ना मै अच्छा बेटा बन पाया ना ही अच्छा पिता बन पाया – अर्चना खंडेलवाल

मम्मी, फ्रिज मै रसगुल्ले रखे हैं मै खा लूं? बड़ा मन कर रहा है, मनीष ने मचलते हुए कहा तो रजनी बोली, अभी नहीं पहले पापा को ऑफिस से आने दे, सब साथ में खायेंगे, थोड़ा तो सब्र रखना सीख, परिवार में सब साथ खाते हैं तो प्यार बढ़ता है।ठीक है मम्मी, ये कहकर वो … Read more

मैं इस बार मायके नहीं आऊंगी.!! – अर्चना खंडेलवाल  

निधि जल्दी से नीचे आओ, तुम्हारा फोन बज रहा है, निधि दौड़कर आती है, मां का फोन था, निधि को और भी काम थे, थोड़ी देर बाद बात करती हूं ये कहकर निधि अपने काम में लग गई,मनन का टिफिन बनाना था, उसके ऑफिस का समय हो रहा था, शिवम को भी स्कूल जाना था, … Read more

मां का दर्द मां बनके ही समझ आता है।- अर्चना खंडेलवाल 

मां यह क्या इतना सारा आटा सेंक रही हो!!मैं इतने सारे लड्डू नहीं ले जाऊंगी, खाऊंगी तो मोटी हो जाऊंगी, आप कुछ कम कर लो, बहुत समय भी लग जायेगा और हमें बहुत सारे काम भी निपटाने है, मार्केट भी जाना है और शॉपिंग भी तो करनी है, सपना ने रसोई में मां सुजाता को … Read more

 माता-पिता तो बच्चों को हर हाल में सहारा देते हैं। – अर्चना खंडेलवाल

गिरिजा ने दवाई का पैकेट उठाया तो देखा उसमें गोली नहीं थी, उसे याद आया कि दवाई तो कल रात को ही खत्म हो गई थी उसने विकास को लाने को बोला तो था, पर शायद वो भूल गया होगा, उसने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया तो अंदर से आवाज नहीं आई, वो चुपचाप वापस … Read more

संस्कार तो बेटे को भी देने पड़ते हैं। – अर्चना खंडेलवाल

“मुझे उम्मीद नहीं थी सात साल बाद ऐसा कुछ होगा!!! अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था सामने प्राची को देखकर लग रहा था कि दुनिया बहुत ही छोटी है सोना कभी प्राची से फिर से मिलेगी ऐसा सोना ने सपने में भी नहीं सोचा था। जो रिश्ते संज्ञाहीन और भावशून्य हो जाये उन … Read more

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