“महापुरुष”(भाग 2) – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा : Short Stories in Hindi

Short Stories in Hindi : तभी बुआ किचन में  चली आईं और मूंह बनाते हुए बोलीं-” तुम मुन्ना को बोल रही हो पानी लगाने के लिए… हमारे खानदान में ऐसा नहीं होता! यह सब औरत का काम है समझी। “ खुशी एकदम से गंभीर हो गई और बोली-” जी बुआ जी मैं लगा दूंगी पानी … Read more

“महापुरुष”(भाग 1) – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा : Short Stories in Hindi

Short Stories in Hindi : खुशी का आज ससुराल में दूसरा दिन था। इन दो दिनों में वह परिवार के लगभग सभी महिलाओं से अनेकों बार कहते सुन चुकी थी कि हमारे यहां के पुरुष औरतों वाली काम नहीं करते हैं। उसके समझ में नहीं आ रहा था कि किस काम पर नाम लिखा है … Read more

अपने तो अपने होते हैं – कमलेश राणा : Moral stories in hindi

Moral stories in hindi : नीलू बहुत प्यारी लड़की थी बड़ी चुलबुली सी,, सबके साथ हंसी मजाक करना सबकी मदद को तैयार रहना उसका स्वभाव था जिसने उसको सबके बीच लोकप्रिय बना दिया था। जो देखो वही उसकी तारीफ करते नहीं थकता जहाँ जाती महफ़िल की जान बन जाती वो,, फुर्ती इतनी किसी को मेंहदी … Read more

ये दाग अच्छे हैं…. – रश्मि प्रकाश : Moral stories in hindi

“ माँ माँ जल्दी से यहाँ आओ … ये देखो क्या हो गया है ?” आठ साल की कुहू सुबह अपने बिस्तर की ओर इशारा करती हुई अपनी माँ से बोली  पोती की आवाज़ सुन सुनयना जी भी कमरे में आ गई…. “ कुछ नहीं हुआ बेटा… ये दाग अच्छे हैं बस ज़रा थोड़ा रूक … Read more

 पुरुष‌ घर का काम नहीं करते – सुषमा यादव : Moral Stories in Hindi 

रजनी की नई नई शादी हुई थी। रजनी भी‌ नौकरी करती थी। उसके पति भी एक आफिसर थे। रजनी ने ससुराल में जाकर देखा कि सभी औरतें घर बाहर का काम करती हैं। पर पति और बाकी पुरुष केवल बाहरी काम करते।,घर के अंदर जब भोजन करना हो या सोना हो तभी आते। रजनी भी‌ … Read more

खूबसूरत छल – शुभ्रा बैनर्जी : moral stories for adults

अनुपमा एक बैंक में नौकरी करती थी।एक साल पहले ही कानपुर शहर में ट्रांसफर करवाया था उसने, पंकज से शादी होने की वजह से।पंकज भी एक निजी कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर थे।कंपनी की तरफ से जो घर मिला था वह अनुपमा के बैंक से बहुत दूर था,इसलिए उन्होंने पास में ही मित्तल अंकल का घर … Read more

सुधरती छवि – लतिका श्रीवास्तव : Emotional Hindi Stories

जैसे ही तुहीना ने उस सकरी गली में कदम बढ़ाया एक के बाद एक दो तीन चार अभद्र सीटियों की आवाजे तेज होने लगीं…सहम कर अपना दूसरा कदम उठा ही रही थी कि उन आवारा लड़कों ने एकदम समीप आकर उसे घेर लिया …एक ने तो धृष्टता पूर्वक उसका दुपट्टा भी पकड़ लिया। तुहिना की … Read more

मेरी भी कुछ ख्वाहिशें – डाॅ संजु झा : Heart touching story 

अंजु की जिन्दगी वैसे तो काफी व्यस्त रही है,परन्तु उम्र के पचासवें पड़ाव पर आकर एक बार फिर  से अपने अतीत का मंथन करने को मजबूर हो गई है।अब तक की जिन्दगी से उसने क्या खोया और क्या पाया,इसी का हिसाब लगाने बैठ गई। उसके मन में सवालों की जैसे झड़ी लग गई है वह … Read more

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