“महापुरुष”(भाग 2) – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा : Short Stories in Hindi

Short Stories in Hindi : तभी बुआ किचन में  चली आईं और मूंह बनाते हुए बोलीं-” तुम मुन्ना को बोल रही हो पानी लगाने के लिए… हमारे खानदान में ऐसा नहीं होता! यह सब औरत का काम है समझी। “ खुशी एकदम से गंभीर हो गई और बोली-” जी बुआ जी मैं लगा दूंगी पानी … Read more

“महापुरुष”(भाग 1) – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा : Short Stories in Hindi

Short Stories in Hindi : खुशी का आज ससुराल में दूसरा दिन था। इन दो दिनों में वह परिवार के लगभग सभी महिलाओं से अनेकों बार कहते सुन चुकी थी कि हमारे यहां के पुरुष औरतों वाली काम नहीं करते हैं। उसके समझ में नहीं आ रहा था कि किस काम पर नाम लिखा है … Read more

कापुरूष (भाग -3 )- माता प्रसाद दुबे : Short Moral Stories in Hindi

सत्य प्रकाश जी के फोन पर काल आ रही थी, दूसरी तरफ से उनके आफिस से कोई बोल रहा था, कामिनी ने सत्य प्रकाश जी के घर पर होने की गलग सूचना देकर फोन काट दिया।समय के साथ ही कामिनी और सुनीता को सत्य प्रकाश जी के साथ कुछ गलत होने का भय सताने लगा … Read more

कापुरूष (भाग -2) – माता प्रसाद दुबे : Short Moral Stories in Hindi

“कामिनी मुस्कुराते हुए बोली।” मैं ठीक कह रहा हूं, कुछ गड़बड़ी हुई है, जिसमें मेरा भी नाम आया है, मुझे कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है?”सत्य प्रकाश जी चिन्तित होते हुए बोले।”जो आदमी एक मच्छर तक नहीं मार सकता,वह भला गड़बड़ क्या करेगा,वह तो मैं ही हूं जो इतनी हिम्मत करके दशकों से … Read more

कापुरूष (भाग -1) – माता प्रसाद दुबे : Short Moral Stories in Hindi

सुनीता काफी खुलें विचारों वाली लड़की थी,अमीर लड़कों से दोस्ती करना,पार्टियां करना रात भर घर से गायब रहना यह सब उसकी दिनचर्या में शामिल था।उसे रोकने टोकने वाला कोई नहीं था, उसके हर काम में उसकी मां कामिनी उसका सहयोग करती थी, उसके पिता सत्य प्रकाश का अपनी पत्नी कामिनी व बेटी सुनीता पर कोई … Read more

 सुरक्षा घेरा – पुष्पा जोशी : Short Moral Stories in Hindi 

अविनाश ने दो टूक जवाब दिया- ‘तुम और आर्ची पार्टी में नहीं जाओगी, यह मेरा फैसला है। ‘ और वह ऑफिस के लिए निकल गया। चारूदत्ता सन्न रह गई। आखिर क्या हो गया है अविनाश को? पार्टी में जाने के लिए मना कर दिया। कितनी उत्सुक थी, वह और आर्ची  मिस्टर डिसूजा और उनके परिवार … Read more

चुप्पी‌ का राज – संगीता श्रीवास्तव : Short Moral Stories in Hindi

”  पुरूष! पुरूष हो तुम! पुरुष होने का दंभ भरते हो ? मेरी जिंदगी को बर्बाद करके क्या मिला तुम्हें? क्या फर्ज किया पति होने का, बताओ तो सही? पत्नी हूं तुम्हारी!! क्या समझ रखा है मुझे, अबला! अबला जरूर हूं लेकिन तबला नहीं जिसे जैसे चाहो ,जब चाहो, बजा दो। मैं चुप नहीं रहूंगी … Read more

पाणीग्रहण – किरण केशरे : Short Stories in Hindi

ढोलक की थाप पर विवाहगीतों की ध्वनि बिखर रही थी शादी के पंडाल में और ढोल पर सरिता की सहेलियाँ और बहन नाच रही थी, इत्र, और ताजे गेंदा, गुलाब के हार जयमाल की रस्म के लिए टोकनी में रखे थे ; सरिता को छोटी बहन ने बहुत ही सुंदर तैयार किया था,सुर्ख जोड़े में … Read more

पगड़ी – डॉ. पारुल अग्रवाल : Short Stories in Hindi

तीन भाई-बहन का हंसता-खेलता परिवार जिसमें नीलू सबसे बड़ी थी। पापा बैंक में क्लर्क की नौकरी में थे और मां पूरा घर संभालती थी।पापा की नौकरी से पैसा तो नहीं बचता था पर इतना था कि प्रतिदिन के खाने पीने की कोई समस्या नहीं थी।वैसे भी क्लर्क की नौकरी अगर वो भी ईमानदारी से करने … Read more

 पुरुष – पूजा गर्ग : hindi kahani with moral

मालती:   अब मैं तुमसे मिलने नहीं आ सकती । प्रकाश (हैरानी से):  क्यों? क्या हुआ ?  मालती:   घरवालों को शायद हमारे बारे में पता चल गया है । प्रकाश:   तो , अच्छा ही हुआ ,एक ना एक दिन तो पता चलना ही था, पर तुम इतनी परेशान क्यों हो ? मालती:  तुम … Read more

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