“महापुरुष”(भाग 1) – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा : Short Stories in Hindi

Short Stories in Hindi : खुशी का आज ससुराल में दूसरा दिन था। इन दो दिनों में वह परिवार के लगभग सभी महिलाओं से अनेकों बार कहते सुन चुकी थी कि हमारे यहां के पुरुष औरतों वाली काम नहीं करते हैं। उसके समझ में नहीं आ रहा था कि किस काम पर नाम लिखा है कि यह मर्दो को नहीं करना चाहिए !”

लेकिन धीरे-धीरे कुछ ही दिनों में वह समझ गई थी कि यहां स्त्री- पुरुष के बीच भेद कुछ ज्यादा ही निभाया जाता है। जब भी कोई काम करने के लिए आता जिसमें अनुराग से वह सहयोग करने को कहती माँजी, दादी या बुआ या ननदें कोई न कोई उसे रोक देता और कहता यह औरतों का काम है पुरुष थोड़े ही करते हैं !

       खुशी मन ही मन खीज कर रह जाती थी। उसने बचपन से तो यही देखा था चाहे कोई काम हो घर का हो, बाहर का हो या माँ के किचन का हो । सभी एक दूसरे का बेझिझक हाथ बटाया करते थे। अक्सर उसने पिताजी को भी देखा था माँ के कामों में मदद करते हुए। उन्होंने कभी किसी काम को नहीं कहा की यह औरत करेगी पुरुष नहीं करेगा। 

यहां तो सब उल्टा था। इन्हें कौन बताये कि सहयोग से जिंदगी आसान और खूबसूरत हो जाती है। बिना एक दूसरे के सहयोग किये सृष्टि भी नहीं चलती।

आज वह सुबह से किचन में नाश्ते और खाने की फर्माइश पूरी करते करते थक कर चूर हो गई थी। उसके शादी के बाद पहली गर्मी थी। छुट्टियों में दोनों ननदें अपने बच्चों समेत मायके आई हुईं थीं। इन लोगों के अचानक सरप्राइज  देने के चक्कर में खुशी का अपने मायके जाना कैंसिल हो गया। इस वजह से वह  थोड़ी  दुःखी हो गई थी। पर उसने अपने चेहरे पर  जरा सी सीकन नहीं आने दिया। वह अकेले जुटी हुई थी सबकी तिमारदारी में।

दोनों ननदें उनके हसबैंड, देवर ,ससुर जी सभी बाहर हॉल में बैठे ठहाके लगा रहे थे। अनुराग पानी के लिए आवाज लगा रहा था। गुस्से में तमतमा कर वह किचन में आया और खुशी को डांटना शुरू किया-” बहरी हो गई हो क्या सुनाई नहीं देता है कब से पानी के लिए चिल्लाए जा रहा हूं।”

तवे से रोटी निकाल रही पसीने से तर -बतर खुशी ने कहा-” ओह्ह मैंने सच में सुना नहीं… आप ले लीजिए पानी फ्रीज में रख दिया है। और जरा सुनिये,  डाइनिंग टेबल पर भी पानी  का जग और ग्लास रख दीजिये ।तब तक मैं सबके लिए खाना परोसती हूँ। “

अगला भाग 

“महापुरुष”(भाग 2) – डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा : Short Stories in Hindi

स्वरचित एंव मौलिक

डॉ अनुपमा श्रीवास्तवा

मुजफ्फरपुर,बिहार 

#पुरुष

(वी)

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