मै अपनी मम्मी के साथ रहूंगा – अर्चना खंडेलवाल  : Moral stories in hindi

“मम्मी, हम आज फिर कहां जा रहे हैं? जो आप जल्दी -जल्दी होमवर्क करने को कह रहे हो?  राहुल ने पूछा। “राहुल, आज मीना मौसी की शादी की सालगिरह है, बस हमें भी वहीं जाना है, वहां तेरे  नाना, नानी सब लोग आयेंगे, बहुत अच्छा लगेगा, खुश होते हुए  वीणा ने कहा। “क्या, मम्मी अभी … Read more

धिक्कार है ऐसे बेटो पर – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

भारती जी के आंसू लगातार बह रहे थे, अस्पताल के बाहर अकेले बैठी उनकी सिसकियां रूकने का नाम नहीं ले रही थी, बूढ़ी आंखों पर लगा चश्मा भीग रहा था, जिसे उतारकर वो अपनी  साड़ी के पल्लू से बार-बार पौंछ रही थी, अंदर उनके पति कैलाश जी का ऑपरेशन चल रहा था और वो उनकी … Read more

झूठे दिखावे से जिंदगी नहीं चलती।- अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

“अब अपनी आंखें खोलो, सौरभ ने निमिषा की आंखों से हथेली को धीरे-धीरे हटाते हुए कहा, और हाथ में दो फ्लाइट के टिकट पकड़ा दिये।” निमिषा हैरान थी, “हम कहीं जा रहे हैं क्या? सौरभ खुशी से बताने लगा, ” मुझे कंपनी की तरफ से इनसेंटिव मिला है तो मैंने गोवा जाने के टिकट बनवा … Read more

सासू मां आपका बंटवारा नहीं हुआ है – अर्चना खंडेलवाल: Moral stories in hindi

कमरा हंसी से गूंज रहा था, देवांशी अपनी सहेली से बात कर रही थी, “अरे! नहीं यार मै कौनसी अपनी सास की उम्र भर सेवा करने वाली हूं, अभी मेरे बच्चे छोटे हैं,और मेरी सास को खाना बनाकर खिलाने का शौक है तो मेरे खाना बनाने वाली के पैसे बच जाते हैं, वरना इस सोसायटी … Read more

बहू भी तो एक ही है – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

राधिका की शादी एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुई थी, राधिका की सास सुनंदा जी अपनी बहू को बेटी की ही तरह रखती थी, वो भी अपने घर में अच्छे से रच-बस गई थी, अपने पति प्रवीण का वो हर सुख-दुख में बराबर साथ देती थी। कुछ दिनों से वो प्रवीण को बहुत उदास देख रही … Read more

तुम्हारी तो कोई औकात ही नहीं है – अर्चना खंडेलवाल  : Moral stories in hindi

“रवि, परसों मेरी छोटी बहन की सगाई हो रही है, मम्मी-पापा ने आपको फोन भी किया था, तो मै उसे शादी में कुछ अच्छा सा उपहार देना चाहती हूं, मै सोच रही थी ,एक ही बहन है तो मै उसके लिए सोने के झूमके बनवा लेती हूं, आप मुझे उसके लिए  रूपये दे दीजिए।” सुधा … Read more

बहू का दर्द नाटक ही लगता है – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

“मम्मी जी, आज मेरा जी मिचला रहा है, और ये रोटी की गंध भी मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रही है, आप ये रोटियां सेंक दीजिए, मैंने सब्जियां तो बनाकर रख दी है, और सलाद भी तैयार है।” मानसी ने आशा भरी नजरों से अपनी सासू मां को देखकर कहा। “ओहहह!! फिर से बंद करो अपना … Read more

मैं कभी अच्छी भाभी नहीं बन पाई – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

“बहू नंदिनी का फोन आया है, तू भी बात कर लें, वो तेरे लिए पूछ रही है”। सरिता जी ने फोन अपनी बहू सोनाक्षी को देते हुए कहा। सोनाक्षी ने मुंह बनाया और ढंग से बात नहीं की, कम शब्दों में हाल पूछे और फोन वापस सरिता जी को पकड़ा दिया, सरिता जी ने उसका … Read more

लडकी के भाई नहीं है – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

“ऐसे कैसे तूने लड़की के लिए हां कर दी, ना घर-परिवार देखा, ना ही लडकी के पापा की जमीन जायदाद देखी,  ऐसे कैसे कोई भी लड़की इस घर की बहू बन जायेंगी, और लड़की के भाई भी नहीं है। मै तो तुझे इसकी इजाजत नहीं दूंगा, चौधरी जी गुस्से में बोले। उनकी आवाज सुनकर उनके … Read more

हां, मुझे जायदाद में अपना हिस्सा चाहिए – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

मोबाइल फोन की घंटी बजते ही शिखा के चेहरे पर मुस्कान आ गई, मायके से बड़े भैया का इतने समय बाद फोन आया था, और उसने एक ही घंटी में फोन उठा लिया। “नमस्ते, बड़े भैया, आप कैसे हैं? बहुत दिनों बाद अपनी बहन को याद किया, आप तो मुझे ब्याहकर भुला ही बैठे हैं, … Read more

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