों में” – ऋतु गुप्ता : Short Moral Stories in Hindi

Short Moral Stories in Hindi अले अले बाबा ! ये आप अभी क्या कर रहे हो,देखो आपके कपड़ों पर कितने दाग लग गये है,आपके सारे कपड़े गन्दे हो गये है,पर आप ये जूठी जामुन की गुठली मिट्टीं में क्यूं दबा रहे हो, नन्हे से चुन्नू ने अपनी तोतली जुबान में अपने बाबा से जब ये … Read more

“हां शून्य है मेरे पापा” – ऋतु गुप्ता : Short Story in hindi

हां बस पापा, आप और मम्मी कल सुबह की ट्रेन से कॉलेज आ जाइएगा, आपकी और मम्मी की दोनों की टिकट मैंने करवा दी है, बस आपको अपने जरूरत का जरुरी सामान लेकर ही यहां आना है, बाकी किसी ज्यादा सामान की जरूरत नहीं है। देव ने अपने पापा आलोक से कहा तो आलोक ने … Read more

“वक्त का आईना” – ऋतु गुप्ता : Moral Stories in Hindi

 Moral Stories in Hindi : शारदा जी के पास उनके प्रभाकर भैया का फोन आया था कि तेरी सरोज भाभी सीढ़ियों से गिर गई है, रीढ की हड्डी में गंभीर चोट आई है, ना जाने अब बिस्तर से उठ भी पाएगी या नहीं ,बच्चे भी पास में नहीं रहते, भले ही नौकर चाकर है पर … Read more

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