बदनुमा दाग ( भाग 4)- माता प्रसाद दुबे : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “भैया एक बोतल पानी दें दीजिए” मालती प्रभात के बगल वाले दुकानदार से बोली। उस दुकानदार ने मालती को पानी की बोतल दे दिया। “यह दुकान कब खुलेगी?” मालती उस दुकानदार से बोली। “क्या बताऊं बहन जी, बहुत गलत हुआ है प्रभात भैया और उनके परिवार के साथ?” वह दुकानदार … Read more

बदनुमा दाग ( भाग 3)- माता प्रसाद दुबे : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “लेकिन मैं सब कुछ जानकर तुम्हारी शादी राकेश से नहीं कर सकता” रामप्रसाद जी मालती को डांटते हुए बोली। “पापा !मैं राकेश से ही शादी करूंगी,नहीं तो मैं कुछ गलत कर लूंगी जिसके जिम्मेदार आप लोग होंगे” मालती धमकी देते हुए बोली। “ऐसे बात करते हैं अपने पिताजी जी से, … Read more

बदनुमा दाग ( भाग 2)- माता प्रसाद दुबे : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “वह अपने कमरे में है बेटा! शांति देवी प्रभात को कमरे की ओर दिखाते हुए बोली। “ठीक है अम्मा!अभी मैं आपके और बाबूजी के पास आता हूं ” कहकर प्रभात अपने कमरे में चला गया गीता चुपचाप खड़ी प्रभात की ओर देख रही थी। रात के ग्यारह बज रहे थे, … Read more

बदनुमा दाग ( भाग 1)- माता प्रसाद दुबे : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : रामप्रसाद कस्बे के ईमानदार पढ़ें लिखे शरीफ आदमी थे,खेती उनका मुख्य पेशा था, कस्बे में उन्होंने एक दुकान भी खोल रखी थी,वे हमेशा दूसरों की मदद किया करते थे,पत्नी शांति देवी बड़ा बेटा प्रभात बेटी मालती बहू गीता नन्हा पोता अरूण उनके हंसते खेलते परिवार के सदस्य थे,सभी एक दूसरे … Read more

“चांदी के कड़े ” – कविता भड़ाना : Short Stories in Hindi

Short Stories in Hindi : “सुंदर नक्काशी किए हुए ये चांदी के कड़े आपके पैरों में कितने सुंदर लगते है दादी”     पायल ने अपनी दादी सुलक्षणा जी से कहा, तो दादी जल्दी से उन्हे उतारते हुए बोली,   अरे ये तो मैं, अपने प्रियांशु की शादी   में उसकी दुल्हन को मुंह दिखाई में दूंगी, और उठाकर … Read more

 तुम करती ही क्या हो.!! – अंजना ठाकुर : Moral stories in hindi

रचना की शादी विकास से दो साल पहले हुई थी विकास की सोच भी औरों जैसी थी की औरतों को काम ही क्या होता है क्योंकि खुद ने कभी एक ग्लास पानी भर कर नही पीया शुरू से मां ने सेवा करी जब नौकरी लगी तब भी मां साथ आ गई की बेटे को खाने … Read more

 ईमानदारी पर दाग – पुष्पा जोशी : Short Moral Stories in Hindi

Short Moral Stories in Hindi : सज्जनसिंह के घर का दरवाजा दो दिनों से बंद था ।न घर से कोई रोशनी आ रही थी। शालिनी जी भी घर से बाहर नहीं निकली थी।पूरे मुहल्ले में कानाफूसी हो रही थी, अब घर में मुंह छिपाकर बैठे हैं, शर्म नहीं आई बेटे के साथ काला धन्दा करने … Read more

बदनुमा दाग – माता प्रसाद दुबे : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : रामप्रसाद कस्बे के ईमानदार पढ़ें लिखे शरीफ आदमी थे,खेती उनका मुख्य पेशा था, कस्बे में उन्होंने एक दुकान भी खोल रखी थी,वे हमेशा दूसरों की मदद किया करते थे,पत्नी शांति देवी बड़ा बेटा प्रभात बेटी मालती बहू गीता नन्हा पोता अरूण उनके हंसते खेलते परिवार के सदस्य थे,सभी एक दूसरे … Read more

आवाज़ – डॉ. पारुल अग्रवाल : Short Moral Stories in Hindi

Short Moral Stories in Hindi : आज रजत की बेटी वान्या की शादी थी। वान्या खुशी-खुशी घर से विदा हो गई पर एक पिता का दिल अपने आपको समाज की बनाई प्रथाओं के आगे बहुत ही हारा हुआ सा महसूस कर रहा था। कई दिन की गहमागहमी और सारे काम का प्रबंध देखते देखते वो … Read more

 समाज का दाग – मधु पारीक : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : कॉलेज कैंटीन में दोस्तों के कुछ छोटे-बड़े groups बने हुए हर तरफ टेबल पर बैठे हुए थे और सब अपने-अपने चाय-कॉफी के साथ-साथ अपनी-अपनी चर्चा में व्यस्त थे । कहीं कोई किसी की खिंचाई कर रहे थे, तो कहीं कोई किसी टॉपिक पर बहस, तो कहीं कोई अपने आगे के … Read more

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