लड़के वाले सीजन -3 (भाग – 16) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि ताई के द्वारा घर में किया गया हंगामा शांत हो गया हैँ… उन्हे अपनी गलती का एहसास हो गया.. उन्होने नारायण जी से माफी मांग ली हैँ…. ताई के मायके वाले सभी को राम राम कर घर को लौट गए हैँ….. तभी … Read more

लड़के वाले सीजन -3 (भाग – 15) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि शुभ्रा के घर में शादी के समय ताई ने अलग ही रायता फैला दिया हैँ… वो ससुराल की सीता रामी और उसके संग के झुमके अपने ससुर नारायण जी को   कतई देने को तैयार नहीं हैँ …. ज़िसका फैसला करने के … Read more

डूब मरना : Top 10 stories in hindi

पल्लू  – डॉ.पारुल अग्रवाल आज समर्थ की बड़ी बुआ को घर पर आना था। समर्थ की शादी के समय बुआजी किसी कारणवश नहीं आ पाई थी,इसलिए वो आज समर्थ की नववधू अवंतिका से मिलने आ रही थी। समर्थ के पिताजी को बुआजी ने ही पालपोस कर बड़ा किया था। वो थोड़ा पुराने विचारों की थी। … Read more

नातों की समझ – लतिका श्रीवास्तव  : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : किसना ओ बेटा किसना सुन तो इधर आ तो जरा….रात के बारह बज रहे थे बाबूजी की कराहती आवाज सुन पास ही लेता किसना हड़बड़ा के उठ बैठा हां बाऊजी मैं यही हूं आपके पास पानी पीना है क्या..!!पास रखी मिट्टी की  सुराही से पानी निकालने के लिए वो तत्पर … Read more

लड़के वाले सीजन -3 (भाग – 14) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि उमेश और शुभ्रा के घर में  दिवाली का त्योहार अच्छी तरह से सम्पन्न हो चुका हैँ… खुशियों का माहोल हैँ… तभी कुछ सोच विचार कर घर के बुजूर्ग दादा जी अपनी दोनों बहुओं से ससुराल का सोने का जेवर जो उनके पास … Read more

एक अनूठी प्रेमकथा (भाग 1)- डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi :  आज रोहित का बड़े मीडिया चैनल में साक्षात्कार होना था। असल में उसने तीन साल पहले स्टार्टअप कंपनी शुरू की थी जिसका टर्नओवर आज करोड़ों में पहुंच गया था। छोटी सी लागत से शुरू हुई कंपनी का तीन साल में ही इतने बड़े मुकाम पर पहुंचना चर्चा का विषय था। … Read more

एक अनूठी प्रेमकथा (भाग 2 )- डॉ. पारुल अग्रवाल : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : अब ससुराल केवल शनिवार-रविवार को ही जाना होता। अब सप्ताह के पांच दिन उसके अपने होते। इसी बीच शिखा को एक नए जीवन के आगमन का एहसास अपने अंदर हुआ।उसकी तबियत ठीक नहीं रहती थी। कुछ भी खाने की इच्छा नहीं होती थी। वो बहुत ही भावनात्मक परिवर्तन से गुजर … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी ( भाग – 2 ) – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : “चाय पिएंगी बुआ।” विनया सुलोचना से पूछती है। “नेकी और पूछ–पूछ, इतनी भाषणबाजी के बाद कुछ तो इनाम मिलना ही चाहिए मुझे।” सुलोचना हॅंस कर कहती है। “पर कैसे ठीक करुॅं सब कुछ”…मन में सोचती विनया अपनी सास अंजना के कमरे की ओर देखती हुई रसोई की ओर बढ़ गई। … Read more

लड़के वाले सीजन -3 (भाग – 13) : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : जैसा कि आप सबने अभी तक पढ़ा कि शुभ्रा की होने वाली सासू माँ ने उसके लिए उसकी पसंद का जेवर ले लिया हैँ… उमेश और शुभ्रा की शादी में दिन भी कुछ ज्यादा नहीं बचे हैँ…. कभी दादा जी कभी शुभ्रा की माँ बेटी का ब्याह पास आते देख … Read more

अंतर्मन की लक्ष्मी – आरती झा आद्या : Moral Stories in Hindi

Moral Stories in Hindi : यूॅं ही कोई गृहलक्ष्मी नहीं बन जाती भाभी, खुद के लिए दूसरों के लिया सोचना करना होता है। अभी थोड़ी देर पहले ड्योढ़ी लाॅंघ कर आई विनया घूॅंघट की आड़ से अपनी ननद संपदा की कही बात सुन रही थी। “हाॅं, और क्या, तेरी माॅं को ही देख ले संपदा। … Read more

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