शक से रिश्ते बिगड़ जाते हैं – अर्चना खंडेलवाल  : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “ये तुम्हारी शक करने की आदत कब जायेगी? तुम्हें तो हर बात पर ही शक करना है और मेरा समझाना ही बेकार है, मै क्यूं पत्थर से सिर फोड़ रही हूं और वंदना दनदनाती हुई कमरे से बाहर निकल गई, बाहर बॉलकोनी में जाकर आंसू बहाने लगी, पर उसके आंसूओं … Read more

वो कामवाली इस घर की सदस्य भी हैं।- अर्चना खंडेलवाल : hindi Stories

hindi Stories : ये क्या आज कामवाली कांता नहीं आई, पूरा घर गंदा पड़ा था, झाड़ू-पोछा और बर्तन देखकर रेणु का सिर चकरा रहा था, ये सब उसे करना पड़ेगा, घर के बाकी काम करे या इन कामों में लगे, रेणु सोच ही रही थी कि तभी घंटी बजी, और ऐसी लगातार घंटी कांता ही … Read more

मै बच्चों को माफ नहीं कर सकती – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : राघव मेरा नया चश्मा बनवा दें, मुझे आजकल इसमें से कुछ भी साफ नहीं दिखता है, मै भगवान की पूजा -पाठ भी नहीं कर पाती हूं, ललिता जी ने अपने बड़े बेटे को कहा जो लगभग घर से निकलने को तैयार हो रहा था।ओहहह, मां आपको कितनी बार कहा है … Read more

मां से ही मायका होता है – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi :  क्या कहा!! मां जी सीढ़ियों से गिर गई, और उनके सिर में भारी चोट लगी है, ये सुनते ही निशू रोने लगी, उसके पति आदित्य ने फोन संभाला,” हां राजेश ज्यादा गहरी चोट तो नहीं है? उसने निशू के भाई से पूछा “। “जीजू चोट तो गहरी है, डॉक्टर कह रहे … Read more

ससुराल में सब सहना होता है – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : “विधि, जरा जल्दी से उठ जा और रसोई में आकर मेरी मदद कर रेणुका जी ने रसोई से आवाज लगाते हुए कहा। विधि आधी नींद में हो रही थी, उसकी आंखें ही नहीं खुल रही थी, वो कोशिश कर रही थी पर कैसे उठती? रात को एक बजे सोई थी … Read more

बेटी को सब अधिकार है बहू को क्यों नहीं? – अर्चना खंडेलवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : संगीता के बेटे की शादी है, हम सबको बुलाया है, ममता जी ने खुशी से बताया। हां, तो हम सब चलेंगे, आखिर तुम्हारी सहेली के बेटे की शादी है, पर रिशते तो परिवार के जैसे है, हम सब चलेंगे, वो भी तो हमारे आदित्य की शादी में सपरिवार आये थे, … Read more

आपको अपने बेटे पर गर्व होना चाहिए – अर्चना खंडेलवाल : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : रंजन बेटा उठ जा चाय तैयार है, विमलेश जी ने अपने बेटे को आवाज लगाई, पर वो बिस्तर पर बेसुध सा पड़ा हुआ था। रात को तीन बजे घर आयेगा तो सुबह सात बजे  कैसे उठेगा? तुम्हें मना किया था, इसके लिए चाय बनाई ही क्यों? रंजन के पापा चिल्लाकर … Read more

ना मै अच्छा बेटा बन पाया ना ही अच्छा पिता बन पाया – अर्चना खंडेलवाल

मम्मी, फ्रिज मै रसगुल्ले रखे हैं मै खा लूं? बड़ा मन कर रहा है, मनीष ने मचलते हुए कहा तो रजनी बोली, अभी नहीं पहले पापा को ऑफिस से आने दे, सब साथ में खायेंगे, थोड़ा तो सब्र रखना सीख, परिवार में सब साथ खाते हैं तो प्यार बढ़ता है।ठीक है मम्मी, ये कहकर वो … Read more

मैं इस बार मायके नहीं आऊंगी.!! – अर्चना खंडेलवाल  

निधि जल्दी से नीचे आओ, तुम्हारा फोन बज रहा है, निधि दौड़कर आती है, मां का फोन था, निधि को और भी काम थे, थोड़ी देर बाद बात करती हूं ये कहकर निधि अपने काम में लग गई,मनन का टिफिन बनाना था, उसके ऑफिस का समय हो रहा था, शिवम को भी स्कूल जाना था, … Read more

मां का दर्द मां बनके ही समझ आता है।- अर्चना खंडेलवाल 

मां यह क्या इतना सारा आटा सेंक रही हो!!मैं इतने सारे लड्डू नहीं ले जाऊंगी, खाऊंगी तो मोटी हो जाऊंगी, आप कुछ कम कर लो, बहुत समय भी लग जायेगा और हमें बहुत सारे काम भी निपटाने है, मार्केट भी जाना है और शॉपिंग भी तो करनी है, सपना ने रसोई में मां सुजाता को … Read more

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